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पीरियड दर्द की दवाये एवं पीरियड दर्द से बचने के टिप्स - Period Pain Medicines and Tips to avoid Period Pain

Brijesh Yadav
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आपकी हर गतिविधि पर रहती है Google की नज़र। आपकी हर Activity को Save करता है गूगल।
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किशोरावस्था में होने वाला पीरिएड पेन (Period Pain) यानी मासिक धर्म के दौरान होने वाला दर्द बहुत सी लड़कियों को झेलना पड़ता है। यहां तक कि इस दौरान कई लड़कियां तो स्कूल भी नहीं जा पातीं। ऐसे ज्यादातर मामलों में यह दर्द अलग-अलग वजहों से होता है और खासतौर पर कम उम्र की लड़कियों में मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द को प्राइमरी डिसमेनोरिया कहा जाता है।

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 पीरियेड पेन आमतौर पर 3-5 दिन तक चलता है जिसमें पेट के निचले हिस्से और पीठ में ऐंठन महसूस होती है। मासिक धर्म के दौरान साधारण रूप से होने वाला दर्द प्रोस्टाग्लैंडिन्स नामक हारमोन की वजह से होता है जो इस दौरान यूटेरस के सिकुड़ने के लिए जिम्मेदार होता है। यह दर्द उन लड़कियों में ज्यादा होता है, जिन्हें हैवी ब्लीडिंग की शिकायत होती है, क्योंकि ऐसे में उनका यूटेरस इस हैवी फ्लो और खून के थक्कों को बाहर निकालने के लिए सिकुड़ता है और इसी से पेट के निचले हिस्से में ऐंठन की शिकायत होती है।

 पीरियड्स क्या होता है? - What is Periods?

पीरियड्स आपके गर्भाशय के अस्तर का मासिक बहाव है (जिसे आमतौर पर गर्भ के रूप में जाना जाता है)। पीरियड्स को मासिक धर्म, मेंस्ट्रुएशन, चक्र या अवधि के शब्दों से भी जाना जाता है। पीरियड्स का ब्लड – जो आंशिक रूप से रक्त और आंशिक रूप से आपके गर्भाशय के अंदर से ऊतक होता है – आपके गर्भाशय से आपके गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से और आपके शरीर में आपकी योनि के माध्यम से बहता है। यदि आपको हर महीने समय से पीरियड्स आते हैं तो वह एक नॉर्मल पीरियड (Period) साइकिल कहलाती है।

पीरियड दर्द से बचने के टिप्स - Period Pain Relief Tips 

पीरियड्स (Periods) में अक्सर ही महिलाओं को काफी दर्द होता है। हालांकि, यह हर एक महिला की बॉडी में अलग-अलग होता है, किसी को कम दर्द होता है, या फिर किसी को ज्यादा दर्द होता है। ऐसे में दर्द को कम (Period Pain Relief) करने के लिए आप भी कुछ घरेलु नुस्खों को अपना सकती हैं

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  1. गर्म पानी की बोतल या हीटिंग पैड को पेट के निचले हिस्से पर लगाने से दर्द से राहत मिलती है। सोने से पहले ध्यान से हीटिंग पैड हटा दें।
  2. पेट के निचले हिस्से में हल्की मालिश करने से फायदा होता है।
  3. हल्के गर्म पानी से नहाना चाहिए और एरोमाथेरेपी से भी माहवारी के दर्द में फायदा मिलता है।
  4. गर्म पेय पदार्थ जैसे पेपरमिंट टी आदि अच्छी मात्रा में लें।
  5. इस दौरान हल्का भोजन खाना चाहिए और कुछ – कुछ देर में हल्का खाना खाना चाहिए।
  6. भोजन में कार्बोहाइड्रेट्स जैसे- साबुत अनाज, फल और हरी सब्जियां शामिल होनी चाहिए,
  7. ठंडा या खट्टी चीज़ों से बचें, चीनी, नमक, एल्कोहल और कैफीन की मात्रा कम से कम लें।
  8. हल्के और छोटे व्यायाम करें जैसे- सीधे लेटे हुए पैर उठाये रखें और साइड लेते समय घुटना मोड़ लें।
  9. नियमित रूप से वॉक करें और साथ में आसान योग और ध्यान करें।
  10. विटामिन-बी 6, कैल्शियम और मैगनीशियम वाली दवाएं लें।

पीरियड दर्द की दवाये - Period Pain Medicines

  1. दर्द निवारक दवाएं (Period Pain Medicines) जैसे पैरासिटामोल या एस्पिरिन खाएं। NSAIDS और एंटीइन्फ्लेमेटरी दवाएं इसमें अच्छा काम करती हैं, क्योंकि यह पीरिएड पेन का प्रमुख कारण प्रोस्टाग्लैंडिन (PGS) का बनना रोकती हैं। जैसे इबुप्रोफेन। इसके अलावा इसकी खास दवा है पोनस्टैन और नैप्रोजेरिक।
  2. इसके लिए वैकल्पिक या प्राकृतिक दवाओं का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे ईवनिंग प्राइमरोज़ ऑयल खासतौर पर मदद करता है।
  3. इसके बाद भी यदि दर्द से आराम न मिले तो डॉक्टर से सलाह लेकर कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स दी जा सकती हैं।
  4. अगर दर्द बहुत ही ज्यादा है तो यह पेल्विक इनफ्लेमेटरी डिज़ीज़, एडोनोमायोसिस, फाइब्रॉइड्स, एंडोमीट्रियोसिस आदि के कारण भी हो सकता है, लेकिन यह कम उम्र नहीं बल्कि ज्यादा उम्र में होता है। ऐसे में दर्द शुरू होने से पहले ही एंटीइन्फ्लेमेटरी दवाएं या फिर प्रोस्टेग्लैंडिन का बनना रोकने की दवाएं दी जानी चाहिए।
  5. टीन एज की लड़कियों के ज्यादातर मामलों में साधारण तौर पर दवा की जरूरत नहीं होती, जब तक कि यह बहुत ही तीव्र न हो।
  6. ज्यादा तेज़ दर्द में दर्दनिवारक दवा और घरेलू उपाय ही काम करते हैं।
  7. माहवारी के दौरान अपना खान-पान और जीवनशैली सुधार कर इससे होने वाली समस्याओं को कम किया जा सकता है।
  8. इस दौरान अतिरिक्त तनाव नहीं लेना चाहिए और गुस्सा नहीं करना चाहिए। खुद को जितना हो सके, शांत रखना चाहिए।
  9. मासिक धर्म के दौरान हाइजीन का विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए और समय-समय पर आंतरिक वस्त्र भी बदलते रहने चाहिए।
  10. मासिक धर्म के दर्द से बचने के लिए मेडीटेशन भी काफी मददगार साबित होता है। इससे चिड़चिड़ापन नहीं होता।
Note:- बिना डॉक्टर की  सलाह के कोई भी दवा न खाए, कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श ज़रूर करे 



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