रोचक बातें
हाथियों के बारे में रोचक तथ्य
अगर आपका सामना कभी जंगल में हाथी से हो जाए और बचाव की कोई उम्मीद न रहें तो आपको हाथी से बचने के लिए पेड़ पर नही चढ़ना चाहिए और ना ही किसी चीज के पीछे छिपना चाहिए क्योकिं हाथी के सूंड मे इतनी ताकत होती है कि वह एक झटके में पेड़ को उखाड़कर फेंक सकता है। सबसे आसान तरीका है कि आपको ज्यादा से ज्यादा शोर करना चाहिए. और जोर-जोर से चिल्लाना चाहिए इससे आपके बचने की उम्मीद कहीं ज्यादा है।
आपने हमेशा देखा होगा कि हाथी दिन भर अपने कान हिलाता रहता है, क्या आपने कभी सोचा कि ऐसा क्यों? असल में हाथी अपने विशालकाय शरीर की गर्मी को कानों के जरिये बाहर छोड़ता है। यह काम हाथी के कानों की कोशिकाएं करती हैं। यही कारण है कि अफ्रीका के हाथियों के कान बहुत बड़े होते हैं, क्योंकि वहां गर्मी ज्यादा पड़ती है।
रेलवे की शुरुआत में ट्रेन के डिब्बे को धकेलने, उठाने व माल ढ़ोने के लिए क्रेन की जगह हाथी का इस्तेमाल किया जाता था। ये बात 1963 की है, जब बड़ौदा में ट्रेन को खींचने से लेकर माल ढ़ोने तक हाथियों का इस्तेमाल किया गया था।
हाथियों में यौवन अवस्था आमतौर पर 13 या 14 साल की आयु में आ जाती है. हाथी एक मात्र ऐसा जानवर है, जिसको यौन क्रिया के लिये उत्तेजित करने के लिये प्रकृति ने अलग से ग्लैंड दिया है, जिसे “टेंपोरल ग्लैंड” कहते हैं, जो कान और आंख के बीच में शरीर के अंदर होता है। वहीं से हाथी अपनी यौन इच्छाओं को नियंत्रित एवं प्रदर्शित करता है। उत्तेजित अवस्था में हाथी के कान और कान के बीच एक छिद्र में से तरल पदार्थ रिसने लगता है। उत्तेजित अवस्था में हाथी का लिंग करीब 1 मीटर लंबा होता है और अंग्रेजी के अक्षर एस के आकार का हो जाता है।
एक हाथी पानी की गंध को 4.5 किलोमीटर की दुरी से सूंघ सकता है. लेकिन आपको बता दे कि हाथी हर मिनट में केवल 2 से 3 बार सांस लेते व छोड़ते हैं।
हाथी एक एकलौता जानवर है जो कि कूद नही सकता और जिसके चार घुटने होते है.
शेर को भले ही जंगल का राजा कहा जाता है, लेकिन वह गेंडे और हाथी से कभी भी लड़ना नहीं चाहता।
हर हाथी की गरज़ भी हम मनुष्यों की आवाज की तरह भिन्न होती है. हाल के अध्ययनों से पता चला है कि हाथी जिस आवाज को सुनते हैं, उसकी नक़ल कर सकते हैं।
हाथी कभी भी आपस में नही लड़ते. अगर किसी झुंड का एक हाथी मर जाए तो सारा झुंड अजीब-अजीब तरह से गरज़ कर शौक मनाता है.
हाथी साफ सुथरा रहना पसंद करते हैं और हर रोज नहाते हैं.
हाथी अपनी सूँड से एक फर्स पर गिरा छोटा सा सिक्का भी उठा सकते हैं. कई अन्य प्रजातियों की तरह, हाथी अपनी सूंड से ब्रश को पकड़ कर “कलाकारी” भी करते हैं।
हाथी की आंखों की रौशनी कम होती है, लिहाजा वो अपनी सूँड का इस्तेमाल उसी प्रकार करता है, जिस तरह एक नेत्रहीन व्यक्ति लकड़ी का। हाथी चलते वक्त सूँड से नीचे की ओर फूंकता है, और हवा जमीन से टकरा कर वापस आती है, उससे उसे आगे की राह का अंदाजा हो जाता है। हाथी एक बार में अपनी सूँड में करीब 8 से 9 लीटर तक पानी भर सकता है। वो सूँड से 350 किलोग्राम तक वजन उठा सकता है।
मादा हाथी हर 4 साल में एक बच्चे को जरूर जन्म देती है. इसका गर्भकाल औसतन 22 महीने तक का होता है. 1 प्रतिशत मामलों में जुडवाँ बच्चे जन्म लेते हैं. नव जन्में हाथी की लंम्बाई लगभग 83 सेंटीमीटर और वजन 112 किलो तक का होता है.
हाथी के शरीर का सबसे मुलायम हिस्सा उनके कान के पीछे होता है जिन्हें “Knule” कहते हैं. हाथियों को संभालने वाले महंत अपने पैरों का उपयोग करके knule के जरिए हाथियों को निर्देश देते हैं.
हाथी की आंखों की रौशनी बहुत कम होती है। खास बात यह है कि तेज़ रौशनी में उन्हें कम दिखाई देता है और कम रौशनी में ज्यादा। हाथी की आंख की पुतलियां बहुत जल्दी सूख जाती हैं, जिस वजह से वो अपनी आंख की पुतलियां हिला नहीं पाता है। पुतलियां आसानी से हिल सकें, इसके लिये उन्हें नम रखना जरूरी होता है, यही कारण है कि हाथी की आंख में एक तरल पदार्थ की सप्लाई होती रहती है, जो ज्यादा होने पर आंख से बाहर निकल आता है, जिसे हम आंसू समझ बैठते हैं।
जवान अफ्रीकन हाथी की लंम्बाई 13 फीट तक बढ़ जाती है और भारतीय हाथियों की 10 फीट.
जवान अफ्रीकन हाथी का वजन लगभग 6,160 किलोग्राम तक होता है और भारतीय हाथियों का 5000 किलोग्राम तक.
हाथियों का जीवन काल औसतन हम मनुष्यों की तरह 70 साल तक का ही होता है.
हाथी आमतौर पर 6 किलोमीटर प्रति घंटा की रफतार से चलते हैं. इतना विशाल शरीर होने के बावजूद हाथी दिन भर में करीब 10 से 20 किलोमीटर चलते हैं और सोते सिर्फ 3 से 4 घंटे। खास बात यह है कि हाथी लेट कर नही ब्लकि खड़े होकर ही सोते हैं
जानवरों में हाथियों का दिमाग सबसे बड़ा होता है और हाथी लंम्बे समय तक पानी में तैर सकते हैं.
हाथी दिन के 16 घंटे सिर्फ खाने में ही बिता देते हैं. ये लगभग एक दिन में 120 किलो तक भोजन खा जाते हैं. खास बात यह है कि वो उसका सिर्फ 35 फीसदी ही पचा पाता है, बाकी मलद्वार से बाहर निकल जाता है।
नर हाथी 12 से 15 साल की आयु के बीच झुंड़ छोड़ देते हैं.
एक हाथी का बच्चा अक्सर आराम के लिए अपनी सूँड चुसता है.
हाथी भी मनुष्यों की तरह Right या Left Handed होते हैं.
हाथी के दाँत उसके जीवन काल के दौरान बढ़ते रहते हैं. अफ्रिकी हाथी के 4 दाँत होते है।
हाथी अपने पैरों का उपयोग सुनने के लिए भी करते हैं. जब हाथी चलते हैं तो जमीन में एक विशेष प्रकार का कंपन पैदा होता है. इस कंपन से हाथी दुसरे हाथियों के बारे में जान लेते हैं.
अगर एक “चींटी” हाथी की सूँड में घुस जाये, तो वो मरने की कगार तक पहुंच सकता है, इसीलिये हाथी फूंक-फूंक कर कदम बढ़ाता है। यह बात सही है, लेकिन इसके आगे भी एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि अगर हाथी को चींटी, मच्छर या मक्खी काट भर ले, तो उसे घाव हो सकता है, वैसे तो एक हाथी की चमड़ी लगभग एक इंच तक मोटी होती हैं. लेकिन इसकी त्वचा बहुत संवेदनशील होती है। यही कारण है कि हाथी अपनी त्वचा को सूर्य से निकलने वाली अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से बचाने के लिये मिट्टी में लोटता है।