किसी शेयर का PE Ratio यानी मूल्य आय अनुपात जान कर बहुत आसानी से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि शेयर की कीमतों में बढ़ोतरी की कितनी संभावना है. इसी प्रकार पूरे बाजार का PE Ratio देख कर आप बाजार के बढ़ने की संभावनाओं का अंदाजा भी लगा सकते हैं. किसी एक उद्योग या वर्ग के शेयरों का PE Ratio देख कर भी आप यह अंदाजा लगा सकते हैं की उनमें बढ़ने की संभावना है या नहीं.
PE Ratio संकेत मात्र है और निवेश का फैसला करने में सहयोगी हैं मगर जब भी निवेश करें तो कंपनी, उसके उद्योग तथा बाजार के बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद ही निवेश करें.
इसी प्रकार दो शेयरों, दो उद्योगों, दो देशों के बाजारों अथवा दो वर्गों के शेयरों के बाजार भाव की तुलना करनी हो तो PE Ratio एक बहुत ही काम का टूल है. एक ही शेयर या उद्योग या बाजार की कीमतों की तुलना उनके ऐतिहासिक मूल्यों और अनुपात से भी की जाती है. इससे यह पता चलता है की कोई शेयर या बाजार पहले कितने मूल्य अनुपात तक बढ़ा या गिरा है.
PE Ratio केवल लाभ देने वाले शेयर के लिए ही गिन सकते हैं. जब आय ही नहीं हो तो मूल्य आय अनुपात नहीं निकाल सकते. आसान भाषा में समझें तो PE Ratio यह जानने का तरीका है कि कंपनी की आय का जो हिस्सा प्रति शेयर को प्राप्त होगा उसके अनुपात में शेयर की बाजार में कीमत क्या है. PE Ratio जानने के लिए सबसे पहले गिनते हैं EPS यानि प्रति शेयर आय. उसके बाद एक शेयर की कीमत से EPS को विभाजित करके PE Ratio निकाल सकते हैं.
पी ई रेश्यो =शेयर की बाजार में कीमत/प्रति शेयर आय
PE Ratio = Merket Price / EPS
अब इसे एक उदहारण से समझते हैं. मान लीजिये अबस कंपनी के दस रुपये मूल्य के 100000 शेयर हैं. कंपनी की वार्षिक आय है रुपये 2,00,000. अब शेयर का EPS होगा 2,00,000/100000 = रु 2. अब यदि शेयर का बाजार में मूल्य रु 18 है तो शेयर का PE Ratio होगा:
PE Ratio = 18/2 =9.
अब हम इस PE Ratio का उपयोग कैसे करेंगे? अब कंपनी के शेयर के मूल्य का इतिहास देखिये. इसका अधिकतम PE Ratio कितना रहा है? इसी प्रकार अबस कंपनी जिस उद्योग में है उसका औसत PE Ratio कितना है? पूरे बाजार का औसत PE Ratio कितना है? इन सब तुलनाओं से यह अंदाज लगाना आसान हो जाता ही कि अबस कंपनी के शेयर की वर्तमान कीमत में बढ़ने या घटने की कितनी संभावना है.
यहाँ यह स्पष्ट कर दूं कि PE Ratio संकेत मात्र है और निवेश का फैसला करने में सहयोगी हैं मगर जब भी निवेश करें तो कंपनी, उसके उद्योग तथा बाजार के बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद ही निवेश करें.
उम्मीद है कि साधारण हिंदी में लिखा PE Ratio in Hindi आपको समझ आया होगा. शेयरों में निवेश करना जुआ नहीं है, यह एक कला और विज्ञान है. जो इसे सीख लेगा वह अवश्य यहाँ कमाई करेगा