आज बढ़ती आबादी व निर्बाध रूप से हो रहे निर्माण कार्यों का कारण धरती से जंगल खत्म होते जा रहे हैं। जंगल धरती की ऐसी प्राकृतिक संपदा है जो धरती पर मनुष्यों व जीव-जंतुओं के जीवन को आसान व रहने योग्य बनाते हैं। जंगल सैकड़ों जीव जंतुओं को ही नहीं, जड़ी-बूटियों को भी आश्रय देते हैं। जंगल पर्यावरण के लिहाज से ही नहीं, किसी देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी बेहद जरूरी है। दुनिया भर में जंगलों को बचाने पर बहुत जोर दिया जा रहा है, मुहिम चलाई जा रही है, पौधरोपण किया जा रहा है। इसके लिए खासतौर से ट्रेंड व्यक्तियों जैसे कि फारेस्टरी स्पेशलिस्ट, फारेस्टरी मैनेजमेंट एक्सपर्ट और फॉरेस्ट ऑफिसर्स की मांग बढ़ती जा रही है ।
कार्य क्षेत्र
फॉरेस्टरी के अंतर्गत जंगलों की सुरक्षा, लकड़ी की जरुरतों को पूरा करने के लिए वृक्षों की खेती, उन्हें आग, बीमारी और अतिक्रमण रोकने से संबंधित कार्यों फारेस्टर को दक्षता प्राप्त होती है। इनके कार्यों में जीव-जंतुओं के बिहेवियर को समझना, पेड़-पौधों की साइंटिफिक तौर पर जांच करना, कीड़े-मकोड़ों से पौधों की सुरक्षा करना आदि प्रमुखता से शामिल होता है। इसके अलावा जानवरों, पेड़ों व प्रकृति की खूबसूरती को बचाए रखने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
शैक्षिक योग्यता
फारेस्टरी से संबंधित ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन और डिप्लोमा स्तर के कई कोर्स हैं। यहां तक कि आप फारेस्टरी में पीएचडी भी कर सकते हैं। ऐसे व्यक्ति जिन्होंने इंटरमीडिएट स्तर पर फिजिक्स, केमेस्ट्री, और बायोलॉजी की पढ़ाई की है वे बीएससी फारेस्टरी का कोर्स करने के बाद फारेस्ट मैनेजमेंट, कमर्शियल फारेस्टरी, फारेस्ट इकोनामिक्स, वुड साइंस एंड टेक्नोलॉजी, वाइल्ड लाइफ साइंस, वेटेरिनरी साइंस आदि कोर्स कर सकते हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ फारेस्ट मैनेजमेंट, नेहरू नगर भोपाल फारेस्ट मैनेजमेंट का कोर्स कराता है। इसके बाद आप किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से पीएचडी भी कर सकते हैं। इतना ही नहीं फॉरेस्ट्री में बैचलर डिग्री लेने के बाद आप यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा आयोजित इंडियन फारेस्ट सर्विस की परीक्षा में भी शामिल हो सकते हैं।
अतिरिक्त योग्यता
इस प्रोफेशन में करिअर मजबूत बनाने के लिए आपको फिजिकली भी मजबूत होना जरूरी है, इसके साथ ही आपका प्रकृति प्रेमी होना इस प्रोफेशन में सोने पे सुहागा साबित होगा। अगर आप घूमने-फिरने के शौकीन हैं, एडवेंचर पसंद करते हैं और चुस्त दुरुस्त हैं तो यह आपके करिअर को और आगे ले जाने में मदद करेगी। आप में धैर्य और वैज्ञानिक चेतना, प्रकृति से लगाव जैसे गुण हैं तो आपको फरेस्टरी के अध्ययन और उससे संबंधित कार्य में आनंद आएगा।
कोर्स और संस्थान
इस प्रोफेशन में करिअर को बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए छात्रों को बीएससी फारेस्टरी या एमएससी फारेस्टरी में प्रवेश लेना होता है। कई संस्थान इसमें प्रवेश के लिए परीक्षा का भी आयोजन करते हैं।
1. Agricultural College And Research Institute Coimbatore, Tamil Nadu
2. Birsa Agricultural University, Kanke, Ranchi
3. College of Agricultural Engineering & Technology, Ch. Charan Singh Haryana Agricultural University, Hisar
4. College of Agricultural Engineering, Punjab Agriculture University, Hisar
5. College of Agricultural Engineering, Punjab Agriculture University, Ludhiana
6. College of Horticulture & Forestry, Solan Himachal Pradesh
7. Gujarat Agricultural University, Faculty of Agriculture, Sardar Krushinagar Banaskantha
8. Jawaharlal Nehru Krishi Vishwavidyalaya, Faculty of Agricultural Engineering, Krishi Nagar, Agartala, Jabalpur – फीचर डेस्क
रोजगार के अवसर अनेक
फारेस्टर्स का काम विशेषता के आधार पर ऑफिस, लेबोरेटरी या फील्ड कहीं भी हो सकता है। संबंधित कोर्स करने के बाद आप सरकारी और गैरसरकारी संगठनों के अतिरिक्त प्लांटेशन की फील्ड में कार्यरत कारपोरेट कंपनी में भी जॉब पा सकते हैं। इतना ही नहीं विभिन्न इंडस्ट्री में इंडीस्ट्रियल और एग्रीकल्चरल कंसल्टेंट के रूप में भी नौकरी के अवसर होते हैं। इसके अलावा अनेक शोध संस्थानों, जूलाजिकल पार्कों, आदि में नौकरी की संभावना होती है। इसके अतिरिक्त फारेस्ट और वाइल्ड लाइफ कन्वर्जेशन से संबंधित विशेषज्ञ के तौर पर आप काम कर सकते हैं।
फारेस्टर
एक सफल फारेसटर का काम जंगल और जंगली जीवों की सुरक्षा करना, लैंड स्केप मैनेजमेंट, जंगल व प्रकृति से संबंधित अध्ययन और रिपोर्ट को तैयार करना होता है।
डेंड्रोलाजिस्ट
डेंड्रोलाजिस्ट मुख्य रूप से लकड़ी और पेड़ों की साइंटिफिक स्टडी करते हैं। इनके कार्यों में पौधों को बीमारियों से बचाने का जिम्मा होता है।
एंथोलाजिस्ट
इनका काम एनीमल बिहेवियर का वैज्ञानिक अध्ययन करना होता है। ये चिड़ियाघर, एक्वेरियम और लेबोरेटरी में जानवरों की हेल्दी हैबिट्स डिजाइन करने का काम भी करते हैं। इन्हें जानवरों का सबसे करीबी माना जाता है।
एंटोमोलाजिस्ट
एंटोमोलाजिस्ट कीड़े मकोड़े से होने वाली बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए अध्ययन करते हैं। यह एक तरीके से पौधों की सुरक्षा का जिम्मा उठाते हैं।
सिल्वीकल्चररिस्ट
इनका काम जंगलों के विस्तार के लिए विभिन्न पौधों को तैयार करना है और उनके विकास की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर होती है।
फारेस्ट रेंज ऑफिसर
इनका काम जंगलों, अभ्यारण्य, गार्डेन की सुरक्षा करना होता है। इनका चयन इंडियन फारेस्ट सर्विसेस के तहत होता है।
जू क्यूरेटर
जू क्यूरेटर चिड़ियाघर में जानवरों की दिनचर्या को जांचता है और उनके कल्याण और प्रशासन के लिए जिम्मेदार होते हैं।