ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस सेट करने की रणनीतियाँ (Stop Loss Strategies)
स्टॉप लॉस सेट करने की रणनीतियाँ (Stop Loss Strategies) आपको ट्रेडिंग में नुकसान को सीमित करने और लाभ को सुरक्षित रखने में मदद करती हैं। आइए इन रणनीतियों को विस्तार से और सरल भाषा में समझते हैं:
ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस सेट करने की रणनीतियाँ (Stop Loss Strategies)
1. प्रतिशत विधि (Percentage Method)
क्या है?
स्टॉक की कीमत का एक निश्चित प्रतिशत तय करके स्टॉप लॉस सेट करना।
कैसे काम करता है?
मान लीजिए आपने ₹100 पर शेयर खरीदा और आप अधिकतम 5% का नुकसान सह सकते हैं, तो स्टॉप लॉस होगा ₹95।
सुझाव:
इंट्राडे ट्रेडिंग: 1%–2%
स्विंग ट्रेडिंग: 3%–5%
लॉन्ग टर्म निवेश: 7%–10%
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2. सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तर (Support & Resistance Levels)
क्या है?
चार्ट पर उस स्तर का पता लगाना जहाँ कीमत बार-बार रुकती या पलटती है।
यदि स्टॉक किसी मजबूत सपोर्ट के पास है, तो स्टॉप लॉस को उस सपोर्ट के थोड़ा नीचे लगाएँ।
यदि आप शॉर्ट सेल कर रहे हैं, तो स्टॉप लॉस को रेजिस्टेंस के थोड़ा ऊपर रखें।
उदाहरण:
सपोर्ट = ₹480
स्टॉप लॉस = ₹478
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3. मूविंग एवरेज आधारित (Moving Average Based SL)
क्या है?
स्टॉप लॉस को 20, 50 या 200 दिन की Moving Average के नीचे/ऊपर सेट करना।
कैसे काम करता है?
यदि स्टॉक 50-Day EMA से ऊपर ट्रेड कर रहा है, तो स्टॉप लॉस EMA के 1–2% नीचे रखें।
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4. ATR (Average True Range) आधारित रणनीति
क्या है?
ATR एक इंडिकेटर है जो वोलाटिलिटी (उतार-चढ़ाव) को मापता है।
कैसे उपयोग करें?
स्टॉप लॉस = Entry Price – (1.5 × ATR)
यह वोलाटिल मार्केट में ज्यादा उपयोगी है।
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5. ट्रेलिंग स्टॉप लॉस (Trailing Stop Loss)
क्या है?
जैसे ही शेयर का दाम बढ़ता है, स्टॉप लॉस भी साथ-साथ ऊपर शिफ्ट होता है।
फायदे:
लाभ लॉक होता है।
नुकसान सीमित रहता है।
उदाहरण:
आपने ₹100 पर खरीदा, स्टॉप लॉस ₹95
जब कीमत ₹110 पहुँची, तो स्टॉप लॉस बढ़कर ₹105
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6. चार्ट पैटर्न आधारित स्टॉप लॉस
क्या है?
Head & Shoulders, Double Top/Bottom, Flag, आदि पैटर्न के अनुसार स्टॉप लॉस लगाना।
उदाहरण:
यदि Breakout Flag Pattern से होता है, तो Stop Loss Flag के Low के नीचे लगाया जाता है।
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7. Fixed Rupee Loss Method
क्या है?
आप तय करते हैं कि एक ट्रेड में अधिकतम ₹1000 तक का नुकसान ही सहेंगे।
फिर उसी के अनुसार Quantity और SL सेट करते हैं।
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बोनस टिप: Risk to Reward Ratio तय करें
हमेशा कोशिश करें कि आपका Risk : Reward = 1:2 या 1:3 हो।
मतलब:
यदि आप ₹10 का नुकसान झेल सकते हैं, तो टारगेट कम से कम ₹20–30 होना चाहिए।