प्रेम रावत और उनका संदेश।
श्री प्रेम रावत, जो मानद उपाधि महाराज जी के नाम से भी प्रख्यात हैं, पिछले चार दशक से शान्ति का सन्देश पूरे विश्व में लोगों तक पहुंचा रहे हैं. उनका कहना है की
“हर मनुष्य के अन्दर एक बहुत ही सुन्दर अनुभव है, जहाँ पहुँच कर हम परम शान्ति और आनंद को महसूस कर सकते हैं. और उस अनुभव तक पहुँचने के लिए मैं आपकी मदद कर सकता हूँ.”
उनका सन्देश सिर्फ शब्दों तक ही सीमित नहीं है. लोगों को उस शान्ति तक पहुँचने के लिए वे उनका मार्गदर्शन भी करते हैं.
महाराजी को उनके महान कार्य के लिए संसार के कई देशों मेंसम्मानित किया गया है. उन्होंने संसार के ९० से अधिक देशो में लोगों को संबोधित किया है. पूरी दुनिया के अनेक विश्वविद्यालयों औरसामाजिक संगठनो द्वारा उन्हें नियमित रूप से आमंत्रित किया जाता है. उनके सन्देश का अनुवाद ७० भाषाओं में किया गया है जिसे १०० से भी ज्यादा देशों में उपलब्ध कराया जाता है.
महाराजी अपने व्यस्त कार्यक्रमों के बावजूद सामाजिक कार्यो में भी रूचि लेते हैं. उनके द्वारा स्थापित संस्था प्रेम रावत फाउंडेशन ने संसार में अनेक जगह लोगों की मदद की है. भारत में राज विद्या केंद्र संस्था द्वारा दिल्ली और रांची में समय-समय पर निशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया गया जिसमे हजारों लोगों को चश्मे दिए गए और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराइ गई. महाराजी ने रांची के निकट बंटोली गाँव में एक जन-भोजन नामक कार्यक्रम का उद्घाटन किया. इसके तहत करीब ५०० बच्चों और २०० वयस्कों को हर रोज़ पोष्टिक भोजन बाटां जा रहा है.
उनकी विश्व प्रसिद्ध पुरस्कृत कार्यक्रम वर्ड्स ऑफ़ पीस (words of peace) उनके सन्देश को उपग्रह टेलिविज़न के माध्यम से प्रसारित कर रही है. दक्षिणी और उत्तरी अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, और पैसिफिक के ५० देशों और ४८ भाषाओँ में हर हफ्ते उनका सन्देश लोगों तक पहुँच रहा है. यह प्रोग्राम केवल अमेरिका में २५ मिलियन (२.५ करोड़) लोगों तक पहुँच रहा है. भारत में यह सन्देश १० क्षेत्रीय भाषाओँ में प्रतिदिन १६ घंटे प्रसारित होता है. इसे साप्ताहिक रूप से ७००० केन्द्रों में दिखाया जाता है. वर्ड्स ऑफ़ पीस ग्लोबल फाउंडेशन (WOPG) महाराजी की शान्ति प्रयास, उनका सन्देश और उनकी कहानियाँ, समाचार लेख, और वार्तालाप की एक चित्रमाला प्रस्तुत करती है.
महाराजी पूरे भारत वर्ष के कई शहरों में लगातार लोगों को संबोधित कर रहे हैं. छोटे-छोटे ऑडिटोरियम से लेकर बड़े-बड़े स्टेडियम तक. गाँव-कस्बों से लेकर बड़े-बड़े शहरों तक हर कार्यक्रम में लोग उनके सन्देश को बहुत ही ध्यान से सुनते हैं और उसका आनंद लेते हैं. हर वर्ष उनके कार्यक्रम में आने वालों की संख्या बढती जा रही है. कई कार्यक्रम में तो श्रोताओं की संख्या ३ लाख तक पहुँच जाती है.
भले ही श्रोताओं की संख्या लगातार बढ़ रही हो, लेकिन उनका सन्देश आज भी सीधे हर उस व्यक्ति के लिए है जो उन्हें सुनने आते हैं. जिन लोगों को इस सन्देश में दिलचस्पी है, महाराजी उन्हें चार क्रियायें देते हैं, जिसे आत्म-ज्ञान भी कहते हैं. इनके अभ्यास द्वारा मनुष्य की वृतियां एकाग्र होकर अन्दर की ओर मुड़ती हैं. मनुष्य अपने खुद का अनुभव प्राप्त करता है, और अनुपम तरीके से जीवन का सच्चा आनंद लेता है. ज्ञान-मार्ग में तैयार करने के लिए महाराजी ने ज्ञान कुंजीसंकलित की हैं. महाराजी इन्हें एक अनमोल उपहार के रूप में निशुल्क देते हैं.
साभार:- YPI
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श्री प्रेम रावत जी।
राज विद्या केंद्र नई दिल्ली।
Words of Peace
Young People's Initiative
The Prem Rawat Foundation
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