Stock Market - Share Market

स्टॉक मार्केट में ऑप्शन चेन क्या होता है?

What is option chain in stock market?

ऑप्शन चेन (Option Chain) एक सूची होती है जिसमें विभिन्न प्रकार की ऑप्शन्स की जानकारी होती है जो स्टॉक मार्केट में ट्रेड की जाती हैं। यह एक टेबल की तरह होती है जिसमें कॉल ऑप्शन (Call Option) और पुट ऑप्शन (Put Option) दोनों की डिटेल्स दी जाती हैं, जैसे कि स्ट्राइक प्राइस, एक्सपायरी डेट, ओपन इंटरेस्ट, ट्रेंडिंग प्राइस, और अन्य महत्वपूर्ण डेटा। ऑप्शन चेन का उपयोग ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स द्वारा मार्केट के मूवमेंट्स को समझने और सही ट्रेडिंग निर्णय लेने के लिए किया जाता है।

Table of Contents

स्टॉक मार्केट में ऑप्शन चेन क्या होता है? || What is option chain in stock market?

ऑप्शन चेन में जो जानकारी मिलती है, वह निम्नलिखित होती है:

  1. कॉल ऑप्शन (Call Option):
    • यह एक प्रकार का ऑप्शन होता है जो आपको किसी विशेष स्ट्राइक प्राइस पर शेयर को खरीदने का अधिकार देता है, लेकिन इसको करने की कोई बाध्यता नहीं होती।
    • उदाहरण के लिए, यदि आप एक कॉल ऑप्शन खरीदते हैं, तो आपको उस शेयर को एक निर्धारित मूल्य (स्ट्राइक प्राइस) पर खरीदने का अधिकार मिलेगा। यदि स्टॉक की कीमत स्ट्राइक प्राइस से ऊपर जाती है, तो आप फायदा उठा सकते हैं।
  2. पुट ऑप्शन (Put Option):
    • यह ऑप्शन आपको किसी खास स्ट्राइक प्राइस पर शेयर को बेचने का अधिकार देता है।
    • अगर आप पुट ऑप्शन खरीदते हैं और स्टॉक की कीमत गिर जाती है, तो आप स्ट्राइक प्राइस पर शेयर बेच सकते हैं, जिससे आपको लाभ हो सकता है।

ऑप्शन चेन की महत्वपूर्ण जानकारी:

  1. स्ट्राइक प्राइस (Strike Price):
  2. एक्सपायरी डेट (Expiration Date):
    • ऑप्शन की समाप्ति तिथि, जिस दिन ऑप्शन का उपयोग नहीं किया जा सकता और वह निष्क्रिय हो जाता है।
  3. ओपन इंटरेस्ट (Open Interest):
    • यह वह संख्या है जो यह दर्शाती है कि कितने ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स खुलें हुए हैं (यानी, कितने ऑप्शन अभी भी एक्टिव हैं)। ओपन इंटरेस्ट का उच्च होना एक संकेत हो सकता है कि बाजार में उस ऑप्शन की उच्च तरलता (liquidity) है।
  4. ट्रेडिंग वॉल्यूम (Trading Volume):
    • यह दिखाता है कि एक निश्चित समय में कितने ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स ट्रेड हुए हैं। इसका उपयोग बाजार की गतिविधि को समझने के लिए किया जाता है।
  5. इंफ्युटी प्राइस (Implied Volatility):
    • यह ऑप्शन की कीमतों में बदलाव की संभावना को दिखाता है। उच्च इंफ्युटी का मतलब है कि शेयर की कीमत में बड़ा बदलाव होने की संभावना है, और कम इंफ्युटी का मतलब है कि कीमत में कम बदलाव की संभावना है।
  6. डेल्टा (Delta):
    • डेल्टा यह दर्शाता है कि ऑप्शन की कीमत कितनी तेजी से शेयर की कीमत के बदलाव पर प्रतिक्रिया करती है। यदि डेल्टा 1 है, तो ऑप्शन की कीमत शेयर की कीमत में हर 1 अंक के बदलाव पर पूरी तरह से प्रभावित होती है।

ऑप्शन चेन का उपयोग कैसे करें?

  1. मार्केट सेंटिमेंट समझना:
    • ऑप्शन चेन की मदद से आप बाजार के ट्रेंड और सेंटिमेंट (भावनाओं) को समझ सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर कॉल ऑप्शन का ओपन इंटरेस्ट बहुत ज्यादा है, तो इसका मतलब हो सकता है कि लोग शेयर की कीमत के बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं।
  2. स्ट्राइक प्राइस का चयन:
  3. एक्सपायरी डेट का ध्यान रखना:
  4. वोलाटिलिटी का अवलोकन:
    • इंफ्युटी प्राइस का ध्यान रखें, क्योंकि उच्च वोलाटिलिटी ऑप्शन की कीमत को प्रभावित कर सकती है। इसका मतलब है कि अगर शेयर की कीमत में तेजी से बदलाव की संभावना है, तो ऑप्शन की कीमतें भी उच्च हो सकती हैं।

ऑप्शन चेन के उदाहरण:

मान लीजिए एक कंपनी का शेयर वर्तमान में ₹1000 पर ट्रेड कर रहा है। ऑप्शन चेन में विभिन्न कॉल और पुट ऑप्शन दिए जाएंगे:

  • कॉल ऑप्शन (₹1000 स्ट्राइक प्राइस) – ₹50
  • पुट ऑप्शन (₹1000 स्ट्राइक प्राइस) – ₹40
  • कॉल ऑप्शन (₹1100 स्ट्राइक प्राइस) – ₹25
  • पुट ऑप्शन (₹900 स्ट्राइक प्राइस) – ₹60

यह जानकारी दर्शाती है कि ₹1000 स्ट्राइक प्राइस के कॉल ऑप्शन की प्रीमियम ₹50 है और ₹1000 स्ट्राइक प्राइस के पुट ऑप्शन की प्रीमियम ₹40 है।

निष्कर्ष:

ऑप्शन चेन एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो निवेशकों को बाजार के मूवमेंट को समझने और उनकी ट्रेडिंग रणनीतियों को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह ऑप्शन के प्राइसिंग, ओपन इंटरेस्ट, वोलाटिलिटी, और अन्य डेटा के आधार पर निर्णय लेने का एक शक्तिशाली तरीका प्रदान करता है।

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