पीरियड्स खुल कर न होने पर की जाने वाली जांच - Diagnosis of Light Periods in Hindi |
डॉक्टर जांच की मदद से पीरियड न आने के कारण का पता लगाकर उसके इलाज के उपाय को निर्धारित करते हैं। पीरियड्स रुक रुक के आने के कारण का पता लगाने के लिए स्त्री रोग निम्नलिखित जाँच करने का सुझाव दे सकती हैं
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पीरियड्स खुल कर न होने पर की जाने वाली जांच
1. पीरियड्स खुलकर न होने पर ब्लड टेस्ट
पीरियड्स को प्रभावित करने में हार्मोन अहम रोल निभाते हैं। ब्लड टेस्ट की मदद से डॉक्टर हार्मोन में संतुलन की जांच करते हैं।
2. पीरियड्स में कम ब्लड आने पर अल्ट्रा सोनोग्राम
इस जांच के जरिए एंडोमेट्रियम की परत की जांच की जाती है। साथ ही, ओवेरी के साइज और ग्रोथ की भी पुष्टि की जाती हैं ताकि पीरियड्स खुल कर न आने यानी पीरियड्स में ब्लीडिंग कम होने के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके।
3. पीरियड्स खुल कर न होने पर एमआरआई
बहुत कम ही मामलों में एमआरआई की जाती है। जब ऊपर दिए दोनों टेस्ट की रिपोर्ट से डॉक्टर संतुष्ट नहीं होते हैं तब एमआरआई करने का सुझाव देते हैं।
पीरियड खुल कर के आने के लिए क्या करें?
पीरियड्स में ब्लड कम आना एक गंभीर समस्या की तरफ इशारा हो सकता है। इसलिएअगर आप खुद में पीरियड्स खुलकर न आने के लक्षणों को अनुभव करती हैं तो डॉक्टर से जरूर परामर्श करना चाहिए। डॉक्टर आपकी जांच करने के बाद पीरियड्स खुल कर न होने के कारणों की पुष्टि करती हैं। उसके बाद, इलाज के माध्यम का का चुनाव करती हैं।
पीरियड खुल के आने के लिए घरेलू उपाय भी मौजूद हैं, लेकिन घरेलू उपायों का उपयोग करने से पहले स्त्री रोग विशेषज्ञ की अवश्य राय लेनी चाहिए। क्योंकि
पीरियड्स खुलकर आने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित इलाज का उपयोग कर सकते हैं:-
हार्मोन से संबंधित समस्या होने पर हार्मोन थेरेपी की जाती है।
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम होने पर इंफर्टिलिटी ट्रीटमेंट, एंटी-हेयर ग्रोथ मेडिकेशन और बर्थ कंट्रोल पिल्स दी जाती है।
जांच रिपोर्ट नॉर्मल होने पर डॉक्टर लाइफस्टाल और खान-पान में सकारात्मक बदलाव लाने का सुझाव देते हैं।