करियर के रूप में सामाजिक विज्ञान (Social Science)
सामाजिक विज्ञान समाज के सभी पहलुओं विगत घटनाओं तथा उपलब्धियों से लेकर समूहों में मानव व्यवहार तथा संबंधों तक का अध्ययन करता है। उनका अध्ययन पूरी जानकारी देता है जो हमें उन विभिन्न तरीकों को समझने में सहायता करती है जिनके द्वारा व्यक्ति तथा समूह निर्णय लेते हैं, शक्तियों का प्रयोग करते हैं और परिवर्तन पर प्रतिक्रिया देते हैं। उनके अध्ययन तथा विश्लेषण के माध्यम से समाजशास्त्री सामाजिक, व्यवसाय, व्यक्तिगत, सरकारी तथा पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान पर सुझाव देते हैं।
अनुसंधान कई समाज वैज्ञानिकों का एक मुख्य कार्य है, जो तथ्य एकत्र करने और सिद्धांत निर्माण के लिए विभिन्न प्रकार की पद्धतियों का प्रयोग करते हैं। अनुप्रयुक्त अनुसंधान, जो सूचना देता है वह व्यक्ति को बेहतर निर्णय लेने या अपने कार्यों को अधिक प्रभावी रूप से प्रबंधन करने में समर्थ बनाता है। सूचना कई तरह से एकत्रित की जाती है जिसमें जनसांख्यिक तथा राय एकत्र करने के लिए साक्षात्कार लेना और प्रश्नावली भरना; अध्ययन के लिए लक्षित जनता में रहना और उनके कार्य करना। क्षेत्रगत अन्वेषण करना; ऐतिहासिक रिकॉर्डों तथा प्रलेखों का विश्लेषण करना; एवं नक्शों तथा कम्प्यूटर ग्राफिक्स तैयार करना और उनकी व्याख्या करना शामिल है। सामाजिक विज्ञान में विशेषज्ञों का कार्य व्यापक है, यद्यपि एक क्षेत्र में विशेषज्ञ यह पाते हैं कि उनका अनुसंधान अन्य विषय में किए जा रहे कार्य को अपने में समाहित करता है।
कार्य-प्रकृति
मुख्य सामाजिक विज्ञान व्यवसाय में राजनीतिक वैज्ञानिक, समाजशास्त्री, मानवविज्ञानी, पुरातत्वविज्ञानी भूगोलविद तथा इतिहासकार शामिल हैं। इन प्रत्येक व्यवसायों के कार्य-क्षेत्र का विवरण नीचे दिया गया है:-
राजनीति वैज्ञानिक : राजनैतिक प्रणाली और सार्वजनिक नीति के उद्भव, विकास तथा कार्य-परिचालन का अध्ययन करते हैं। वे विभिन्न विषयों जैसे भारत एवं अन्य देशों के बीच संबंध, राष्ट्रों की संस्थाएं और राजनैतिक जीवन, छोटे शहरों या किसी महानगर की राजनीति तथा न्यायालयों के निर्णयों पर अनुसंधान करते हैं। जनमत, राजनीतिक निर्णय, विचारधारा तथा सार्वजनिक नीति जैसे विषयों का अध्ययन करके वे सरकारों तथा विभिन्न राजनैतिक सत्ताओं की संरचना एवं कार्यों का विश्लेषण करते हैं। कोई भी राजनीति विज्ञानी जन-मत सर्वेक्षण कर सकता है। चुनाव-परिणामों या सार्वजनिक प्रलेखों का विश्लेषण कर सकता है या सरकारी कर्मचारियों का साक्षातकर ले सकता है।
समाज विज्ञानी : विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक तथा व्यवसाय-संगठनों की जांच करके समाज तथा सामाजिक व्यवहार का अध्ययन करते हैं। वे समूहों के व्यवहार और उनमें परस्पर कार्यों का भी अध्ययन करते हैं, उनके उद्भव एवं विकास का पता लगाते हैं तथा वैयक्तिक सदस्यों पर समूह के कार्यों के प्रभाव का विश्लेषण करते हैं। समाज विज्ञानी सामाजिक समूहों, संगठनों तथा संस्थाओं की विशेषताओं, वे तरीके, जिनसे व्यक्ति एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं समूहों जिससे वे संबंधित होते हैं और सामाजिक विशेषता जैसे लिंग, आयु या किसी व्यक्ति के दैनिक जीवन पर गति आदि से जुड़े होते हैं। सामाजिक अनुसंधान के परिणाम शिक्षकों, विधि-निर्माताओं, प्रशासकों तथा सामाजिक समस्याओं का समाधान करने के इच्छुक अन्य व्यक्तियों तथा सार्वजनिक नीति निर्माताओं को सहायता प्रदान करते हैं।
समाज विज्ञानिओं के अधिकांश कार्य एक या अधिक विषयों जैसे सामाजिक संगठन, शिक्षा, परिवार, सामाजिक मनोविज्ञान, शहरी, ग्रामीण, राजनीति तथा तुलनात्मक सामाजिकी, लिंग संबंध, अपराध विज्ञान तथा सामाजिक प्रेक्टिस से जुड़े होते हैं।
मानव विज्ञानी मानव के उद्भव तथा शारीरिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास एवं व्यवहार का अध्ययन करते हैं। वे विश्व के विभिन्न भागों में जीवन के रूपों, पुरातात्विक अवशेषों, भाषाओं या व्यक्तियों की शारीरिक विशेषताओं की जांच कर सकते हैं। कुछ मानव विज्ञानी विभिन्न संस्कृतियों के रीति-रिवाजों, महत्वों तथा सामाजिक पद्धतियों की तुलना करते हैं, मानव-विज्ञानी सामान्यतः सामाजिक-सांस्कृतिक मानवविज्ञान, पुरातत्व- विज्ञान, भाषा विज्ञान या जैव भौतिकीय मानव- विज्ञान पर ध्यान देते हैं। सामाजिक- सांस्कृतिक मानवविज्ञानी समाज की प्रथाओं, संस्कृतियों और सामाजिक रहन-सहन के गैर औद्योगिकीकृत समाज से आधुनिक शहरी केंद्रों में स्थापित होने का अध्ययन करते हैं। भाषा मानव विज्ञानी विभिन्न संस्कृतियों में समय-काल में भाषा की भूमिका तथा उसमें परिवर्तन की खोज करते हैं। जैव-भौतिकीय मानव विज्ञानी मानव- शरीर के विकास का अनुसंधान, मानव-जीवन के पुरातन प्रमाणों की खोज और यह विश्लेषण करते हैं कि संस्कृति तथा जीवविज्ञान किस तरह एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। शारीरिक मानव विज्ञानी जनसंख्या जनांकिकी, तथा इन जन-संख्याओं को प्रभावित करने वाले तथ्यों जैसे पोषण एवं रोगों को समझने के लिए पुरातात्विक स्थलों पर पाए गए मानव अवशेषों की जांच करते हैं।
पुरातत्व विज्ञानी पुरानी सभ्यताओं के कालक्रम, इतिहास, रीति रिवाज तथा रहन-सहन की आदतों का निर्धारण करने के लिए भवनों, औजारों, मिट्टी के बरतनों के अवशेषों तथा विगत मानव संस्कृतियों के अन्य वस्तु-अवशेषों जैसे सामग्री-प्रमाणों की जांच तथा प्राप्त करते हैं।
भूगोलविद स्थानीय, क्षेत्रीय, महाद्वीपीय एवं सार्वभौमिक पैमाने पर भौतिकीय तथा सांस्कृतिक तथ्यों के वितरण का विश्लेषण करते हैं। आर्थिक भूगोलविद संसाधनों के वितरण तथा आर्थिक कार्यों के वितरण का अध्ययन करते हैं। राजनीतिक भूगोलविद राजनीतिक तथ्य से भूगोल के संबंध का जबकि सांस्कृतिक भूगोलविद सांस्कृतिक तथ्य विषयों के भूगोल का अध्ययन करते है। भौतिकीय भूगोलविद जलवायु, वनस्पति, मिट्टी, भूमि-रूपों में भिन्नता और मानव-कार्य-कलापों के लिए उनके आशय की जांच करते हैं। शहरी तथा परिवहन भूगोलविद शहरों एव महानगर क्षेत्रों का अध्ययन करते हैं, जबकि क्षेत्रीय भूगोलविद एक जिले से लेकर पूरे महाद्वीप आकार के क्षेत्रों की भौतिकीय, आर्थिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक विशेषताओं का अध्ययन करते हैं। चिकित्सा भूगोलविद स्वास्थ्य देखरेख प्रणाली, जानपदिक रोग विज्ञान तथा स्वास्थ्य पर पर्यावरण के प्रभाव का अन्वेषण करते हैं। अधिकांश भूगोलविद अपने कार्य में सहायता के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जी.आई.एस.) प्रौद्योगिकी का प्रयोग करते है।
इतिहासकार विगत का अनुसंधान, विश्लेषण और व्याख्या करते हैं। वे अपने अनुसंधान में सरकारी तथा सांस्थानिक रिकॉर्डों, समाचार पत्रों, और अन्य आवधिक पत्र-पत्रिकाओं, फोटो, साक्षात्कारों, फिल्मों तथा अप्रकाशित पांडुलिपियों जैसे व्यक्तिगत डायरियों एवं पत्रों सहित अतिरिक्त सूचना के अन्य कई स्त्रोतों का प्रयोग करते हैं। इतिहासकार किसी देश या क्षेत्र, किसी विशेष अवधि या किसी विशेष क्षेत्र जैसे सामाजिक, बौद्धिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक या राजनायिक इतिहास में विशेषज्ञता रखते हैं. इतिहासकार पुरातात्विक सामग्रियों, शिला, एवं ऐतिहासिक भवनों एवं स्थलों का परिरक्षण करते हैं।
कार्य-स्थितियां
समाज विज्ञानी प्रायः ऐसे अनुसंधान दल के एक अंतरंग भाग के रूप में कार्य करते हैं, जिनके सदस्यों में अच्छा संचार-कौशल महत्वपूर्ण होता है। विदेशी कार्यों पर समान विज्ञानियों का अपरिचित संस्कृतियों, जलवायु तथा भाषाओं से समन्वय करना चाहिए. कुछ समाज विज्ञानी क्षेत्रगत कार्य करते हैं। कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों द्वारा रखे गए समाजविज्ञानियों का कार्य-कार्यक्रम सामान्यतः लचीला होता है और वे अपना समय प्रायः अध्यापन, अनुसंधान, लेखन, परामर्श एवं प्रशासनिक दायित्वों में विभाजित करते हैं।
रोजगार
समाज विज्ञानी विभिन्न प्रकार के नियोक्ताओं के लिए अनुसंधानकर्ता, प्रशासक और सलाहकार के रूप में कार्य करते हैं। अन्य नियोक्ताओं में वैज्ञानिक अनुसंधान तथा विकास सेवा, प्रबंधन, वैज्ञानिक तथा तकनीकी परामर्श सेवा, व्यवसाय, व्यावसायिक, श्रमिक, राजनीतिक तथा समतुल्य संगठन, और वास्तुकला, इंजीनियरी तथा इनसे जुडी संस्थाएं शामिल हैं। समाज विज्ञान विषय में प्रशिक्षण प्राप्त कई व्यक्ति कॉलेजों और महाविद्यालयों एवं माध्यमिक तथा साधारण स्कूलों में पढ़ाते हैं।
प्रशिक्षण
समाज विज्ञानियों की अपेक्षित शैक्षिक योग्यता भी सभी व्यवसायों की उच्चतम योग्यताओं में एक होती है। कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों के अधिकांश पदों के लिए पी.एच.डी या कोई समकक्ष डिग्री एक न्यूनतम अपेक्षा होती है और यह योग्यता कई उच्च स्तर के गैर शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशासनिक पदों पर पदोन्नति के लिए महत्वपूर्ण होती है। स्नातक होने के साथ अनुप्रयुक्त विषयों में मास्टर डिग्रीधारी व्यक्तियों को सामान्यतः कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से बाहर बेहतर अवसर होते हैं। स्नातक होने के साथ सामाजिक विज्ञान में मास्टर डिग्रीधारी व्यक्ति अध्यापन-पदों के लिए योग्य होते हैं। स्नातक डिग्रीधारियों के लिए अवसर सीमिति होते हैं और अधिकांश सामाजिक विज्ञान व्यवसायों में वे ‘‘व्यावसायिक” पदों के लिए योग्यता प्राप्त नहीं करते। तथापि, स्नातक डिग्री उन्हें कई विभिन्न प्रकार के एंट्रीलेवल कार्यों जैसे अनुसंधान सहायक, प्रशासनिक सहायक, या प्रबंधन या विक्रय प्रशिक्षणार्थी के लिए उपयुक्त पृष्ठभूमि देती है। पर्याप्त शैक्षिक पाठ्यक्रम करके सामाजिक विज्ञान स्नातक भी स्कूलों में अध्यापन पदों के लिए अर्हता प्राप्त कर सकते हैं।
कई समाज विज्ञानियों के लिए सांख्यिकी तथा गणित में प्रशिक्षण होना अनिवार्य होता है। भूगोल, राजनीति विज्ञान एवं अन्य क्षेत्रों में गणितीय तथा मात्रात्मक अनुसंधान पद्धतियों का उपयोग निरंतर बढ़ता जा रहा है। अधिकांश विषयों में अनुसंधान उद्देश्य के लिए कम्प्यूटर के उपयोग की क्षमता होना अनिवार्य है। अनेक संग्रहालय, ऐतिहासिक सोसायटियां, सरकारी एजेंसियां और अन्य संगठन इंटर्नशिप तथा अनुसंधान के अवसर देते हैं।
समाज विज्ञानियों को अपने कार्यों के आधार पर व्यापक व्यक्तिगत विशेषताओं की आवश्यकता हो सकती है। बौद्धिक जिज्ञासा तथा सर्जनशीलता बुनियादी जिज्ञासा तथा सर्जनशीलता बुनियादी व्यक्तिगत विशेषता होती है। क्योंकि समाज विज्ञानियों को व्यक्तियों, वस्तुओं और विचारों के बारे में निरंतर नई सूचना होना अपेक्षित होता है। किसी राजनीतिक वैज्ञानिक के लिए तार्किक एवं प्रणालीबद्ध रूप से सोचने की क्षमता होना महत्वपूर्ण है, उदाहरण के लिए सरकार के विभिन्न रूपों के गुणों, लक्ष्यों की तुलना करने के लिए सभी प्रकार के सामाजिक विज्ञान अनुसंधान के लिए एक खुला मस्तिष्क और प्रणालीबद्ध रूप से कार्य करने की आदत महत्वपूर्ण है। इन व्यवसायियों के लिए उत्कृष्ट लेखन एवं मौखिक अभिव्यक्ति कौशल भी अनिवार्य है।
सामाजिक विज्ञान समाज के सभी पहलुओं विगत घटनाओं तथा उपलब्धियों से लेकर समूहों में मानव व्यवहार तथा संबंधों तक का अध्ययन करता है। उनका अध्ययन पूरी जानकारी देता है जो हमें उन विभिन्न तरीकों को समझने में सहायता करती है जिनके द्वारा व्यक्ति तथा समूह निर्णय लेते हैं, शक्तियों का प्रयोग करते हैं और परिवर्तन पर प्रतिक्रिया देते हैं। उनके अध्ययन तथा विश्लेषण के माध्यम से समाजशास्त्री सामाजिक, व्यवसाय, व्यक्तिगत, सरकारी तथा पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान पर सुझाव देते हैं।
अनुसंधान कई समाज वैज्ञानिकों का एक मुख्य कार्य है, जो तथ्य एकत्र करने और सिद्धांत निर्माण के लिए विभिन्न प्रकार की पद्धतियों का प्रयोग करते हैं। अनुप्रयुक्त अनुसंधान, जो सूचना देता है वह व्यक्ति को बेहतर निर्णय लेने या अपने कार्यों को अधिक प्रभावी रूप से प्रबंधन करने में समर्थ बनाता है। सूचना कई तरह से एकत्रित की जाती है जिसमें जनसांख्यिक तथा राय एकत्र करने के लिए साक्षात्कार लेना और प्रश्नावली भरना; अध्ययन के लिए लक्षित जनता में रहना और उनके कार्य करना। क्षेत्रगत अन्वेषण करना; ऐतिहासिक रिकॉर्डों तथा प्रलेखों का विश्लेषण करना; एवं नक्शों तथा कम्प्यूटर ग्राफिक्स तैयार करना और उनकी व्याख्या करना शामिल है। सामाजिक विज्ञान में विशेषज्ञों का कार्य व्यापक है, यद्यपि एक क्षेत्र में विशेषज्ञ यह पाते हैं कि उनका अनुसंधान अन्य विषय में किए जा रहे कार्य को अपने में समाहित करता है।
कार्य-प्रकृति
मुख्य सामाजिक विज्ञान व्यवसाय में राजनीतिक वैज्ञानिक, समाजशास्त्री, मानवविज्ञानी, पुरातत्वविज्ञानी भूगोलविद तथा इतिहासकार शामिल हैं। इन प्रत्येक व्यवसायों के कार्य-क्षेत्र का विवरण नीचे दिया गया है:-
राजनीति वैज्ञानिक : राजनैतिक प्रणाली और सार्वजनिक नीति के उद्भव, विकास तथा कार्य-परिचालन का अध्ययन करते हैं। वे विभिन्न विषयों जैसे भारत एवं अन्य देशों के बीच संबंध, राष्ट्रों की संस्थाएं और राजनैतिक जीवन, छोटे शहरों या किसी महानगर की राजनीति तथा न्यायालयों के निर्णयों पर अनुसंधान करते हैं। जनमत, राजनीतिक निर्णय, विचारधारा तथा सार्वजनिक नीति जैसे विषयों का अध्ययन करके वे सरकारों तथा विभिन्न राजनैतिक सत्ताओं की संरचना एवं कार्यों का विश्लेषण करते हैं। कोई भी राजनीति विज्ञानी जन-मत सर्वेक्षण कर सकता है। चुनाव-परिणामों या सार्वजनिक प्रलेखों का विश्लेषण कर सकता है या सरकारी कर्मचारियों का साक्षातकर ले सकता है।
समाज विज्ञानी : विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक तथा व्यवसाय-संगठनों की जांच करके समाज तथा सामाजिक व्यवहार का अध्ययन करते हैं। वे समूहों के व्यवहार और उनमें परस्पर कार्यों का भी अध्ययन करते हैं, उनके उद्भव एवं विकास का पता लगाते हैं तथा वैयक्तिक सदस्यों पर समूह के कार्यों के प्रभाव का विश्लेषण करते हैं। समाज विज्ञानी सामाजिक समूहों, संगठनों तथा संस्थाओं की विशेषताओं, वे तरीके, जिनसे व्यक्ति एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं समूहों जिससे वे संबंधित होते हैं और सामाजिक विशेषता जैसे लिंग, आयु या किसी व्यक्ति के दैनिक जीवन पर गति आदि से जुड़े होते हैं। सामाजिक अनुसंधान के परिणाम शिक्षकों, विधि-निर्माताओं, प्रशासकों तथा सामाजिक समस्याओं का समाधान करने के इच्छुक अन्य व्यक्तियों तथा सार्वजनिक नीति निर्माताओं को सहायता प्रदान करते हैं।
समाज विज्ञानिओं के अधिकांश कार्य एक या अधिक विषयों जैसे सामाजिक संगठन, शिक्षा, परिवार, सामाजिक मनोविज्ञान, शहरी, ग्रामीण, राजनीति तथा तुलनात्मक सामाजिकी, लिंग संबंध, अपराध विज्ञान तथा सामाजिक प्रेक्टिस से जुड़े होते हैं।
मानव विज्ञानी मानव के उद्भव तथा शारीरिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास एवं व्यवहार का अध्ययन करते हैं। वे विश्व के विभिन्न भागों में जीवन के रूपों, पुरातात्विक अवशेषों, भाषाओं या व्यक्तियों की शारीरिक विशेषताओं की जांच कर सकते हैं। कुछ मानव विज्ञानी विभिन्न संस्कृतियों के रीति-रिवाजों, महत्वों तथा सामाजिक पद्धतियों की तुलना करते हैं, मानव-विज्ञानी सामान्यतः सामाजिक-सांस्कृतिक मानवविज्ञान, पुरातत्व- विज्ञान, भाषा विज्ञान या जैव भौतिकीय मानव- विज्ञान पर ध्यान देते हैं। सामाजिक- सांस्कृतिक मानवविज्ञानी समाज की प्रथाओं, संस्कृतियों और सामाजिक रहन-सहन के गैर औद्योगिकीकृत समाज से आधुनिक शहरी केंद्रों में स्थापित होने का अध्ययन करते हैं। भाषा मानव विज्ञानी विभिन्न संस्कृतियों में समय-काल में भाषा की भूमिका तथा उसमें परिवर्तन की खोज करते हैं। जैव-भौतिकीय मानव विज्ञानी मानव- शरीर के विकास का अनुसंधान, मानव-जीवन के पुरातन प्रमाणों की खोज और यह विश्लेषण करते हैं कि संस्कृति तथा जीवविज्ञान किस तरह एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं। शारीरिक मानव विज्ञानी जनसंख्या जनांकिकी, तथा इन जन-संख्याओं को प्रभावित करने वाले तथ्यों जैसे पोषण एवं रोगों को समझने के लिए पुरातात्विक स्थलों पर पाए गए मानव अवशेषों की जांच करते हैं।
पुरातत्व विज्ञानी पुरानी सभ्यताओं के कालक्रम, इतिहास, रीति रिवाज तथा रहन-सहन की आदतों का निर्धारण करने के लिए भवनों, औजारों, मिट्टी के बरतनों के अवशेषों तथा विगत मानव संस्कृतियों के अन्य वस्तु-अवशेषों जैसे सामग्री-प्रमाणों की जांच तथा प्राप्त करते हैं।
भूगोलविद स्थानीय, क्षेत्रीय, महाद्वीपीय एवं सार्वभौमिक पैमाने पर भौतिकीय तथा सांस्कृतिक तथ्यों के वितरण का विश्लेषण करते हैं। आर्थिक भूगोलविद संसाधनों के वितरण तथा आर्थिक कार्यों के वितरण का अध्ययन करते हैं। राजनीतिक भूगोलविद राजनीतिक तथ्य से भूगोल के संबंध का जबकि सांस्कृतिक भूगोलविद सांस्कृतिक तथ्य विषयों के भूगोल का अध्ययन करते है। भौतिकीय भूगोलविद जलवायु, वनस्पति, मिट्टी, भूमि-रूपों में भिन्नता और मानव-कार्य-कलापों के लिए उनके आशय की जांच करते हैं। शहरी तथा परिवहन भूगोलविद शहरों एव महानगर क्षेत्रों का अध्ययन करते हैं, जबकि क्षेत्रीय भूगोलविद एक जिले से लेकर पूरे महाद्वीप आकार के क्षेत्रों की भौतिकीय, आर्थिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक विशेषताओं का अध्ययन करते हैं। चिकित्सा भूगोलविद स्वास्थ्य देखरेख प्रणाली, जानपदिक रोग विज्ञान तथा स्वास्थ्य पर पर्यावरण के प्रभाव का अन्वेषण करते हैं। अधिकांश भूगोलविद अपने कार्य में सहायता के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जी.आई.एस.) प्रौद्योगिकी का प्रयोग करते है।
इतिहासकार विगत का अनुसंधान, विश्लेषण और व्याख्या करते हैं। वे अपने अनुसंधान में सरकारी तथा सांस्थानिक रिकॉर्डों, समाचार पत्रों, और अन्य आवधिक पत्र-पत्रिकाओं, फोटो, साक्षात्कारों, फिल्मों तथा अप्रकाशित पांडुलिपियों जैसे व्यक्तिगत डायरियों एवं पत्रों सहित अतिरिक्त सूचना के अन्य कई स्त्रोतों का प्रयोग करते हैं। इतिहासकार किसी देश या क्षेत्र, किसी विशेष अवधि या किसी विशेष क्षेत्र जैसे सामाजिक, बौद्धिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक या राजनायिक इतिहास में विशेषज्ञता रखते हैं. इतिहासकार पुरातात्विक सामग्रियों, शिला, एवं ऐतिहासिक भवनों एवं स्थलों का परिरक्षण करते हैं।
कार्य-स्थितियां
समाज विज्ञानी प्रायः ऐसे अनुसंधान दल के एक अंतरंग भाग के रूप में कार्य करते हैं, जिनके सदस्यों में अच्छा संचार-कौशल महत्वपूर्ण होता है। विदेशी कार्यों पर समान विज्ञानियों का अपरिचित संस्कृतियों, जलवायु तथा भाषाओं से समन्वय करना चाहिए. कुछ समाज विज्ञानी क्षेत्रगत कार्य करते हैं। कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों द्वारा रखे गए समाजविज्ञानियों का कार्य-कार्यक्रम सामान्यतः लचीला होता है और वे अपना समय प्रायः अध्यापन, अनुसंधान, लेखन, परामर्श एवं प्रशासनिक दायित्वों में विभाजित करते हैं।
रोजगार
समाज विज्ञानी विभिन्न प्रकार के नियोक्ताओं के लिए अनुसंधानकर्ता, प्रशासक और सलाहकार के रूप में कार्य करते हैं। अन्य नियोक्ताओं में वैज्ञानिक अनुसंधान तथा विकास सेवा, प्रबंधन, वैज्ञानिक तथा तकनीकी परामर्श सेवा, व्यवसाय, व्यावसायिक, श्रमिक, राजनीतिक तथा समतुल्य संगठन, और वास्तुकला, इंजीनियरी तथा इनसे जुडी संस्थाएं शामिल हैं। समाज विज्ञान विषय में प्रशिक्षण प्राप्त कई व्यक्ति कॉलेजों और महाविद्यालयों एवं माध्यमिक तथा साधारण स्कूलों में पढ़ाते हैं।
प्रशिक्षण
समाज विज्ञानियों की अपेक्षित शैक्षिक योग्यता भी सभी व्यवसायों की उच्चतम योग्यताओं में एक होती है। कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों के अधिकांश पदों के लिए पी.एच.डी या कोई समकक्ष डिग्री एक न्यूनतम अपेक्षा होती है और यह योग्यता कई उच्च स्तर के गैर शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशासनिक पदों पर पदोन्नति के लिए महत्वपूर्ण होती है। स्नातक होने के साथ अनुप्रयुक्त विषयों में मास्टर डिग्रीधारी व्यक्तियों को सामान्यतः कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से बाहर बेहतर अवसर होते हैं। स्नातक होने के साथ सामाजिक विज्ञान में मास्टर डिग्रीधारी व्यक्ति अध्यापन-पदों के लिए योग्य होते हैं। स्नातक डिग्रीधारियों के लिए अवसर सीमिति होते हैं और अधिकांश सामाजिक विज्ञान व्यवसायों में वे ‘‘व्यावसायिक” पदों के लिए योग्यता प्राप्त नहीं करते। तथापि, स्नातक डिग्री उन्हें कई विभिन्न प्रकार के एंट्रीलेवल कार्यों जैसे अनुसंधान सहायक, प्रशासनिक सहायक, या प्रबंधन या विक्रय प्रशिक्षणार्थी के लिए उपयुक्त पृष्ठभूमि देती है। पर्याप्त शैक्षिक पाठ्यक्रम करके सामाजिक विज्ञान स्नातक भी स्कूलों में अध्यापन पदों के लिए अर्हता प्राप्त कर सकते हैं।
कई समाज विज्ञानियों के लिए सांख्यिकी तथा गणित में प्रशिक्षण होना अनिवार्य होता है। भूगोल, राजनीति विज्ञान एवं अन्य क्षेत्रों में गणितीय तथा मात्रात्मक अनुसंधान पद्धतियों का उपयोग निरंतर बढ़ता जा रहा है। अधिकांश विषयों में अनुसंधान उद्देश्य के लिए कम्प्यूटर के उपयोग की क्षमता होना अनिवार्य है। अनेक संग्रहालय, ऐतिहासिक सोसायटियां, सरकारी एजेंसियां और अन्य संगठन इंटर्नशिप तथा अनुसंधान के अवसर देते हैं।
समाज विज्ञानियों को अपने कार्यों के आधार पर व्यापक व्यक्तिगत विशेषताओं की आवश्यकता हो सकती है। बौद्धिक जिज्ञासा तथा सर्जनशीलता बुनियादी जिज्ञासा तथा सर्जनशीलता बुनियादी व्यक्तिगत विशेषता होती है। क्योंकि समाज विज्ञानियों को व्यक्तियों, वस्तुओं और विचारों के बारे में निरंतर नई सूचना होना अपेक्षित होता है। किसी राजनीतिक वैज्ञानिक के लिए तार्किक एवं प्रणालीबद्ध रूप से सोचने की क्षमता होना महत्वपूर्ण है, उदाहरण के लिए सरकार के विभिन्न रूपों के गुणों, लक्ष्यों की तुलना करने के लिए सभी प्रकार के सामाजिक विज्ञान अनुसंधान के लिए एक खुला मस्तिष्क और प्रणालीबद्ध रूप से कार्य करने की आदत महत्वपूर्ण है। इन व्यवसायियों के लिए उत्कृष्ट लेखन एवं मौखिक अभिव्यक्ति कौशल भी अनिवार्य है।