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प्याज़ की खेती की संपूर्ण जानकारी (Onion Farming Details in Hindi)

प्याज़ (Onion) की खेती एक लाभदायक कृषि व्यवसाय है जो पूरे वर्ष किया जा सकता है। प्याज़ को मुख्य रूप से उसके कंद (bulb) के लिए उगाया जाता है, जिसका उपयोग सब्ज़ी, मसाले और सलाद में किया जाता है। नीचे प्याज़ की खेती की पूरी जानकारी दी गई है:
🌱 प्याज़ की खेती की संपूर्ण जानकारी (Onion Farming Details in Hindi)
1. जलवायु और मिट्टी (Climate and Soil)
- प्याज़ को समशीतोष्ण जलवायु की आवश्यकता होती है।
- बहुत अधिक वर्षा और गर्मी प्याज़ के लिए हानिकारक होती है।
- प्याज़ के लिए बलुई दोमट या चिकनी दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है।
- मिट्टी का pH मान 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
2. प्रमुख किस्में (Popular Varieties)
| किस्म का नाम | विशेषता |
|---|---|
| N-53 | खरीफ मौसम के लिए उपयुक्त |
| Agrifound Dark Red | रबी मौसम के लिए उपयुक्त |
| Bhima Shakti | बड़ी गांठें, अधिक उपज |
| Pusa Red | जल्दी पकने वाली किस्म |
3. बुआई का समय (Sowing Time)
- खरीफ प्याज़: जून-जुलाई
- रबी प्याज़: अक्टूबर-नवंबर
- ज़ायद प्याज़: जनवरी-फरवरी
4. बीज की मात्रा (Seed Quantity)
- प्रति हेक्टेयर: 8–10 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
- पौधशाला (nursery) में पहले बीज बोकर 40-45 दिन में पौधे तैयार किए जाते हैं।
5. पौध तैयार करना (Nursery Preparation)
- अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद के साथ ज़मीन को भुरभुरा बनाएं।
- कतारों में बीज बोएं और हल्की सिंचाई करें।
- 40-45 दिन में पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं।
6. रोपाई (Transplanting)
- पौधों की रोपाई 10-15 सेमी दूरी पर करें।
- कतार से कतार की दूरी 15-20 सेमी रखें।
- रोपाई के बाद हल्की सिंचाई करें।
7. खाद और उर्वरक (Fertilizers)
| उर्वरक | मात्रा (प्रति हेक्टेयर) |
|---|---|
| गोबर की खाद | 20-25 टन |
| नाइट्रोजन (N) | 80-100 किग्रा |
| फॉस्फोरस (P) | 40-50 किग्रा |
| पोटाश (K) | 40-50 किग्रा |
नोट: नाइट्रोजन को 2-3 भागों में बांटकर दें।
8. सिंचाई (Irrigation)
- पहली सिंचाई रोपाई के तुरंत बाद।
- गर्मियों में हर 5-7 दिन पर और ठंड में 10-12 दिन पर सिंचाई करें।
- प्याज़ की फसल को पकने के समय सिंचाई बंद कर दें।
9. निराई-गुड़ाई (Weeding & Hoeing)
- पहली निराई रोपाई के 20-25 दिन बाद करें।
- 2-3 बार निराई-गुड़ाई आवश्यक होती है।
- खरपतवार नियंत्रण के लिए मल्चिंग या हर्बीसाइड्स का प्रयोग किया जा सकता है।
10. रोग और कीट नियंत्रण (Pests & Diseases)
| समस्या | समाधान |
|---|---|
| थ्रिप्स | नीम आधारित कीटनाशक या फिप्रोनिल का छिड़काव |
| पत्ती झुलसा | मैंकोजेब या कार्बेन्डाजिम का छिड़काव |
| सफेद सड़न | फसल चक्र अपनाएं और रोगग्रस्त पौध हटाएं |
11. तोड़ाई और भंडारण (Harvesting & Storage)
- जब पत्ते पीले होकर गिरने लगें, तब प्याज़ की खुदाई करें।
- प्याज़ को 4-5 दिन तक धूप में सुखाएं।
- अच्छी तरह सूखने के बाद प्याज़ को छायादार, हवादार स्थान पर भंडारण करें।
12. उपज (Yield)
- प्रति हेक्टेयर: 200–300 क्विंटल (सिंचित क्षेत्र में)
- अच्छी देखभाल करने पर और भी अधिक उपज संभव है।
✅ विशेष सुझाव:
- अच्छी किस्म के बीज ही प्रयोग करें।
- समय-समय पर रोग और कीटों की निगरानी करें।
- प्याज़ के साथ फसल चक्र अपनाएं (जैसे – गेहूं, मक्का आदि)।
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