आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस क्या है – What is AI |
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस को हिंदी मे हम कृत्रिम बुद्धिमता कहते है जो दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है कृत्रिम का मतलब किसी एक मानव केद्वारा बनाया गया और बुद्धि का मतलब है सोचने कि शक्ति. इसे हम Machine learning के नाम से भी जानते है.
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आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस वह टेक्नोलॉजी है जिसके माध्यम से मशीनो में इंसान कि तरह सोचने और समझने कि शक्ति दिया किया जाता हैआर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के जरिये मशीनो को सोचने कि शक्ति दी जाती है जिससे मशीने किसी भी दिमागी वाले काम को जिस तरह मनुष्यकर पाते है उसी तरह आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस भी कर पाते है.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) का सिधा मतलब है कम्प्यूटर को एक ऐसी दिमाग दे देना. जिस तरह हम किसी स्टुडेंट या किसी भी व्यक्ति उदाहरण देकर नई चीजे सिखाते है उसी तरह कम्प्यूटर (Ai) को डेटा के माध्यम से कोई भी नई चीजे सिखाते है.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस क्या है? – What is AI?
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस एक Advance टेक्नोलॉजी है, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और नार्मल टेक्नोलॉजी मे इतना फर्क है नॉर्मलटेक्नोलॉजी कि अगर हम बात करें तो कम्प्यूटर मे आने वाले Notepad एक नार्मल टेक्नोलॉजी है इसमें हम कितने भी notes बना ले इसमे कोई नयी फिचर्स नही आने वाले और ना ही notepad कि क्षमता बढ़ने वाली है.
लेकिन आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (Advance टेक्नोलॉजी) में ऐसा नही है, जितना ज्यादा AI के पास डेटा पहुंचता जायेगा आर्टिफिशलइंटेलिजेंस उतनी ही पावरफुल होती जायेगी और उसमें डेटा के हिसाब से नये फिचर्स भी Add होती जायेगी.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस वह टेक्नोलॉजी मशीन है जो कुछ भी जानकारी डेटा के अनुसार इंसानो कि तरह सिख सकती है.
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आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के अविष्कारक
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का अविष्कार अविष्कारक होने से पहले 1950 के बाद आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के बारे मे रिसर्च कि शुरुआत होचुका था, लेकिन जिन्होंने सोचने समझने वाली मशीन को कृत्रिम बुद्धिमता (Artificial Intelligence) का नाम दिया.
वह अमेरिका के एक महान वैज्ञानिक जॉन मेकार्थी (John McCarthy) थे जिन्होंने इस सोचने समझने वाली मशीन को सन् 1955 में कृत्रिमबुद्धिमता (Artificial Intelligence Intelligence) का नाम दिया इन्हें ही आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का जनक माना जाता है.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के प्रकार
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस वर्तमान समय मे अलग अलग रूप मे देखने को मिलते है लेकिन इसके प्रकार की बात करे तो आर्टिफ़िशियलइंटेलिजेंस दो प्रकार के होते है जो नीचे दिए गए है
1. General Ai
यह उस प्रकार के आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस होते है जिसको हम सभी तरह कि नई चीजे डेटा के अनुसार सिखा सकते है General AI वहआर्टिफिशल इंटेलिजेंस जो बहुत सारे काम कर सकती है बिल्कुल इंसानो कि तरह.
2. Narrow Ai
यह इस प्रकार कि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस होती है जो किसी particular एक ही काम के लिए बनाये जाते है जो कि किसी और तरह केकाम को करने में पुरी तरह सक्षम नही होते है उदाहरण के लिए Tesla कंपनी कि कार है.
जो कि अमेरिकी सड़को पर self ड्राइव कि मदद से अच्छे performance के साथ चल पायेगी लेकिन अगर tesla कम्पनी के गाड़ीयो कोभारत के सड़को मे self ड्राइव कि मदद से चलाया जाये तो वह कार इतने अच्छे से नही चल पायेगी जितना कि अमेरिका के सड़को पर चलपाती है.
क्योंकि उसे एक स्पेसिफिक अमेरिकी सड़को के लिए बनाया गया है और उसमे अमेरिकी सड़को का डेटा मौजुद है. आज के समय में जो हमारेआस पास आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाता है वह Narrow Ai पर based है हमारे पास General Ai नही है लेकिन इसपर अभी भी काम चल रहा है.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस कैसे काम करता है?
Ai एक टेक्नोलॉजी है जिसको अगर किसी भी मशीन में लगा दे तो वह मशीन डेटा के अनुसार इंसानो कि तरह नई चीजे सिखती रहेगी औरजितना ज्यादा डेटा उसके पास होगा उतना वह पावरफुल होता जायेगा, जिस तरह इंसानो मे होता है जितनी ज्यादा इंसानो को जानकारी प्राप्तहोती जाती है उतने ही इंसान पावरफुल बनते जाते है.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस जानकारी के अनुसार काम करते है जिस चीज कि जानकारी उनके डेटाबेस में मौजुद नही होगी वह कार्य करने में वहसक्षम नही हो पायेंगें General आर्टिफिशल इंटेलिजेंस जो कार्य करने में सक्षम नही हो पाते है, उनको डेटा दे कर हम उस कार्य करने कि शक्तिदेते है General Ai को.
उसी जगह Narrow AI को एक ही Particular एक ही कार्य को करने का डाटा दे सकते. इस वजह से Narrow Ai हर एक कार्य को करने मेंसक्षम नही हो पाते है.
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आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के उदाहरण
1.Google lens
आज के समय में जो सबसे बड़ा आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का उदाहरण है वह गुगल लेंस है क्योंकि गुगल लेंस से किसी वस्तु का फोटो खींच कर उस वस्तु से रिलेटेड सारी जानकारी प्राप्त कर सकते है कि वह वस्तु क्या है और किस काम आती है. तब हम सोचते है कि यह कैसे possible हो पाता है यह सब आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस कि वजह से possible हो पाता है. गुगल लेंसMachinelearning टेक्नोलॉजी और Ai पर based है जो कि तुरंत फोटो को स्कैन कर के उस फोटो से रिलेटेड सभी जानकारी दे देती है.
2.Google Assistant.
अगर आप मोबाइल इस्तेमाल करते है तो आपने गुगल असिस्टेंट का उपयोग जरुर किया होगा जिसमें गुगल कहकरगुगल असिस्टेंट से हम कोई भी सवाल पुछते है और उनका जवाब कुछ मिनटो के अंदर इंटरनेट या Self डेटा के माध्यम से दे देती है तब हमसोचते है कि गुगल असिस्टेंट हमारे सवालो का बिल्कुल Accurate जवाब कैसे दे पाती है यह सब AI कि वजह से पॉसिबल हो पाता है.
3.Google map
यह आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का एक बेहतर उदाहरण है जब हम अपने फोन का लोकेशन GPS को Enable करते है तोगुगल मैप को कैसे पता चल जाता है कि हम अभी किस स्थान पर मौजुद है यह आर्टिफिशल इंटेलिजेंस कि वजह से हो पाता है AI के डेटाबेस मेंसभी जगह का डेटा मौजुद है.
जिससे जब कभी भी हम अपने फोन कि GPS को चालू कर के किस स्थान पर है यह गुगल मैप से पता करने कि कोशिश करते है तो वह पताचल जाता है. गुगल मैप जो आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस का उपयोग करता है उसे Live view Ai कहते है और इसे वैश्विक स्थानीयकरण के रूपमे भी जाना जाता है.
4.AmazonAlexa
इन दिनो Alexa कुछ ज्यादा ही सुर्खियों मे है जिसमें हम Alexa से कुछ भी सवाल पुछते है उसका जवाब तुंरत हमे देदेती है और Alexa से हम कुछ भी डिजीटल कार्य करने को कहते है जैसे – Alexa AC चालू करो, Alexa अलार्म सेट करो इस तरह केडिजीटल कामो को कुछ मिनटो में Alexa कर देता है यह सब आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस कि वजह से पॉसिबल हो पाया है.
5.Tesla cars self drive mode
अगर आप दुनिया के सब से अमीर व्यक्ति को जानते है तो उनकी एक कार बनाने वाली कंपनी Tesla को जरुर जानते होंगे यह अब तक कि सबसे उच्च गुणवत्ता वाले कारो मे से एक है जिसमें कि एक फिचर मौजुद है Self drive mode जिसमेंकि कार खुद से Drive करने कि क्षमता रखती है.
Self drive mode मे यह कार आस पास के वातावरण को स्कैन कर के खुद से ड्राइव कर पाती है. यह Possible आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंसकि वजह से हो पाया है और यह आज तक का सबसे बड़ा उदाहरण है AI का.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के फायदे
AI के आने से हमारे जीवन में बहुत बदलाव आ जायेगा और हमे कुछ इस प्रकार के फायदे होने वाले है –
- Ai कि वजह से कृषि, रक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्रो में बहुत बड़ा बदलाव आ सकता है. जिससे मनुष्य जाती का लाभ होने वाला हैं.
- Ai का के आने से जिस काम को करने में अत्यधिक व्यक्तियो कि जरुरत पड़ती है वही काम को AI के जरिये बहुत कम समय औरबेहतर तरिके के साथ किया जायेगा.
- Ai हमारे errors को बहुत कम कर देता है जिससे कोई भी काम बहुत ही अधिक सटीकता के साथ किया जाता है जिससे काम में कोईहानि कि संभावना नही होती है.
- Ai काम को बहुत ही कम समय में करने और बहुत कम समय में निर्णय लेने कि क्षमता रखता है जिससे काम बहुत ही जल्दी हो पाता है.
- Ai बहुत लंबे समय तक काम को करने में सक्षम होते है Ai ना ही थकते है और ना ही विचलित होते है जिससे काम कम समय में औरनिश्चित समय में पुरा होने कि संभावना बड़ जाती है.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के नुकसान
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के जिस तरह फायदे अधिक है उसी तरह नुकसान भी अधिक है.
- आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस के फायदे अभी पुरी तरह स्पष्ट नही है लेकिन आर्टिफिशल इंटेलिजेंस जो सबसे बड़ा नुकसान होने वाला है वहमनुष्य जाती को ही होने वाला है.
- आज के समय मे बेरोजगारी बहुत है और आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस के आने से किसी काम को करने में मनुष्यो कि जरुरत बहुत कमपड़ेगी जिससे बेरोजगारी और बहुत बड़ जायेगी.आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के फायदे अभी पुरी तरह स्पष्ट नही है लेकिन आर्टिफिशयलइंटेलिजेंस जो सबसे बड़ा नुकसान होने वाला है वह मनुष्य जाती को ही होने वाला है.
- आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस मनुष्यो कि जगह काम करेगी और स्वयं ही निर्णय लेने लगेगी जिसे अगर काबू में नही किया गया तो यह मानवजाति को हानि हो सकती है.
- आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस मनुष्यो कि जगह काम करेगी और स्वयं ही निर्णय लेने लगेगी जिसे अगर काबू में नही किया गया तो यह मानवजाति को हानि हो सकती है.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस कैसे दुनिया बदल देगा?
धीरे धीरे हर क्षेत्र मे इन मशीनों की उपयोगिता बढ़ती जा रही हैं जहां किसी काम को 10 लोग मिलकर एक दिन मे पूरा करते थे उसी काम कोएक मशीन एक घंटे मे पूरा कर देता हैं जिससे समय की बचत होती हैं लेकिन इससे काम करने वाले लोग बेरोजगार हो रहे हैं.
इसी प्रकार आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस की प्रमुखता बदने वाली हैं जो दुनिया को पूरी तरह बदलकर रख देने वाली हैं क्योंकि उनके पास इंसानोंकी तरह सोचने और समझने की शक्ति मौजूद हैं जिसकी वजह से मशीन इंसानों के काम को उनसे बेहतर तरीके से कर पाएंगे, जिससे इंसानोकी उपयोगिता कम हो जाएगी और इंसानों की जगह मशीने काम करेगी.
यह आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस से पूरी दुनिया डिजिटल दुनिया बनने वाला है लेकिन अभी भी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस किसी भी काम को पूरी तरह सही तरीके से करने मे सक्षम नहीं हो पाए हैं.
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस जितना हम इंसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहे हैं उतना ही नुकसानदायक भी हैं