लंदन। ब्रिटेन में 230 वोल्ट और 55 वाट का डीसी ओसराम बल्ब पिछले सौ साल से रोशनी दे रहा है। उसने एक हजार घंटे तक रोशनी देने की किसी बल्ब की क्षमता को कहीं पीछे छोड़ दिया है। टाईटेनिक जहाज के डूबने के कुछ ही महीने बाद 1912 में यह बल्ब बना था।
द सन में प्रकाशित खबर के मुताबिक रोजर डायबॉल (74) ने इस बल्ब के बारे में बताया कि सफोल्क के लोवस्टोफ स्थित उनके घर के बरामदे में यह बल्ब अभी तक रोशनी दे रहा है। जब 45 साल पहले वह इस मकान में आये थे तब भी यह वहां लगा था। डायबॉल उत्तरी लंदन में वेम्बले में बने इस बल्ब से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने इसके सीरियल नम्बर और अन्य व्योरे के साथ कम्पनी ओसराम-जीईसी के लंदन स्थित मुख्यालय को पत्र लिखा।
चिट्ठी के जवाब में कंपनी ने 1968 में बताया कि इस बल्ब का निर्माण जुलाई 1912 में हुआ था। उनको ऐसी उम्मीद है कि यह बल्ब ऐसे ही जलता रहेगा। ऐसा कहा जाता है कि सामान्यता एक बल्ब 1000 घंटे जलने के बाद फ्यूज हो जाते है। इस बल्ब ने तकनीकि रूप से सारी अवधारणाओं को पीछे छोड़ दिया है। इससे पहले मार्गेट केंट नामक स्थान पर ब्रिटेन में सबसे अधिक समय तक जलने वाले बल्ब का पता चला था। ऐसा अनुमान है कि थॉमस अल्वा एडीसन के बिजली का आविष्कार करने के बाद इसको बनाया गया था।