डायबिटीज पेशेंट को अनार खाना चाहिए या नहीं? |
स्वास्थ्य के लिहाज से अनार को बेहतरीन फल माना गया है. इसमें वो सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो बीमारियों से बचे रहने के लिए जरूरी हैं. इसलिए, डॉक्टर भी सभी को अनार खाने की सलाह देते हैं, लेकिन डायबिटीज के मरीज अक्सर अपनी डाइट को लेकर संशय में रहते हैं. अनार को लेकर भी वो दुविधा में रहते हैं कि उन्हें अनार खाना चाहिए या नहीं. बेशक, इसमें प्रोटीन और फाइबर होता है, लेकिन इन सभी के साथ अनार में शुगर भी होती है, जिस कारण डायबिटीज के मरीज इस सोच में रहते हैं कि वो अपनी डाइट में अनार को शामिल करें या नहीं.
क्या डायबिटीज के मरीज के लिए अनार सही है?
हां, अगर अनार को सीमित मात्रा में खाया जाए, तो यह डायबिटीज के मरीज के लिए बेहतरीन फल साबित हो सकता है. कुछ पुरानी रिसर्च से पता चलता है कि अनार में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है, जो टाइप 2 डायबिटीज में ब्लड शुगर को तेजी से कम करने में मदद कर सकता है.
अनार में मौजूद पोषक तत्व
अनार को फाइबर का प्रमुख स्रोत माना गया है. इससे वजन को कम करने व कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है. यहां हम आधे अनार में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में बता रहे हैं -
- कैलोरी - 72
- प्रोटीन - 2.35 grams
- फैट - 1.6 grams
- कार्बोहाइड्रेट - 26 grams
- फाइबर - 5.5 grams
- शुगर - 20 grams
अनार खाने से होने वाले फायदे
अनार खाना डायबिटीज में किस प्रकार फायदेमंद है, इस संबंध में अभी कम ही शोध उपलब्ध है, लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अनार बेहतरीन फल है. अनार विटामिन-ई, के और मैग्नीशियम सहित कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट के रूप में पॉलीफेनोल्स होते हैं, जो प्रोस्टेट कैंसर और गठिया जैसी सूजन की बीमारी से बचाने में मदद कर सकते हैं.
कई मेडिकल रिसर्च यह भी कहती हैं कि अनार का रस हाई बीपी और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है. साथ ही हृदय और इसकी धमनियों की रक्षा कर सकता है और मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार कर सकता है. अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण अनार का रस गुर्दे की पथरी को कम कर सकता है. कुछ मेडिकल रिसर्च इस ओर भी इशार करते हैं कि अनार में मौजूद कंपाउंड आंत में अच्छे बैक्टीरिया के लेवल को बढ़ा सकते हैं. इससे पाचन तंत्र बेहतर हो सकता है.
ब्लड शुगर पर अनार का प्रभाव
मेडिकल रिसर्च के अनुसार अनार को लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फलों की श्रेणी में रखा जाता है. इसका मतलब यह है कि अन्य फलों के मुकाबले अनार ब्लड शुगर को कम बढ़ाता है. डेढ़ कप अनार के दानों में लगभग 16 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है.
अनार के फल और जूस में अंतर
अन्य फलों की तरह अनार का भी जूस पीने की जगह उसे खाने की सलाह दी जाती है. अनार के दानों के मुकाबले जूस में फाइबर और विटामिन-सी की मात्रा कम होती है. फिर भी अगर कोई पैकेडबंद अनार का जूस पीता है, तो हम यहां स्पष्ट कर दें कि इस तरह के जूस में एक्स्ट्रा शुगर होती है. इसलिए, डायबिटीज के मरीज को अनार का जूस पीने की जगह खाना चाहिए.
डायबिटीज में अनार का सेवन करना सुरक्षित माना गया है. इसलिए, अगर किसी को डायबिटीज है, तो उसे अनार के जूस की जगह अनार का सेवन करना चाहिए. अनार के दानों के मुकाबले जूस में पोषक तत्व कम होते हैं, इसलिए अनार काे खाना बेहतर माना गया है. अनार में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो टाइप 2 डायबिटीज की स्थिति में ब्लड शुगर को कम करने में मदद कर सकता है. हां, अगर डायबिटीज से ग्रस्त मरीज की स्थिति गंभीर है, तो उसे डॉक्टर की सलाह पर ही अनार खाना चाहिए.