पर्यावरण विज्ञान में कॅरिअर
पर्यावरण को हो रही क्षति चिंताजनक स्तर पर पहुंच चुकी है। यह क्षति इस सीमा तक पहुंच गई है कि हम प्रतिदिन कम से कम एक बार भूमंडलीय तापन, जलवायु परिवर्तन, हिम पिघलने, अम्ल बारिश तथा प्रदूषण जैसे शब्द अवश्य सुनते हैं! पर्यावरणीय मामलों पर दिन-प्रति दिन जानकारी बढ़ने से ''भूमंडल की सुरक्षा” प्रत्येक राष्ट्र, उद्योग, गैर-सरकारी संगठन, बुद्धिजीवी एवं आम व्यक्ति का सामान्य उद्देश्य एवं जिमेदारी बन गई है।
इस परिदृश्य में, पर्यावरण इंजीनियरी/विज्ञान उन व्यक्तियों के लिए कॅरिअर का श्रेष्ठ विकल्प है, जो पर्यावरण की सुरक्षा तथा धारणीय विकास का दायित्व उठाना चाहते हैं। पर्यावरण विज्ञान पर्यावरण का अध्ययन है। इसमें मानव-पर्यावरण संबंध तथा उनके प्रभाव सहित पर्यावरण के विभिन्न घटक तथा पहलू शामिल हैं। इस क्षेत्र में व्यवसायी, प्राकृतिक पर्यावरण के संकट की चुनौतियों का सामना करने के प्रयत्न करते हैं। वे सभी व्यक्ति पर्यावरण विज्ञानी होते हैं जिनका अभियान पर्यावरणवाद-प्रकृति पर्यावरण के विभिन्न स्तरों पर परिरक्षा, बहाली एवं सुधार करना होता है।
शैक्षिक विषय के रूप में पर्यावरण विज्ञान एक ऐसा अंतरविषयीय शैक्षिक क्षेत्र है जो भौतिकीय तथा जैविकीय विज्ञानों को जोड़ता है। इसमें पारिस्थितिकी, भौतिकी रसायनविज्ञान, जीवविज्ञान तथा भू विज्ञान शामिल हैं।
पर्यावरण इंजीनियरी पर्यावरण के संरक्षण से संबंधित है। यह पर्यावरण का संरक्षण करने के लिए विज्ञान तथा इंजीनियरी के सिद्धांतों का अनुप्रयोग है। पर्यावरण विज्ञान/इंजीनियरी कई क्षेत्रों से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में संबंधित है। इस विषय के स्नातक तथा स्नातकोार कई उद्योगों जैसे निर्माण, रासायनिक, विनिर्माण एवं ऊर्जा के क्षेत्र में रोज़गार प्राप्त कर सकते हैं।
विश्वभर के बड़े औद्योगिक संगठनों ने, पर्यावरण को हो रही क्षति को कम करने के लिए सीएसआर कार्य प्रारंभ किए हैं। पर्यावरण के परिक्षण से संबंधित सीएसआर अपनाने वाली कंपनियां पर्यावरण विज्ञान स्नातकों तथा इंजीनियरों को रोज़गार पर रखती हैं। इसके अतिरिक्त गैर-लाभभोगी संगठन इस क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं।
सरकारी संगठनों में अवसरों की बात करें तो प्राकृतिक संसाधनों के कार्यों से जुड़े विभाग इन व्यवसायियों को रोज़गार दे सकते हैं। चाहे वे प्रदूषण नियंत्रण की नीति तैयार करने, वन एवं वन्य जीव की सुरक्षा, प्राकृतिक संसाधनों की परिरक्षा या ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों के विकास से संबंद्ध हों, उनके प्रयासों की स्पष्ट रूप से उपेक्षा नहीं की जा सकती। अनुसंधान, परामर्श तथा शिक्षा शास्त्र (अध्यापन) के भी इस क्षेत्र में अवसर हैं।
इस क्षेत्र में उपलब्ध कुछ विशेष भूमिकाएं निम्नलिखित हैं:-
पर्यावरण विज्ञानी : इनका कार्य पर्यावरण पर मानव के कार्यकलापों के प्रभाव को समझना तथा पारिस्थितिक प्रणाली को क्षति पहुंचाने वाली चुनौतियां का समाधान खोजना है। वे प्रौद्योगिकी विकास जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान करते हैं और पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रिया अपनाने का परामर्श देते हैं।
पर्यावरण इंजीनियर : वे कूड़ा प्रबंधन, लीन मैन्युफैक्चर, पुन: शोधन, उत्सर्जन नियंत्रण, पर्यावरण धारणीयता जैसे इंजीनियरी पहलुओं एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य मामलों से जुड़े कार्य करते हैं।
पर्यावरण समर्थक : वे पर्यावरण मामलों तथा नीतियों पर सरकारी कार्मिकों, विधिकर्ताओं एवं संबंधित गैर-सरकारी संगठनों को परामर्श देते हैं/सम्मत करते हैं।
पर्यावरण शिक्षाविद् : ये वे शिक्षाविद् होते हैं जो पर्यावरण विज्ञान या परिस्थितिकी या जलविज्ञान आदि जैसे समवर्गी विषय पढ़ाते हैं। इनके अतिरिक्त पर्यावरण जीव विज्ञानी, पर्यावरण मॉडलर, पर्यावरण पत्रकार एवं पर्यावरण से जुड़े प्रौद्योगिकीविद् आदि कुछ अन्य भूमिकाएं भी हैं।
वेतन :
कार्य की भूमिका के आधार पर एक स्नातक डिग्री धारी उमीदवार 15000 से 30000 रु. तक का वेतन अर्जित कर सकता है। स्नातकोार डिग्रीधारी उमीदवारों को 35000 से 50000 रु. तक का वेतन दिया जाता है। वैज्ञानिक या सलाहकार के रूप में कार्य करने वाले पीएचडी उमीदवार रु. 50000 से रु. 75000 तक का वेतन प्राप्त कर सकते हैं।
क्रेडेंशियल्स पर्यावरण विज्ञान विषय स्नातक (बीएससी), मास्टर (एमएससी) एवं पीएचडी स्तर पर पढ़ाया जाता है। इस विषय पर कुछ एमएससी कार्यक्रमों में पर्यावरण अध्ययन, आपदा प्रबंधन, परिस्थितिकी एवं पर्यावरण तथा धारणीय विकास जैसी विशेषज्ञताएं शािमल हैं।
पर्यावरण इंजीनियरी विषय बीई/बीटेक/ तथा एमई/एमटेक कार्यक्रमों के रूप में पढ़ाया जाता है। स्नातकोार पाठ्यक्रम पर्यावरण ज्योमेटिस, एवं जल तथा पर्यावरण प्रौद्योगिकी जैसी विशेषज्ञाओं के साथ चलाए जाते हैं। इनके अतिरिक्त, सिविल इंजीनियरी, यांत्रिक इंजीनियरी, रासायनिक इंजीनियरी, वास्तुकला, भूभौतिकी, महासागर विज्ञान, वनस्पतिविज्ञान, प्राणी प्राणिविज्ञान, वन्य-जीव, वायुमंडल विज्ञान तथा विधि जैसी शैक्षिक पृष्ठ भूमि वाले स्नातक भी इस क्षेत्र में आ सकते हैं। यह क्षेत्र सामाजिक विज्ञान, मानविकी, जनसंख्या अध्ययन एवं प्रबंधन के स्नातकों के लिए भी खुला है।
कौशल :
इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए विवरण पर ध्यान देना अनिवार्य है। सही समय पर सही निर्णय लेने के लिए उद्देश्य के बारे में निश्चिंतता, फोकस तथा दूर दृष्टि होना आवश्यक है। सशक्त तकनीकी कौशल के अतिरिक्त अच्छा संचार एवं अंतर-वैयक्तिक कौशल होना भी आवश्यक है।
समाधान निकालने के लिए तार्किक कौशल एवं संकल्पनात्मक तथा ज्ञान को प्रयोग में लाने की क्षमता होना अनिवार्य है। इस क्षेत्र में आने वाली सामान्य बाधाओं तथा असफलता के बावजूद धैर्य तथा दृढ़ता बनाए रखने की आवश्यकता होती है।
चुनौतियां :
किसी भी अन्य क्षेत्र की तरह पर्यावरण व्यवसायियों का भी अपने दायित्वों के निर्वहन में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। चुनौतियों एवं उनके निदान से संबंधित सूचना एवं अनुसंधान का अपर्याप्त होना ऐसी ही एक चुनौती है, इसके अतिरिक्त, पर्यावरण के मामलों की जानकारी होने के बावजूद सरकारों, निगमों एवं व्यक्तियों की प्रतिक्रिया, इन चुनौतियों का निदान करने के लिए वांछित स्तर से कहीं पीछे है। उन्हें समझना तथा उनमें परिवर्तन लाना सहज नहीं है। आधारिक संरचनाओं की अपर्याप्तता तथा निधि का अभाव अन्य महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं।
पर्यावरण अध्ययन एक उद्गामी, प्रभावनीय तथा शानदार क्षेत्र है। पर्यावरण का सामना करने वाली आज की चुनौतियों को पूरा करने के लिए नवप्रवर्तित सोच रखने वाले प्रशिक्षित व्यवसायियों तथा पर्यावरण से जुड़े मामलों के प्रति अति संवेदनशील व्यक्तियों की आवश्यकता है। इसलिए, जो प्राकृतिक पर्यावरण में सुधार लाकर मानव जीवन स्तर में वृद्धि लाना चाहते हैं, उनके लिए यह क्षेत्र कॅरिअर का उपयुक्त विकल्प है।
कॉलेज और पाठ्यक्रम
कॉलेज
पाठ्यक्रम
पात्रता
प्रवेश
संपर्क
बर्दवान विश्वविद्यालय बर्धमान
पर्यावरण एवं जल प्रबंधन में बीएसएसी एवं पर्यावरण विज्ञान में बीएससी
10+2
प्रवेश परीक्षा में प्रदर्शन
www.buruniv.ac.in
दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली
पर्यावरण इंजीनियरी में बीई
10+2 (पीसीएम)
सम्मिलित प्रवेश परीक्षा या अखिल भारतीय इंजीनियरी प्रवेश परीक्षा
भारतीय खनिज विद्यापीठ विश्वविद्यालय धनबाद
पर्यावरण इंजीनियरी में बीटेक
10+2
आईआईटीजेईई में प्रदर्शन
www.ismdhanbad.ac.in
आंध्र विश्वविद्यालय इंजीनियरी कॉलेज, विशाखापत्तनम
पर्यावरण इंजीनियरी एवं प्रबंधन में एमई
सिविल इंजी. में बीई या सिविल इंजी. में डिप्लोमा के साथ एएमआईई
गेट/पीजीईसीईटी में प्रदर्शन
www.andhrauniversity.info
श्री वेंकटेश्वर विश्विद्यालय इंजीनियरी, कॉलेज तिरुपति
पर्यावरण इंजीनियरी में एमटेक
सिविल इंजी. में बी.ई./बीटेक/एएमआईई.
गेट/पीजीईसीईटी में प्रदर्शन
www.svuniversity.in
जेएनटीयू, हैदराबाद
भू पर्यावरण इंजीनियरी, पर्यावरण प्रबंधन, पर्यावरण ज्योमेटिक्स के साथ सिविल इंजीनियरी में और जल एवं पर्यावरण प्रौद्योगिकी में एमटेक
संबंधित विषय में बीई/बीटेक
गेट
www.jntu.ac.in
गीतम विश्वविद्याल गीतम विज्ञान संस्थान विशाखापत्तनम
पर्यावरण विज्ञान में एमएससी
किसी भी विषय में बीएससी या बीईएम
प्रवेश परीक्षा में प्रदर्शन
www.gitam.edu
टेरी विश्वविद्यालय दिल्ली
पर्यावरण अध्ययन, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, जल संसाधन प्रबंधन तथा जलवायु विज्ञान एवं नीति में एमएससी
संबंधित विषय में स्नातक
प्रवेश परीक्षा में प्रदर्शन
www.teriuniversity.ac.in
पोंडिचेरी विश्वविद्यालय पुदुच्चेरी
पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण विज्ञान में एमएससी
किसी भी विषय में स्नातक डिग्री
प्रवेश परीक्षा में प्रदर्शन
www.pondiuni-edu.in
पर्यावरण को हो रही क्षति चिंताजनक स्तर पर पहुंच चुकी है। यह क्षति इस सीमा तक पहुंच गई है कि हम प्रतिदिन कम से कम एक बार भूमंडलीय तापन, जलवायु परिवर्तन, हिम पिघलने, अम्ल बारिश तथा प्रदूषण जैसे शब्द अवश्य सुनते हैं! पर्यावरणीय मामलों पर दिन-प्रति दिन जानकारी बढ़ने से ''भूमंडल की सुरक्षा” प्रत्येक राष्ट्र, उद्योग, गैर-सरकारी संगठन, बुद्धिजीवी एवं आम व्यक्ति का सामान्य उद्देश्य एवं जिमेदारी बन गई है।
इस परिदृश्य में, पर्यावरण इंजीनियरी/विज्ञान उन व्यक्तियों के लिए कॅरिअर का श्रेष्ठ विकल्प है, जो पर्यावरण की सुरक्षा तथा धारणीय विकास का दायित्व उठाना चाहते हैं। पर्यावरण विज्ञान पर्यावरण का अध्ययन है। इसमें मानव-पर्यावरण संबंध तथा उनके प्रभाव सहित पर्यावरण के विभिन्न घटक तथा पहलू शामिल हैं। इस क्षेत्र में व्यवसायी, प्राकृतिक पर्यावरण के संकट की चुनौतियों का सामना करने के प्रयत्न करते हैं। वे सभी व्यक्ति पर्यावरण विज्ञानी होते हैं जिनका अभियान पर्यावरणवाद-प्रकृति पर्यावरण के विभिन्न स्तरों पर परिरक्षा, बहाली एवं सुधार करना होता है।
शैक्षिक विषय के रूप में पर्यावरण विज्ञान एक ऐसा अंतरविषयीय शैक्षिक क्षेत्र है जो भौतिकीय तथा जैविकीय विज्ञानों को जोड़ता है। इसमें पारिस्थितिकी, भौतिकी रसायनविज्ञान, जीवविज्ञान तथा भू विज्ञान शामिल हैं।
पर्यावरण इंजीनियरी पर्यावरण के संरक्षण से संबंधित है। यह पर्यावरण का संरक्षण करने के लिए विज्ञान तथा इंजीनियरी के सिद्धांतों का अनुप्रयोग है। पर्यावरण विज्ञान/इंजीनियरी कई क्षेत्रों से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में संबंधित है। इस विषय के स्नातक तथा स्नातकोार कई उद्योगों जैसे निर्माण, रासायनिक, विनिर्माण एवं ऊर्जा के क्षेत्र में रोज़गार प्राप्त कर सकते हैं।
विश्वभर के बड़े औद्योगिक संगठनों ने, पर्यावरण को हो रही क्षति को कम करने के लिए सीएसआर कार्य प्रारंभ किए हैं। पर्यावरण के परिक्षण से संबंधित सीएसआर अपनाने वाली कंपनियां पर्यावरण विज्ञान स्नातकों तथा इंजीनियरों को रोज़गार पर रखती हैं। इसके अतिरिक्त गैर-लाभभोगी संगठन इस क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं।
सरकारी संगठनों में अवसरों की बात करें तो प्राकृतिक संसाधनों के कार्यों से जुड़े विभाग इन व्यवसायियों को रोज़गार दे सकते हैं। चाहे वे प्रदूषण नियंत्रण की नीति तैयार करने, वन एवं वन्य जीव की सुरक्षा, प्राकृतिक संसाधनों की परिरक्षा या ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों के विकास से संबंद्ध हों, उनके प्रयासों की स्पष्ट रूप से उपेक्षा नहीं की जा सकती। अनुसंधान, परामर्श तथा शिक्षा शास्त्र (अध्यापन) के भी इस क्षेत्र में अवसर हैं।
इस क्षेत्र में उपलब्ध कुछ विशेष भूमिकाएं निम्नलिखित हैं:-
पर्यावरण विज्ञानी : इनका कार्य पर्यावरण पर मानव के कार्यकलापों के प्रभाव को समझना तथा पारिस्थितिक प्रणाली को क्षति पहुंचाने वाली चुनौतियां का समाधान खोजना है। वे प्रौद्योगिकी विकास जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान करते हैं और पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रिया अपनाने का परामर्श देते हैं।
पर्यावरण इंजीनियर : वे कूड़ा प्रबंधन, लीन मैन्युफैक्चर, पुन: शोधन, उत्सर्जन नियंत्रण, पर्यावरण धारणीयता जैसे इंजीनियरी पहलुओं एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य मामलों से जुड़े कार्य करते हैं।
पर्यावरण समर्थक : वे पर्यावरण मामलों तथा नीतियों पर सरकारी कार्मिकों, विधिकर्ताओं एवं संबंधित गैर-सरकारी संगठनों को परामर्श देते हैं/सम्मत करते हैं।
पर्यावरण शिक्षाविद् : ये वे शिक्षाविद् होते हैं जो पर्यावरण विज्ञान या परिस्थितिकी या जलविज्ञान आदि जैसे समवर्गी विषय पढ़ाते हैं। इनके अतिरिक्त पर्यावरण जीव विज्ञानी, पर्यावरण मॉडलर, पर्यावरण पत्रकार एवं पर्यावरण से जुड़े प्रौद्योगिकीविद् आदि कुछ अन्य भूमिकाएं भी हैं।
वेतन :
कार्य की भूमिका के आधार पर एक स्नातक डिग्री धारी उमीदवार 15000 से 30000 रु. तक का वेतन अर्जित कर सकता है। स्नातकोार डिग्रीधारी उमीदवारों को 35000 से 50000 रु. तक का वेतन दिया जाता है। वैज्ञानिक या सलाहकार के रूप में कार्य करने वाले पीएचडी उमीदवार रु. 50000 से रु. 75000 तक का वेतन प्राप्त कर सकते हैं।
क्रेडेंशियल्स पर्यावरण विज्ञान विषय स्नातक (बीएससी), मास्टर (एमएससी) एवं पीएचडी स्तर पर पढ़ाया जाता है। इस विषय पर कुछ एमएससी कार्यक्रमों में पर्यावरण अध्ययन, आपदा प्रबंधन, परिस्थितिकी एवं पर्यावरण तथा धारणीय विकास जैसी विशेषज्ञताएं शािमल हैं।
पर्यावरण इंजीनियरी विषय बीई/बीटेक/ तथा एमई/एमटेक कार्यक्रमों के रूप में पढ़ाया जाता है। स्नातकोार पाठ्यक्रम पर्यावरण ज्योमेटिस, एवं जल तथा पर्यावरण प्रौद्योगिकी जैसी विशेषज्ञाओं के साथ चलाए जाते हैं। इनके अतिरिक्त, सिविल इंजीनियरी, यांत्रिक इंजीनियरी, रासायनिक इंजीनियरी, वास्तुकला, भूभौतिकी, महासागर विज्ञान, वनस्पतिविज्ञान, प्राणी प्राणिविज्ञान, वन्य-जीव, वायुमंडल विज्ञान तथा विधि जैसी शैक्षिक पृष्ठ भूमि वाले स्नातक भी इस क्षेत्र में आ सकते हैं। यह क्षेत्र सामाजिक विज्ञान, मानविकी, जनसंख्या अध्ययन एवं प्रबंधन के स्नातकों के लिए भी खुला है।
कौशल :
इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए विवरण पर ध्यान देना अनिवार्य है। सही समय पर सही निर्णय लेने के लिए उद्देश्य के बारे में निश्चिंतता, फोकस तथा दूर दृष्टि होना आवश्यक है। सशक्त तकनीकी कौशल के अतिरिक्त अच्छा संचार एवं अंतर-वैयक्तिक कौशल होना भी आवश्यक है।
समाधान निकालने के लिए तार्किक कौशल एवं संकल्पनात्मक तथा ज्ञान को प्रयोग में लाने की क्षमता होना अनिवार्य है। इस क्षेत्र में आने वाली सामान्य बाधाओं तथा असफलता के बावजूद धैर्य तथा दृढ़ता बनाए रखने की आवश्यकता होती है।
चुनौतियां :
किसी भी अन्य क्षेत्र की तरह पर्यावरण व्यवसायियों का भी अपने दायित्वों के निर्वहन में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। चुनौतियों एवं उनके निदान से संबंधित सूचना एवं अनुसंधान का अपर्याप्त होना ऐसी ही एक चुनौती है, इसके अतिरिक्त, पर्यावरण के मामलों की जानकारी होने के बावजूद सरकारों, निगमों एवं व्यक्तियों की प्रतिक्रिया, इन चुनौतियों का निदान करने के लिए वांछित स्तर से कहीं पीछे है। उन्हें समझना तथा उनमें परिवर्तन लाना सहज नहीं है। आधारिक संरचनाओं की अपर्याप्तता तथा निधि का अभाव अन्य महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं।
पर्यावरण अध्ययन एक उद्गामी, प्रभावनीय तथा शानदार क्षेत्र है। पर्यावरण का सामना करने वाली आज की चुनौतियों को पूरा करने के लिए नवप्रवर्तित सोच रखने वाले प्रशिक्षित व्यवसायियों तथा पर्यावरण से जुड़े मामलों के प्रति अति संवेदनशील व्यक्तियों की आवश्यकता है। इसलिए, जो प्राकृतिक पर्यावरण में सुधार लाकर मानव जीवन स्तर में वृद्धि लाना चाहते हैं, उनके लिए यह क्षेत्र कॅरिअर का उपयुक्त विकल्प है।
कॉलेज और पाठ्यक्रम
कॉलेज
पाठ्यक्रम
पात्रता
प्रवेश
संपर्क
बर्दवान विश्वविद्यालय बर्धमान
पर्यावरण एवं जल प्रबंधन में बीएसएसी एवं पर्यावरण विज्ञान में बीएससी
10+2
प्रवेश परीक्षा में प्रदर्शन
www.buruniv.ac.in
दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली
पर्यावरण इंजीनियरी में बीई
10+2 (पीसीएम)
सम्मिलित प्रवेश परीक्षा या अखिल भारतीय इंजीनियरी प्रवेश परीक्षा
भारतीय खनिज विद्यापीठ विश्वविद्यालय धनबाद
पर्यावरण इंजीनियरी में बीटेक
10+2
आईआईटीजेईई में प्रदर्शन
www.ismdhanbad.ac.in
आंध्र विश्वविद्यालय इंजीनियरी कॉलेज, विशाखापत्तनम
पर्यावरण इंजीनियरी एवं प्रबंधन में एमई
सिविल इंजी. में बीई या सिविल इंजी. में डिप्लोमा के साथ एएमआईई
गेट/पीजीईसीईटी में प्रदर्शन
www.andhrauniversity.info
श्री वेंकटेश्वर विश्विद्यालय इंजीनियरी, कॉलेज तिरुपति
पर्यावरण इंजीनियरी में एमटेक
सिविल इंजी. में बी.ई./बीटेक/एएमआईई.
गेट/पीजीईसीईटी में प्रदर्शन
www.svuniversity.in
जेएनटीयू, हैदराबाद
भू पर्यावरण इंजीनियरी, पर्यावरण प्रबंधन, पर्यावरण ज्योमेटिक्स के साथ सिविल इंजीनियरी में और जल एवं पर्यावरण प्रौद्योगिकी में एमटेक
संबंधित विषय में बीई/बीटेक
गेट
www.jntu.ac.in
गीतम विश्वविद्याल गीतम विज्ञान संस्थान विशाखापत्तनम
पर्यावरण विज्ञान में एमएससी
किसी भी विषय में बीएससी या बीईएम
प्रवेश परीक्षा में प्रदर्शन
www.gitam.edu
टेरी विश्वविद्यालय दिल्ली
पर्यावरण अध्ययन, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, जल संसाधन प्रबंधन तथा जलवायु विज्ञान एवं नीति में एमएससी
संबंधित विषय में स्नातक
प्रवेश परीक्षा में प्रदर्शन
www.teriuniversity.ac.in
पोंडिचेरी विश्वविद्यालय पुदुच्चेरी
पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण विज्ञान में एमएससी
किसी भी विषय में स्नातक डिग्री
प्रवेश परीक्षा में प्रदर्शन
www.pondiuni-edu.in