इंट्राडे ऑप्शन ट्रेडिंग: “Fixed SL vs Technical SL”

बहुत बढ़िया सवाल उठाया आपने! ✅
Fixed SL vs Technical SL” को समझना इंट्राडे ऑप्शन ट्रेडर के लिए बहुत जरूरी है।


🔍 Fixed SL क्या होता है?

Fixed SL मतलब आपने एक फिक्स अमाउंट सोच लिया – जैसे ₹10, ₹15 या 10%– और हर ट्रेड में वही स्टॉप लॉस लगाते हो, चाहे चार्ट कुछ भी बोले।

🔸 उदाहरण:

अगर आपने NIFTY 22500 CE को ₹100 पर खरीदा, तो आप हर बार SL ₹90 पर रखोगे (₹10 का SL)।
समस्या: ये SL कभी बहुत टाइट हो सकता है या कभी बहुत लूज़ – चार्ट की सिचुएशन को ध्यान में नहीं रखता।


🧠 Technical SL क्या होता है?

Technical SL चार्ट पर दिए गए सपोर्ट, रेजिस्टेंस, ट्रेंडलाइन, या इंडिकेटर्स के हिसाब से लगाया जाता है। इसका मतलब आप logic-based SL लगा रहे हो, न कि अंदाज़े से।

✅ ये ज़्यादा सही SL होता है क्योंकि:

  1. मार्केट स्ट्रक्चर के अनुसार होता है
  2. फाल्स मूव से बचाता है
  3. Risk-to-Reward ratio अच्छा सेट होता है

📊 Technical SL कैसे लगाएं?

🔹 Support/Resistance से SL लगाना (Buy Trade के लिए):

अगर आपने किसी सपोर्ट से बाउंस होते हुए NIFTY CE खरीदा है, तो SL उस सपोर्ट के नीचे लगाओ।

📌 Example:


🔹 Indicators से SL लगाना:

1. Moving Average (EMA 9, 21):

Buy ट्रेड लिया है, तो SL – EMA के नीचे
Sell ट्रेड लिया है, तो SL – EMA के ऊपर

2. Supertrend Indicator:

Buy → Supertrend के नीचे SL
Sell → Supertrend के ऊपर SL

3. ATR (Average True Range):

ये बताता है कि कितनी मूवमेंट नॉर्मल है।
SL = Entry Price – (ATR * 1.5) (Buy के लिए)


📘 Example: Technical SL in Real Case

➡️ अब आपका Risk: ₹8
➡️ Reward: ₹15
✅ Risk-to-Reward Ratio: 1:2 से बेहतर


🧩 निष्कर्ष (Conclusion):

Feature Fixed SL Technical SL
बेसिस फिक्स अमाउंट चार्ट एनालिसिस
एडजस्टमेंट नहीं हाँ
Accuracy कम ज़्यादा
फाल्स मूव से बचाव नहीं हाँ

👉 इसलिए, Technical SL ज्यादा स्मार्ट और लॉजिक-बेस्ड होता है।

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