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बैंगन (Brinjal) की खेती कैसे करें? (Brinjal/Eggplant Farming in Hindi)

बैंगन (Brinjal) की खेती कैसे करें? (Brinjal/Eggplant Farming in Hindi)
बैंगन (Brinjal) भारत में प्रमुख सब्जियों में से एक है जिसे देश के लगभग हर हिस्से में उगाया जाता है। यह गर्म जलवायु में अच्छी उपज देता है और इसकी कई किस्में होती हैं। नीचे बैंगन की खेती से जुड़ी संपूर्ण जानकारी दी गई है:
बैंगन (Brinjal) की खेती कैसे करें? (Brinjal/Eggplant Farming in Hindi)
🌱 1. जलवायु व तापमान (Climate and Temperature)
- उचित तापमान: 25°C से 35°C
- कम से कम तापमान: 15°C
- बैंगन को गर्म जलवायु की जरूरत होती है। ठंड में इसकी वृद्धि धीमी हो जाती है।
🧱 2. मिट्टी का चयन (Soil Selection)
- उपयुक्त मिट्टी: दोमट (loamy), बलुई दोमट मिट्टी
- pH मान: 5.5 से 6.5
- मिट्टी उपजाऊ और जल निकास वाली होनी चाहिए।
🌾 3. प्रमुख किस्में (Popular Varieties)
- Pusa Purple Long
- Pusa Purple Cluster
- Pusa Hybrid-5
- Bhagyamati
- Arka Navneet (हाइब्रिड)
- Punjab Bahar
- Kashi Sandesh
🌱 4. नर्सरी तैयार करना (Nursery Preparation)
- 1 हेक्टेयर खेत के लिए लगभग 200-300 ग्राम बीज पर्याप्त होता है।
- बीज को बोने से पहले 24 घंटे पानी में भिगोकर फफूंदनाशक (Trichoderma या Carbendazim) से उपचारित करें।
- बीजों को 10-12 सेमी की दूरी पर छाया वाले स्थान में बोयें।
🔁 5. रोपाई (Transplanting)
- रोपाई का समय:
- सर्दियों की फसल: अगस्त–सितंबर
- गर्मी की फसल: जनवरी–फरवरी
- पौधों की दूरी:
- कतार से कतार: 60 सेमी
- पौध से पौध: 45 सेमी
💧 6. सिंचाई (Irrigation)
- गर्मियों में हर 5-7 दिन में एक बार
- सर्दियों में 10-12 दिन में एक बार
- जल जमाव न हो इसका ध्यान रखें।
🧴 7. खाद व उर्वरक (Manure & Fertilizer)
- खाद:
- गोबर की खाद: 20-25 टन/हेक्टेयर
- रासायनिक उर्वरक (प्रति हेक्टेयर):
- नाइट्रोजन (N): 100-120 किग्रा
- फॉस्फोरस (P): 60 किग्रा
- पोटाश (K): 50 किग्रा
आधी मात्रा खेत तैयार करते समय और बाकी फूल आने पर दें।
🐛 8. रोग और कीट नियंत्रण (Pest & Disease Control)
🔹 प्रमुख कीट:
- भुनगा (Aphids) – रोग फैलाते हैं।
- फल छेदक कीट (Fruit Borer) – फल को नुकसान पहुंचाते हैं।
- जड़ की गाँठ रोग (Root-knot nematode)
🔹 नियंत्रण:
- नीम आधारित कीटनाशक का छिड़काव करें।
- रोग के अनुसार Carbendazim, Malathion, Imidacloprid जैसे रसायनों का उपयोग करें।
- फसल चक्र अपनाएं।
🧺 9. तुड़ाई (Harvesting)
- रोपाई के 60–80 दिन बाद फल तोड़ने लायक हो जाते हैं।
- फल मध्यम आकार का, चमकदार व कठोर होना चाहिए।
- 5–7 दिन के अंतराल में तुड़ाई करें।
📦 10. उत्पादन (Yield)
- देशी किस्में: 200-300 क्विंटल/हेक्टेयर
- हाइब्रिड किस्में: 400-500 क्विंटल/हेक्टेयर
💰 11. लाभ व बाजार मूल्य (Profit & Market)
- बैंगन की मांग वर्षभर रहती है।
- बाजार में भाव किस्म, मौसम और स्थान पर निर्भर करता है।
- मंडियों या सुपरमार्केट को सीधी आपूर्ति से अधिक लाभ मिल सकता है।
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