पीरियड्स के कितने दिन बाद प्रेग्नेंसी होती है? – Period Ke Kitne Din Baad Pregnancy Hoti Hai?
पीरियड्स के कितने दिन बाद प्रेग्नेंसी होती है? – Period Ke Kitne Din Baad Pregnancy Hoti Hai? |
ओव्यूलेशन क्या है? पीरियड्स और प्रेग्नेंसी पर इससे क्या फर्क पड़ता है?
ओव्यूलेशन मासिक चक्र का एक हिस्सा है जिस दौरान अंडा मैच्योर होकर ओवरी से बाहर निकलते हैं। यह प्रक्रिया पीरियड्स शुरू होने से दो हफ्ते पहले शुरू हो जाती है। इस दौरान अगर सेक्स किया जाता है तो गर्भधारण करने की पूरी संभावना होती है।
ओव्यूलेशन की प्रक्रिया प्रेग्नेंसी होने के लिए बहुत जरूरी है। हर महिला की पीरियड्स की तारीख अलग होती है, इसलिए ओव्यूलेशन का समय भी अलग ही होगा। इसमें अंडे (Eggs) अंडाशय में एक्टिव हो जाते है और एक्टिव होने के बाद कोई एक एग फैलोपिन ट्यूब में पहुंच कर स्पर्म का इंतजार करता है।
अंडाशय से अंडा रिलीज होने के बाद लगभग 24 घंटे तक ही जीवित रहता है। इस 24 घंटे के अंदर स्पर्म फर्टिलाइज नहीं होने पर वह अपने आप ही खत्म हो जाता है। उसके बाद, एक महिला को प्रेग्नेंसी के लिए अगले महीने तक का इंतजार करना होता है।
कैसे तय करें, प्रेग्नेंट होने के लिए ओव्यूलेशन कब होगा?
पीरियड्स का स्वस्थ मासिक चक्र 28 से 36 दिनों तक का होता है। इसलिए हर महिला में ओव्यूलेशन कब होगा, ये उनके मासिक चक्र की समय सीमा पर निर्भर करता है। ओव्यूलेशन के समय को काउंट किया जा सकता है। आप चाहे तो इस बारे में डॉक्टर से भी बात कर सकते हैं।
आजकल जैसे पीरियड्स को ट्रेक करने के लिए अनेको मोबाइल एप आ गए हैं, वैसे ही ओव्यूलेशन को ट्रेक करने के लिए भी मोबाइल एप्लिकेशन मौजूद हैं। ओव्यूलेशन को ट्रेक करने से पहले यह पता करे कि आपका मासिक चक्र कितने दिनों का हैं। ओव्यूलेशन पीरियड्स के पहले दिन से लेकर दो हफ्ते पहले तक कभी भी हो सकता है।
जिसका मासिक चक्र 28 दिन का होता है, वे 14वें दिन पर ओव्युलेट करती हैं और जिनका मासिक चक्र 21 दिन का होता है, वे 7वें दिन ओव्युलेट करती हैं। जिन महिलाओं का मासिक चक्र 35 से 36वें दिन पर होता हैं, उनका ओव्यूलेशन 21वें दिन होता है।
पीरियड्स के कितने दिन बाद प्रेग्नेंसी होती है (Periods Ke Kitne Din Baad Pregnancy Hoti Hai)
पीरियड्स के बाद प्रेग्नेंसी अगले मासिक धर्म चक्र के पहले ओव्यूलेशन में हो सकती है। अगर मासिक चक्र 28 दिन का है तो पीरियड्स खत्म होने के 10 वें दिन से लेकर 17 वें दिन तक प्रेग्नेंसी के लिए सही समय माना जाता है। अगर किसी महिला का मासिक चक्र 28 दिन का है तो प्रेग्नेंसी की सबसे ज्यादा संभावना पीरियड्स खत्म होने के 12वें, 13वें और 14वें दिन ज्यादा होती है। लेकिन 17वां दिन गुजर जाने के बाद प्रेग्नेंसी की संभावना कम हो जाती है।
यही कारण है कि ओव्यूलेशन का दिन प्रेग्नेंसी के लिए सबसे सही समय माना जाता है। ओव्यूलेशन से पहले के पांच दिन में अगर शारीरिक संबंध बनाएं जाएं तब गर्भधारण के सफल होने की संभावना सबसे अधिक होती है। साथ ही, जिस दिन ओव्यूलेशन होता है, उस दिन भी शारीरिक संबंध बनाने से गर्भधारण की संभावना अधिक होती है।
पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी नहीं होती है (Periods Ke Kitne Din Baad Pregnancy Nahi Hoti Hai)
जैसे ही आपके पीरियड्स शुरू होते हैं, ओव्यूलेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है और आपकी ओवरी से अंडे निकलने शुरू हो जाते हैं। जिसके बाद अंडा स्पर्म के साथ फर्टिलाइज होता है और गर्भावस्था की प्रक्रिया शुरू होती है। लेकिन कई बार कुछ कारणों से अंडे और स्पर्म का संयोजन नहीं हो पाता है जिसके कारण महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है।
अगर आपके मन में यह प्मारश्सिन है कि पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी नहीं होती है तो इसका सीधा सा यह जवाब है कि पीरियड्स के पहले दिन से लेकर अगले छह दिनों तक गर्भधारण की संभावना लगभग न के बराबर होती है। लेकिन जिस महिला का मासिक धर्म कम समय का होता है उन्हें गर्भधारण की संभावना अधिक होती है। क्योंकि इस दौरान ओव्यूलेशन की प्रक्रिया काफी जल्दी हो जाती है जिसकी वजह से सेक्स करने के बाद स्पर्म उनके शरीर में लगभग एक सप्ताह तक जीवित रहता है।
क्या पीरियड्स में शारीरिक संबंध बनाने पर प्रेग्नेंसी हो सकती है?
कुछ लोगों का हमेशा यह प्रश्न होता है कि पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए? कई लोगों का यह भी मानना है कि पीरियड्स में सेक्स करने पर महिला को 100% गर्भवती होने की संभावना होती है।
ऊपर दी गई जानकारी के अनुसार गर्भधारण की संभावना सबसे अधिक ओव्यूलेशन के दिनों के आसपास शारीरिक संबंध बनाने पर होती है। क्योंकि उस दौरान अंडे फैलोपिन ट्यूब में होते हैं, लेकिन जब अंडे फैलोपियन ट्ऐयूब से वापस चले जाते हैं तो गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है।
कितने दिन के बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट करनी चाहिए (Kitne Din Baad Pregnancy Test Karna Chahie)
विशेषज्ञ का मानना है कि पीरियड्स आने पहले पहले या फिर उसके दूसरे दिन प्रेग्नेंसी टेस्ट करनी चाहिए। प्रेग्नेंसी टेस्ट करने के कई तरीके हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप कैसे कंफर्टेबल हैं।
आप चाहें तो डॉक्टर के पास जा सकती हैं या फिर घर बैठे खुद से प्रेग्नेंसी टेस्ट किट या घरेलू उपायों से प्रेग्नेंसी टेस्ट मात्रा कुछ ही मिनटों में अपनी प्रेग्नेंसी की पुष्टि कर सकती हैं।
आमतौर पर Period Ke Kitne Din Baad Pregnant Hoti Hai के बारे में पता लगाने के लिए प्रेग्नेंसी टेस्ट किया जाता है। प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए आपके यूरिन की आवश्यकता होती है। क्योंकि इसमें ही प्रेग्नेंसी के हार्मोन की मौजूदगी का पता लगाया जाता है।
ओव्यूलेशन होने के क्या लक्षण है?
ओव्यूलेशन हर महिला में अलग-अलग दिन पर होता है। यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि मासिक धर्म चक्र कितने दिनों का है। आप ओव्यूलेशन का दिन अनेको ख़ास एप के जरिए पता कर सकती हैं। आप बना किसी एप का इस्तेमाल किए कुछ ख़ास लक्षणों की मदद से भी ओव्यूलेशन की पुष्टि कर सकती हैं। ओव्यूलेशन के निम्नलिखित लक्षण होते हैं:-
- शारीरिक तापमान बदलना:- वैसे तो यह एक सामान्य लक्षण है, लेकिन बुखार या दुसरे कारणों से भी शारीरिक तापमान बदल सकता है। आमतौर पर मासिक धर्म चक्र शुरू होने पर शारीर का सामान्य तापमान 97.2 से 97.6 डिग्री फेरेनहाइट हो सकता है। ओव्यूलेशन जैसे-जैसे करीब आता है, शारीर का तापमान बढ़ने लगता है। अगर आप चाहें तो डिजिटल थर्मामीटर की मदद से अपने शारीर के तापमान की जांच कर सकते हैं।
- सर्वाइकल म्यूकस में बदलाव:- सर्वाइकल म्यूकस महिला शरीर से डिस्चार्ज होने वाला जैल की तरह एक पदार्थ है। पीरियड्स शुरू होने के दो सप्ताह पहले यूटेरस के निचले हिस्से गर्भाशय ग्रीवा (uterine cervix) में तरल पदार्थ यानी लिक्विड बनने लगता है, जिसके डिस्चार्ज होने पर ओव्यूलेशन शुरू हो जाता है।
- इसके अलावा भी कई लक्षण हैं, जैसे पेट में दर्द, ब्रेस्ट का आकार बढ़ना, बर्ताव में बदलाव आना आदि।
ओव्यूलेशन प्रक्रिया से जुड़े डिसऑर्डर
अगर ओव्यूलेशन प्रक्रिया सही तरह से नहीं हो रही है तो महिला में इनफर्टिलिटी या गर्भधारण करने में परेशानी आ सकती है। ओव्यूलेशन प्रक्रिया से जुड़े कुछ डिसऑर्डर निम्न हैं:-
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) में ओवेरी यानी अंडाशय बढ़ा हो जाता है और इसमें सिस्ट बन जाते हैं जिसके कारण हार्मोन का बैलेंस बिगड़ जाता है। इस डिसऑर्डर में मोटापा, असामान्य तरीके से बाल बढ़ना और मुहांसे होना जैसे लक्षण शामिल हैं।
हाइपोथैलेमिक डिसफंक्शन (Hypothalamic Dysfunction In Hindi)
जब शरीर में एफएसएच और एलएच हार्मोन बनना रुक जाता है जिसके कारण ओव्यूलेशन और मासिक धर्म चक्र पर बुरा असर पड़ता है। इसमें अनियमित पीरियड्स होना, ज्यादा ब्लीडिंग, मासिक धर्म का न आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यह डिसऑर्डर ज्यादा शारीरिक या भावनात्मक तनाव (Physical or emotional stress), अचानक कम या ज्यादा वजन होने के कारण होता हैं।
प्रीमेच्योर ओवेरियन इन्सफिएंसी (Premature Ovarian Insufficiency In Hindi)
एस्ट्रोजन कम होने पर अंडा बनना बंद हो जाता है। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी जो अनुवांशिक असामान्यताओं (Genetic abnormalities) या पर्यावरण में मौजूद जहरीले पदार्थों (environmental toxins) के कारण हो सकता है। इस बीमारी के कारण भी ओव्यूलेशन की प्रक्रिया में रूकावट पैदा हो सकती है।
अगर आपको ऐसा लग रहा है कि ओव्यूलेशन ठीक ढंग से नहीं हो रहा है तो डॉक्टर से जांच करा कर इलाज करवाना चाहिए।
पीरियड्स और प्रेगनेंसी में डॉक्टर की भूमिका (Periods Aur Pregnancy Men Doctor Ki Bhumika)
जैसे पीरियड्स और प्रेगनेंसी आपस में जुड़े हुए हैं, वैसे ही पीरियड्स और प्रेगनेंसी से डॉक्टर जुड़े हुए हैं। आमतौर पर महिलाएं पीरियड्स और प्रेगनेंसी को लेकर बहुत कम जागरूक होती हैं। इसलिए पीरियड्स में अनियमितता आने, सामान्य से अधिक या कम ब्लीडिंग होने, ब्लीडिंग के रंग में बदलाव या उससे बदबू आने या प्रेगनेंसी के दौरान किसी तरह की कोई समस्या होने पर वे तुरंत घबरा जाती हैं।
अगर आपको पीरियड्स या प्रेगनेंसी से संबंधित किसी तरह की कोई परेशानी या कन्फ्यूजन है तो तुरंत स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर इस बारे में बात करनी चाहिए। डॉक्टर आपके लक्षणों को देखने के बाद कुछ जांच करते हैं जिसकी मदद से आपके पीरियड्स या प्रेगनेंसी से संबंधित समस्याओं के बारे में पता चलता है।
उसके बाद, उचित इलाज से आपकी परेशानियों को दूर किया जा सकता है। साथ ही, अगर आपको अपनी ओव्यूलेशन डेट का पता नहीं चल रहा है तो आप डॉक्टर से संपर्क कर सकती हैं। इस बारे में डॉक्टर आपकी मदद कर करेंगे।
इन सबके अलावा, अगर अभी भी आपके पास पीरियड्स और प्रेगनेंसी से संबंधित कोई प्रश्न जैसे की पीरियड्स कब आता है, पीरियड्स कब नहीं आता है, ओव्यूलेशन डेट कैसे पता की जाती है, गर्भधारण करने का सबसे सही समय कब होता है, प्रेगनेंसी टेस्ट कब और कैसे की जाती है तथा पीरियड्स और प्रेगनेंसी के दौरान किन बातों का ध्यान रखा जाता है तो आप अभी हमारे अनुभवी स्रत्री रोग विशेषज्ञ के साथ अप्वाइंटमेंट बुक कर सकती हैं।
अप्वाइंटमेंट बुक करने के लिए आप इस पेज के ऊपर दिए गए मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी का इस्तेमाल कर सकती हैं। साथ ही, आप बुक अप्वाइंटमेंट बटन का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
पीरियड्स और प्रेगनेंसी से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
माहवारी के कितने दिन बाद बच्चा ठहरता है?
माहवारी की अवधि ख़त्म होने के बाद एक महिला गर्भवती हो सकती है। गर्भाधारण करने के लिए पीरियड्स के बाद के 5 दिन और ओव्यूलेशन वाला दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
पीरियड कितने दिन बाद आता है या एमसी कितने दिन बाद आती है?
पीरियड्स को मासिक चक्र या एमसी के नाम भी जाना जाता है। ज्यादातर महिलाओं का मासिक चक्र नियमित होता है जो अनुमानत: हर 28 दिनों में आता है। जब पहला मासिक धर्म शुरू होता है तो अगला मासिक धर्म 3-6 सप्ताह के बीच कभी भी आ सकता है। यह 21 या 40 दिनों तक चल सकता है। साथ ही, इसका पैटर्न अनियमित भी हो सकता है।
पीरियड के कितने दिन पहले प्रेग्नेंट हो सकते हैं?
पीरियड्स शुरू होने के लगभग 12-14 दिनों के पहले ओव्यूलेशन की प्रक्रिया शुरू होती है। इस दौरान महिला की ओवरी से अंडा रिलीज होकर फैलोपियन ट्यूब में चला जाता है जहाँ पुरुष के स्पर्म के साथ उसका संयोजन यानी फर्टिलाइजेशन होता है। अगर आप गर्भधारण करना चाहती हैं तो आपको ओव्यूलेशन के दौरान सेक्स करना चाहिए। इस दौरान प्रेगनेंट होने की संभावना सबसे अधिक होती है।
पीरियड कितने दिन का होता है?
अक्सर लोगों के मन में यह प्रश्न उठता है कि पीरियड कितने दिन का होता है या पीरियड्स कितने दिन रहता है। हम आपको बता दें कि आमतौर पर पीरियड 28 दिनों का होता है, लेकिन यह हर महिला में अलग-अलग हो सकता है। विशेषज्ञ डॉक्टर के अनुसार, पीरियड्स 21-40 दिनों तक का हो सकता है।
पीरियड खुल के आने के लिए क्या करे?
अनेको कारणों से पीरियड खुलकर नहीं आता है। अगर आपके मन में यह सवाल उठता है कि पीरियड्स नहीं आने पर क्या करना चाहिए तो इसका जवाब बहुत ही आसान है। पीरियड्स खुलकर यानी नियमित रूप से नहीं आने पर आपको सबसे पहले एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। सबसे पहले डॉक्टर पीरियड्स खुलकर नहीं आने के सटीक कारणों का पता लगाते हैं और उसके बाद आपका उचित इलाज करते हैं जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:-
- जांच नॉर्मल होने पर जीवनशैली और डाइट में सकारात्मक बदलाव लाने का सुझाव देना
- हार्मोन से संबंधित किसी प्रकार की समस्या होने पर हार्मोन थेरेपी का सुझाव देना
- पीसीओएस होने पर इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट, एंटी-हेयर ग्रोथ मेडिकेशन और बर्थ कंट्रोल पिल्स निर्धारित करना
पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए?
आमतौर पर पीरियड्स मिस होने के एक हफ्ते बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करने की सलाह दी जाती है। अगर आपका पीरियड मिस हुए एक सप्ताह से अधिक हो गया है तो आपको प्रेगनेंसी टेस्ट करनी चाहिए।