तीसरी पीढ़ी की अवधि 1964-1971 थी
इस अवधि के कंप्यूटरो का एक साथ प्रयोग किया जा सकता था. यह समकालित चिप विकास की तीसरी पीढ़ी का महत्वपूर्ण आधार बनी, कंप्यूटर के आकार को और छोटा करने हेतु तकनिकी प्रयास किये जाते रहे जिसके परिणाम स्वरूप सिलकोन चिप पर इंटीग्रेटेड सर्किट निर्माण होने से कंप्यूटर में इनका उपयोग किया जाने लगा ! जिसके फलस्वरूप कंप्यूटर अब तक के सबसे छोटे आकार का उत्पादन करना संभव हो सका ! इनकी गति माइक्रो सेकंड से नेनो सेकंड तक की थी जो स्माल स्केल इंटीग्रेटेड सर्किट के द्वारा संभव हो सका.
उच्च स्तर की भाषा (चतुर्थ, कोबोल, पास्कल पी एल / 1, बुनियादी, ALGOL-68 आदि के लिए फोरट्रान द्वितीय) इस पीढ़ी के दौरान इस्तेमाल किया गया.
तीसरी पीढ़ी की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
l आईसी इस्तेमाल किया
l अधिक विश्वसनीय
l छोटे आकार
l कम गर्मी पैदा
l तेज़
l कम रखरखाव
l फिर भी महंगा
l एसी की जरूरत
l बिजली खपत कम
l उच्च स्तर की भाषा का समर्थन
इस पीढ़ी के कुछ कंप्यूटर थे: आईबीएम-360 श्रृंखला
हनीवेल-6000 श्रृंखला
पीडीपी (पर्सनल डाटा प्रोसेसर)
IBM-370/168
टीडीसी-316
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