Menstrual Cup And Its Uses - मेंस्ट्रुअल कप क्या है और इसका इस्तेमाल कैसे करते हैं? |
मेंस्ट्रुअल कप क्या है — What Is Menstrual Cup In Hindi — Menstrual Cup In Hindi — Menstrual Cup Kya Hai
मेंस्ट्रुअल कप रबर या सिलिकॉन से बना हुआ एक छोटा, लचीला कीप के आकार का कप होता है, जिसे महिलाएं अपनी योनि में डालती है। ताकि इसमें पीरियड्स या महावारी का सारा रकस्स्राव जमा हो जाए। टैम्पोन या पैड जैसे दूसरे अन्य तरीकों की तुलना में मेंस्ट्रुअल कप अधिक ब्लड को जमा करने की क्षमता रखता है। जिसके कारण इसे मासिक धर्म चक्र के लिए एक प्रमुख स्त्री स्वच्छता उत्पाद के रूप में जाना जाता है। पीरियड्स का प्रवाह यानि फ्लो के आधार पर, एक महिला 12 घंटे तक मेंस्ट्रुअल कप को पहन सकती है।
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मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल कैसे करें — How To Use Menstrual Cup In Hindi — Menstrual Cup Ka Istemal Kaise Karte Hain
यदि एक महिला मासिक धर्म कप का उपयोग करने में रुचि रखती है, तो उसे पहले अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ के साथ इस बारे में बात करनी चाहिए। हालांकि, एक महिला इसे ऑनलाइन या मेडिकल स्टोर से किसी भी ब्रांड का खरीद सकती है, लेकिन उससे पहले यह पता लगाना आवश्यक है कि उस महिला को किस आकार यानी की साइज के मेंस्ट्रुअल कप फिट आएगा।
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आपके लिए सही मेंस्ट्रुअल कप के आकार का पता लगाने के लिए, आपकी स्त्री रोग विशेषज्ञ निम्नलिखित कारणों पर विचार करेंगी:-
- महिला की उम्र (The female’s age)
- उसके गर्भाशय ग्रीवा की लंबाई (Length of her cervix)
- अगर उसे भारी प्रवाह है या नहीं (If she has a heavy flow or not)
- कप का लचीलापन और स्थिरता (Flexibility and firmness of the cup)
- मेंस्ट्रुअल कप की क्षमता (The capacity of the menstrual cup)
- महिला के पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों की ताकत (Strength of the female’s pelvic floor muscles)
- अगर महिला को नॉर्मल डिलीवरी हुई है (If the female has had a vaginal delivery)
स्त्री रोग विशेषज्ञ का मानना है कि छोटे मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल 30 से कम उम्र की उन महिलाओं के लिए बेहतर होता है जिन्हे नॉर्मल डिलीवरी नहीं हुई होती है। बड़े आकार के मेंस्ट्रुअल कप 30 से अधिक उम्र की उन महिलाओं के लिए बेहतर होते हैं जिन्हे हेवी पीरियड्स आते हैं तथा जिन्हे नॉर्मल डिलीवरी हुई है।
मासिक धर्म कप लगाने से पहले इस बात का ध्यान दें — Do This Before Putting Mentrual Cup In Your Vagina in Hindi — Masik Dharm Cup Ko Yoni Me Lagane Se Pahle Is Baat Ka Dhyan De
जब कोई महिला पहली बार मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करती है तो वह थोड़ी असहज यानी कि अनकंफर्टेबल महसूस कर सकती है। लेकिन मेंस्ट्रुअल कप को हल्का सा ग्रीसिंग करने के बाद वह बहुत आसानी से स्मूथली अंदर चला जाता है। मेंस्ट्रुअल कप को अपनी योनि में डालने से पहले इसके किनारे पर पानी या पानी से बने लुब्रिकेंट को लगाएं। ऐसा करने से यह बहुत ही आसानी से योनि में इंसर्ट हो जाता है।
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मेंस्ट्रुअल कप को योनि में कैसे लगाएं — How To Put Menstrual Cup In Vagina In Hindi — Menstrual Cup (Masik Dharm Cup) Ko Yoni Me Kaise Lagaya Jata Hai
अगर एक महिला टैम्पोन को अपनी योनि में रख सकती है तो वह मेंस्ट्रुअल कप को भी बहुत आसानी से इंसर्ट कर सकती है। मासिक धर्म कप का उपयोग करने के लिए नीचे दिए हुए चरणों का पालन करें:-
- अपना हाथ अच्छी तरह से धोएं (Wash your hands)
- पानी या पानी से बने लुब्रिकेंट को मेंस्ट्रुअल कप के किनारे पर अच्छी तरह से लगाएं (Gently apply water or a water-based lube onto the rim of the cup)
- मेंस्ट्रुअल कप को बीच में से मोड़कर आधा बनाएं तथा उसे ऐसे हिसाब से पकड़ें कि उसका किनारा ऊपर कि तरफ हो (Tightly fold the menstrual cup into half and hold it in your hand with the rim facing upwards)
- कप के किनारे को ऊपर कि तरफ करते हुए इसे अपनी योनि में इंसर्ट करें, बिलकुल वैसे ही जैसे आप टैम्पोन को इंसर्ट करती हैं। कप सर्विक्स से मात्र कुछ इंच नीचे होना चाहिए (Insert the cup with the rim upwards into your vagina, just like you put a tampon. The cup should sit a few inches below the cervix)
- जब कप योनि में चला जाए तो इसे आराम से धीरे धीरे घुमाएं। ऐसा करने से यह खुलकर एक एयरटाइट सील बनाएगा जो लीकेज को रोकने का काम करेगा।
अगर आपने अपने मेंस्ट्रुअल कप को अच्छी तरह से लगाया है तथा वह सही से फिट हो गया है तो वह आपको महसूस नहीं होगा। मेंस्ट्रुअल कप सही से फिट होने के बाद आप आराम से टहल सकती हैं, घूम फिर सकती हैं, उठ बैठ सकती हैं, खेल कूद कर सकती हैं तथा अपने दैनिक जीवन के सभी कामों बहुत ही आसानी से कर सकती हैं। कप सही से फिट होने के बाद वह अपने आप योनि से बाहर नहीं निकलता है। अगर आपको मेंस्ट्रुअल कप योनि में इंसर्ट करने में किसी तरह कि कोई परेशानी हो रही है तो आप अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से इस बारे में बात करें। वे आपकी पूरी तरह से मदद करेंगे।
मेंस्ट्रुअल कप को योनि से कब बाहर निकालना चाहिए — When You Should Take Out Menstrual Cup From Vagina In Hindi — Menstrual Cup (Masik Dharm Cup) Yoni Se Kab Bahar Nikalna Chahiye
एक महिला मेंस्ट्रुअल कप को लगभग 6 से 12 घंटे तक पहन सकती है, जो कि इस बात पर भी निर्भर करता है कि उसे हेवी फ्लो आता है या नहीं। इसका मतलब यह है कि वह ओवरनाइट प्रोटेक्शन के लिए भी इस कप का इस्तेमाल कर सकती है। विशेषज्ञ का कहना है कि महिला को 12 घंटे पूरा होते ही उसे अपने मेंस्ट्रुअल कप को बाहर निकाल देना चाहिए। अगर यह उससे पहले भर जाता है तो इसे इसके नियमित समय से पहले ही निकाल देना चाहिए नहीं तो लीकेज होने कि संभावना होती है।
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मेंस्ट्रुअल कप को योनि से कैसे बाहर निकालें — How To Take Out Menstrual Cup From Vagina In Hindi — Menstrual Cup Ko (Masik Dharm Cup) Yoni Se Kaise Bahar Nikala Jata Hai
अपने मेंस्ट्रुअल को योनि से बाहर निकालने के लिए नीचे दिए गए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करें:-
- अपने हाथ को साफ तरह से धोएं (Wash your hands thoroughly)
- अपनी तर्जनी यानी इंडेक्स फिंगर और अंगूठे को योनि के अंदर डालें और जब तक आप आधार तक नहीं पहुंचते तब तक कप के डंठल को धीरे धीरे बाहर निकालें (Put your index finger and thumb inside your vagina. Pull out the stem of the cup until you reach the base)
- सील को बाहर निकालने के लिए आधार को हल्का पिंच करें (Slowly pinch the base to release the seal)
- नीचे कि तरफ खींचे और कप को बाहर निकाल लें (Pull down and then remove the cup)
- जब कप बाहर निकल जाए तो इसे सिंक या टॉयलेट में खाली करके फ्लश कर दें (Once the cup is out, empty it into the sink or toilet and flush)
मेंस्ट्रुअल कप के क्या फायदे हैं — Benefits Of Menstrual Cup In Hindi — Menstrual Cup Ko (Masik Dharm Cup) Ke Kya Faayde Hain
मेंस्ट्रुअल कप का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसकी कीमत बहुत कम होती है। साथ ही, इसका इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है। टैम्पोन या सैनिटरी पैड की तुलना में मेंस्ट्रुअल कप में अधिक खून को जमा किया जा सकता है। महिलाएं अभी सबसे अधिक मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करती हैं। क्योंकि इसे अपनी योनि में लगाने के बाद भी बिना किसी दिक्कत या परेशानी का सामना किए सेक्स का आनंद उठाया जा सकता है। सेक्स के दौरान आपको जरा भी इस बात का एहसास नहीं होगा जी आपने योनि में मेंस्ट्रुअल कप लगाया हुआ है।
इतना ही नहीं, जहां सैनिटरी नैपकिन और टैम्पोन में केमिकल जैसे कि ब्लीच और डायोक्सिन का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं मेंस्ट्रुअल कप के निर्माण के दौरान किसी भी प्रकार के केमिकल के इस्तेमाल की आवश्यकता नहीं पड़ती है। मेंस्ट्रुअल कप में किसी भी प्रकार का केमिकल नहीं होता है। इसलिए जहां सैनिटरी नैपकिन और टैम्पोन का इस्तेमाल करने पर योनि में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। वहीं मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करने पर इंफेक्शन या दूसरे साइड इफेक्ट्स जैसे कि योनि में खुजली होना, योनि में जलन होना, योनि में दर्द या सेक्स के दौरान दर्द होने का खतरा लगभग शून्य होता है। अगर आप पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लीडिंग से परेशान हैं और उससे बचने के लिए बेस्ट और सुरक्षित तरीका अपनाना चाहती हैं तो आपको मेंस्ट्रुअल कप का चुनाव करना चाहिए।
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साथ ही आपको इस बात का भी खास ध्यान रखना चाहिए कि अगर मेंस्ट्रुअल कप लगाने के बाद आपको योनि में जलन, खुजली या दूसरी किसी प्रकार की समस्या होती है तो आपको इसके इस्तेमाल को तुरंत रोक देना चाहिए। साथ ही, अगर आपको अपने साइज का मेंस्ट्रुअल कप नहीं मिल रहा है तो आपको इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए। क्योंकि अपने साइज से छोटे या बड़े मेंस्ट्रुअल कप को योनि में लगाने से कोई फायदा नहीं होता है। साथ ही अगर आपको रबर या सिलिकॉन से एलर्जी है तो आपको इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर इसके साइड इफेक्ट्स और जटिलताओं की संभावना बढ़ सकती है।
मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करना बहुत आसान है। अगर आप इसका उपयोग करना चाहती हैं तो डॉक्टर से परामर्श करने के बाद आप इसे खरीदकर उपयोग में ला सकती हैं। इस ब्लॉग में हमने आपको विस्तार से इसके इस्तेमाल कि पूरी प्रक्रिया को बताया है। अगर इसके बाद भी आपको मेंस्ट्रुअल कप को अपनी योनि में डालने में किसी तरह कि परेशानी आए तो आप स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर इसके इस्तेमाल कि प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बात कर सकती हैं। यह योनि में बहुत सरलता से फिट हो जाता है, अगर ऐसा न हो तो आपको जबरदस्ती इसे योनि में नहीं डालना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आपकी योनि में चोट आ सकती है तथा आपको परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। इससे संबंधित किसी भी जानकारी के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलें।