अगर पीरियड्स (Periods) के दौरान आपकी छाती पर रैशेज (Rashes) और बहुत खुजली (Itching) हो तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए।

अगर पीरियड्स (Periods) के दौरान आपकी छाती पर रैशेज (Rashes) और बहुत खुजली (Itching) हो तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए।
अगर पीरियड्स (Periods) के दौरान आपकी छाती पर रैशेज (Rashes) और बहुत खुजली (Itching) हो तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए।

पीरियड्स (Periods) के दौरान हर महिला के अलग-अलग अनुभव होते हैं। क्या आपका पीरियड मिस हो गया है या आपका पीरियड अनियमित है तो आपको इसके बारे में सोचना चाहिए। क्‍योंकि यह किसी गंभीर समस्‍या या त्‍वचा पर रैशेस  (Rashes) का कारण हो सकता है। आपको एक्जिमा या दूसरी स्किन प्रॉब्लम्स भी हो सकती हैं।

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पीरियड्स(Periods) के दौरान आपकी छाती पर रैशेज (Rashes) और बहुत खुजली (Itching) होने के कारण 

वही अगर मासिक धर्म के दौरान आपकी त्वचा में बदलाव आते हैं तो आपको समय रहते इस पर ध्यान देना चाहिए। दरअसल मासिक धर्म के दौरान पिंपल्स, एक्ने या रैशेज होना एक बहुत ही आम समस्या है। लेकिन अगर ऐसा लगातार हो और समस्या बढ़ रही हो तो आप इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते। खासतौर पर अगर पीरियड्स (Periods) के दौरान आपकी छाती पर रैशेज (Rashes) और बहुत खुजली (Itching) हो तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। हो सकता है ये आपके शरीर में बढ़े प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के कारण हो रहा हो। 

प्रोजेस्टेरोन क्या है? – What is Progesterone?

प्रोजेस्टेरोन महिला शरीर में पाया जाने वाला एक हार्मोन है। यह महिलाओं के गर्भाशय में एस्ट्रोजन के स्तर को कम करके हार्मोन रिप्लेसमेंटथेरेपी के रूप में काम करता है। इसी वजह से महिलाओं को पीरियड्स (Periods) शुरू हो जाता है। यह मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में भी मदद करता है। इसी प्रोजेस्ट्रोन के कारण माहवारी चक्र महीने दर महीने नियमित रहता है।

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प्रोजेस्टेरोन – Progesterone

प्रोजेस्टेरोन अतिसंवेदनशीलता त्वचा को प्रभावित करती है। ऐसा अक्सर मासिक धर्म के दौरान होता है। मासिक धर्म आने के लगभग 3-10 दिन पहले ये लक्षण दिखाई देने लगते हैं। लेकिन यह मासिक धर्म के बाद चला जाता है। पीरियड्स (Periods) के दौरान त्वचा की समस्याएं जैसे त्वचा मेंसूजन, स्तन में गांठ, पित्त पथरी, त्वचा में खुजली या परतदार धब्बे बहुत आम हैं। इसके बढ़ने पर नील पड़ना या दमा जैसे लक्षण भी दिखाई देनेलगते हैं।

प्रोजेस्टेरोन बढ़ना है कारण

मासिक धर्म चक्र के अंत के बाद ओव्यूलेशन के बाद प्रोजेस्टेरोन का स्तर धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हो जाता है। जब शरीर में प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़जाता है, तो लक्षण प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के समान होते हैं। इस दौरान सीने में सूजन, डिप्रेशन, थकान या वजन बढ़ना देखा जा सकता है।दरअसल पित्त की समस्या मासिक धर्म के दौरान ज्यादा दिखाई देती है। उस स्थिति में, कुछ हार्मोन इस प्रकार की एलर्जी को ट्रिगर करते हैं।लेकिन कुछ महिलाओं के लिए यह खतरनाक हो सकता है। जिसे ऑटोइम्यून प्रोजेस्टेरोन डर्मेटाइटिस (APD) के रूप में माना जा सकता है।

क्या है उपचार

आपको इस समस्या के बारे में समय रहते डॉक्टर से बात करनी चाहिए। इसे नजरंदाज करने से कोई फायदा नहीं है। पीरियड्स (Periods) के दौरान छाती पर खुजली और चकत्ते होने पर सामयिक स्टेरॉयड या एंटीहिस्टामाइन क्रीम की सलाह दी जाती है। इसके अलावा प्रोजेस्टेरोन के अधिक उत्पादन को रोकने के लिए हार्मोन थेरेपी की भी सलाह दी जाती है। लेकिन आपको इसे कभी भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। समय रहते डॉक्टर से सलाह लें और अपना ध्यान रखें।

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