पीरियड्स खुलकर न होने के लक्षण, कारण और इलाज — Period Khul Ke Na Aane Ke Karan |
आमतौर पर पीरियड्स में हेवी ब्लीडिंग होने पर महिलाएं इसे इमरजेंसी के रूप में लेती है और इस बारे में डॉक्टर से परामर्श करती हैं। लेकिन चिंता की बात यह है कि जब किसी महिला को पीरियड्स रुक रुक कर आते हैं या पीरियड्स में कम ब्लीडिंग होती है तो वे इस स्थिति को हलके में लेती हैं और डॉक्टर के पास जाना जरूरी नहीं समझती हैं।
पीरियड्स में कम ब्लीडिंग हो रही है। सामान्यतः पीरियड्स के दौरान महिलाओं को लगभग 30 से 40 मिली लीटर ब्लीडिंग हो सकती हैं। ऐसा माना जाता है कि एक पैड लगभग 5 मिली लीटर खून सोख (एब्जॉर्ब कर) सकता है।
इस लिहाज से पीरियड्स के दौरान 7 से 8 पैड्स का इस्तेमाल होना सामान्य है। लेकिन अगर आपको पीरियड्स के दौरान इससे कम पैड्स की जरूरत पड़ती है तो इस स्थिति को मासिक धर्म खुलकर न आना यानी पीरियड्स खुल कर न होना कह सकते हैं।
पीरियड्स खुल कर न होने के लक्षण
पीरियड्स खुल कर न होना एक गंभीर समस्या है जिसकी पहचान करना जरूरी है। इसके लिए निम्न लक्षणों की मदद ली जा सकती हैं:-
दो दिन या उससे कम ब्लीडिंग होना।
ब्लीडिंग कम होना और ब्लड क्लॉट दिखाई देना।
अचानक से ब्लीडिंग का स्तर कम होना।
एक महीने के बाद, अगले महीने भी कम ब्लीडिंग होना।
पीरियड्स रुक रुक के आने का कारण
पीरियड्स खुल कर न होने के कारण का पता लगाकर इस समस्या का उचित इलाज किया जा सकता है। पीरियड कम आने के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:-
1. उम्र बढ़ने पर मासिक धर्म खुलकर नहीं आते हैं
उम्र बढ़ना पीरियड्स में ब्लीडिंग कम होने का एक मुख्य कारण है। पीरियड्स में ब्लीडिंग कम-ज्यादा होना, उम्र पर भी निर्भर करता है। जब कोई लड़की टीनएज में आती है, तब उसे असामान्य (बहुत कम या ज्यादा) ब्लीडिंग होती है।
साथ ही, जब एक महिला 40-50 वर्ष की उम्र में होती है तो उसे मेनोपॉज का खतरा होता है। मेनोपॉज के कारण भी पीरियड्स खुल कर नहीं आते हैं। इन दोनों ही उम्र में हार्मोनल असंतुलन होता है जो पीरियड्स रुक रुक के आने का एक बड़ा कारण हो सकता है।
2. वजन ज्यादा या कम होना पीरियड्स में ब्लीडिंग कम होने का कारण हो सकता है
एक महिला का वजन सामान्य से कम या ज्यादा होने पर लाइट ब्लीडिंग हो सकती है। वजन ज्यादा या कम होने से हार्मोन ठीक तरह से काम नहीं करते हैं। इसलिए पीरियड्स खुल कर नहीं आते हैं। अगर आप Period Khul Ke Aane Ke Upay के बारे में जानना चाहती हैं तो इस ब्लॉग को अंत तक अवश्य पढ़ें। साथ ही, अपनी वजन पर ख़ास ध्यान दें और इसे संतुलित रखने की कोशिश करें।
3. अनहेल्दी डाइट के कारण पीरियड खुल के नहीं आते हैं
फास्ट फूड्स, कोल्ड ड्रिंक्स या दूसरे अनहेल्दी खान-पान की चीजों का सेवन करने से शरीर में हार्मोनल असंतुलन होता है जिसका पीरियड्स पर बुरा असर पड़ता है। अगर आपके पीरियड्स में कम ब्लीडिंग होती है तो आपको अपनी डाइट में बदलाव लाना चाहिए।
साथ ही, अगर आप शराब, सिगरेट या दूसरी नशीली चीजों का सेवन करती हैं तो आपको इनका सेवन बंद कर देना चाहिए।
4. स्तनपान या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान पीरियड्स रुक रुक के आते हैं
जब एक महिला अपने शिशु को स्तनपान कराती है तो दूध का निर्माण करने वाले हार्मोन ओव्यूलेशन की डेट को आगे बढ़ा देते हैं। जब ओव्यूलेशन लेट होता है तो पीरियड्स भी देरी से होते हैं। लेकिन ब्रेस्ट फीडिंग कराने के कुछ महीनों बाद पीरियड्स खुल कर आने लगते हैं।
कुछ ऐसे भी उपाय मौजूद हैं जिनकी मदद से आप पीरियड्स को जल्दी ला सकती हैं, लेकिन इन उपायों का उपयोग करने से पहले आपको एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श करना चाहिए। पीरियड्स कैसे जल्दी ला सकते हैं, इस बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए आप इस ख़ास ब्लॉग “पीरियड्स जल्दी लाने के उपाय” को पढ़ सकते हैं।
5. बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन माहवारी में खून कम आने का कारण हो सकता है
बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करने से भी पीरियड्स खुल कर नहीं होते हैं। बर्थ कंट्रोल पिल्स, पैच, रिंग या शॉट इस्तेमाल करने से ओव्यूलेशन की प्रक्रिया में एग यानी अंडा का निर्माण बंद हो जाता है, जिसके कारण यूटेरस में मोटी परत बन जाती है।
नतीजन, पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग कम होती है। काफी लोगों को ऐसा भी लगता है कि प्रेगनेंसी के बाद भी पीरियड्स होते हैं। अगर आप इस बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करना चाहती हैं तो यह ब्लॉग “क्या प्रेगनेंसी में पीरियड्स आते हैं?” आपके लिए ज्ञानवर्धक साबित हो सकता है।
6. तनाव पीरियड्स में ब्लीडिंग कम होने का कारण हो सकता है
तनाव में रहने से दिमाग पीरियड्स से जुड़े हार्मोन को प्रभावित करता है। इससे पीरियड्स या तो खुल कर नहीं आते हैं या देरी से आते हैं। अगर आपके पीरियड्स खुलकर नहीं आते हैं और आपके मन में बार-बार यह प्रश्न उठता है कि पीरियड खुल के आने के लिए क्या करे, तो इसका सीधा जवाब यह है कि आप खुद को तनाव से दूर रखने की कोशिश करें।
7. हेवी एक्सरसाइज के कारण पीरियड्स में ब्लीडिंग कम होती है
जो महिलाएं एथलीट होती हैं, उन्हें ज्यादा एक्सरसाइज के कारण भी पीरियड्स खुल कर नहीं आते हैं। पीरियड खुल के आने के लिए आप अपने खान-पान और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव कर सकती हैं।
8. पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम पीरियड्स में ब्लड कम आता है
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से पीड़ित होने की स्थिति में महिला के पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं, जिसके कारण पीरियड्स में ब्लड कम आना शामिल है। इस स्थिति में एग मैच्योर होने की प्रक्रिया रुक जाती है, जिससे हार्मोनल बदलाव आता है और लाइट पीरियड्स होते है।
पीरियड्स खुलकर न आने पर डॉक्टर से मिलें
कुछ मामलों में लाइट पीरियड्स होना सामान्य हो सकता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में यह किसी गंभीर बीमारी की तरफ एक इशारा हो सकता है। अगर आप खुद में पीरियड खुल के नहीं आने के लक्षणों को अनुभव करती हैं तो आपको बिना देरी किए एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना और अपनी परेशानियों के बारे में उन्हें बताना चाहिए।
निर्धारित समय पर पीरियड्स आना सेहत के लिए बहुत जरूरी है। लेकिन कई बार कुछ कारणों की वजह से इसमें अनियमितता आ जाती है। इसके अलावा, आप पीरियड्स के खून के रंग में बदलाव तथा खुद में दूसरे भी कई लक्षणों को महसूस कर सकती हैं।
समय पर पीरियड्स का खुलकर नहीं आना परेशानी की ओर इशारा करता है। अगर आप भी ऐसी समस्या से पीड़ित हैं तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर इसका उचित जांच और इलाज करवाना चाहिए। प्रिस्टीन केयर के पास देश के सबसे अनुभवी और विश्वसनीय स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं जिन्हे अपने काम में महारत हासिल है।
पीरियड्स, ओवुलेशन या प्रेगनेंसी से संबंधित किसी भी तरह की कोई बीमारी या परेशानी का बेस्ट इलाज पाने के लिए आप हमसे संपर्क कर सकती हैं।
पीरियड्स खुल कर न होने पर की जाने वाली जांच
डॉक्टर जांच की मदद से पीरियड न आने के कारण का पता लगाकर उसके इलाज के उपाय को निर्धारित करते हैं। पीरियड्स रुक रुक के आने के कारण का पता लगाने के लिए स्त्री रोग निम्नलिखित जाँच करने का सुझाव दे सकती हैं:-
1. पीरियड्स खुलकर न होने पर ब्लड टेस्ट
पीरियड्स को प्रभावित करने में हार्मोन अहम रोल निभाते हैं। ब्लड टेस्ट की मदद से डॉक्टर हार्मोन में संतुलन की जांच करते हैं।
2. पीरियड्स में कम ब्लड आने पर अल्ट्रा सोनोग्राम
इस जांच के जरिए एंडोमेट्रियम की परत की जांच की जाती है। साथ ही, ओवेरी के साइज और ग्रोथ की भी पुष्टि की जाती हैं ताकि पीरियड्स खुल कर न आने यानी पीरियड्स में ब्लीडिंग कम होने के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके।
3. पीरियड्स खुल कर न होने पर एमआरआई
बहुत कम ही मामलों में एमआरआई की जाती है। जब ऊपर दिए दोनों टेस्ट की रिपोर्ट से डॉक्टर संतुष्ट नहीं होते हैं तब एमआरआई करने का सुझाव देते हैं।
पीरियड खुल कर के आने के लिए क्या करें
पीरियड्स में ब्लड कम आना एक गंभीर समस्या की तरफ इशारा हो सकता है। इसलिएअगर आप खुद में पीरियड्स खुलकर न आने के लक्षणों को अनुभव करती हैं तो डॉक्टर से जरूर परामर्श करना चाहिए। डॉक्टर आपकी जांच करने के बाद पीरियड्स खुल कर न होने के कारणों की पुष्टि करती हैं। उसके बाद, इलाज के माध्यम का का चुनाव करती हैं।
पीरियड खुल के आने के लिए घरेलू उपाय भी मौजूद हैं, लेकिन घरेलू उपायों का उपयोग करने से पहले स्त्री रोग विशेषज्ञ की अवश्य राय लेनी चाहिए। क्योंकि
पीरियड्स खुलकर आने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित इलाज का उपयोग कर सकते हैं:-
हार्मोन से संबंधित समस्या होने पर हार्मोन थेरेपी की जाती है।
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम होने पर इंफर्टिलिटी ट्रीटमेंट, एंटी-हेयर ग्रोथ मेडिकेशन और बर्थ कंट्रोल पिल्स दी जाती है।
जांच रिपोर्ट नॉर्मल होने पर डॉक्टर लाइफस्टाल और खान-पान में सकारात्मक बदलाव लाने का सुझाव देते हैं।