मृदा विज्ञानी में बनाये करियर। जाने कैसे।

मिट्टी की खुशबू से निर्माण करें अपने करियर 

मृदा विज्ञानी का कार्यक्षेत्र

 मिट्टी वैज्ञानिक या मृदा वैज्ञानिक का प्राथमिक कार्य फसल की बेहतरीन उपज के लिए मृदा का विश्लेषण करना है। मृदा वैज्ञानिक मृदा प्रदूषण का विश्लेषण भी करते हैं जो उर्वरकों और औद्योगिक अपशिष्ट से उत्पन्न होता है। इन अपशिष्टों को उत्पादक मृदा में परिवर्तित करने के लिए वे उपयुक्त तरीके और तकनीक भी विकसित करते हैं। इन पेशेवरों के कार्यक्षेत्र में बायोमास प्रोडक्शन के लिए तकनीक का इस्तेमाल भी शामिल है। वनस्पति पोषण, वृद्धि व पर्यावरण गुणवत्ता के लिए भी वे कार्य करते हैं। उवर्रकों का उपयोग सुझाने में भी इनकी भूमिका अहम होती है। मिट्टी के विशेषज्ञ के रूप में वे मृदा प्रबंधन पर मार्गदर्शन करते हैं। चूंकि मृदा वैज्ञानिक शोधकर्ता, डिवलपर व सलाहकार होते हैं इसलिए वे अपने ज्ञान का इस्तेमाल बेहतरीन मृदा प्रबंधन के लिए करते हैं।
योग्यता
इस क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों को मुख्यत: सॉइल केमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, फ़िज़िक्स, पिडालजी, मिनरोलजी, बायोलॉजी, फर्टिलिटी, प्रदूषण, पोषण, बायोफर्टिलाइजर, अपशिष्ट उपयोगिता, सॉइल हेल्थ एनालिसिस आदि विषयों का अध्ययन करना चाहिए। छात्र सॉइल साइंस में बैचलर या मास्टर डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही वे सॉइल फॉर्मेशन (मिट्टी बनने की प्रक्रिया), सॉइल क्लासिफिकेशन (गुणों के अनुसार मिट्टी का वर्गीकरण), सॉइल सर्वे (मिट्टी के प्रकारों का प्रतिचित्रण), सॉइल मिनरोलजी (मिट्टी की बनावट), सॉइल बायोलॉजी, केमिस्ट्री व फिजिक्स (मिट्टी के जैविक, रासायनिक व भौतिक गुण), मृदा उर्वरकता (मृदा में कितने पोषक तत्व हैं), मृदा क्षय जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता भी प्राप्त कर सकते हैं।
रोज़गार विकल्प

अध्यापन से लेकर शोध और मिट्टी संरक्षण से लेकर कंसल्टिंग जैसे विभिन्न अवसर करियर विकल्प के रूप में मृदा वैज्ञानिकों के समक्ष मौजूद रहते हैं। कृषि, वॉटर रिहैब्लिटेशन प्रोजेक्ट, सॉइल एंड फर्टिलाइजर टेस्टिंग लैबोरेटरीज़, ट्रांसपोर्टेशन प्लानिंग, आर्कियोलॉजी, मृदा उत्पादकता, लैंडस्केप डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में भी मृदा वैज्ञानिकों की खासी मांग है।

मृदा यानी मिट्टी, धरती पर जीवन का आधार है। इसी में हर प्रकार की वनस्पति सरलता से उग पाती है और जीवन को पोषित करने का काम करती है। ऐसे में मृदा वैज्ञानिक के रूप में इस क्षेत्र में करियर बनाने के विकल्पों की भी कोई कमी नहीं है। एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन के रूप में मृदा एक अहम तत्व है। जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है, मृदा विज्ञान के तहत मिट्टी का अध्ययन एक प्राकृतिक संसाधन के रूप में किया जाता है। इसके अंतर्गत मृदा निर्माण, मृदा का वर्गीकरण, मृदा के भौतिक, रासायनिक तथा जैविक गुणों और उर्वरता का अध्ययन किया जाता है। गत वर्षो के दौरान फसल पैदावार व वन उत्पाद में वृद्धि और कटाव नियंत्रण में मिट्टी के महत्व को देखते हुए मृदा विज्ञान के क्षेत्र में रोजगार के ढेरों अवसरों का सृजन हुआ है। अब देश भर में बड़ी संख्या में सॉइल टेस्टिंग व रिसर्च लैबोरेटरी स्थापित हो रही हैं। इनमें से हरेक को प्रशिक्षित पेशेवरों की जरूरत होती है जो मिट्टी के मापदंडों का मूल्यांकन कर सकें ताकि उसकी गुणवत्ता को सुधारा जा सके।

Related Articles

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker