Earthquake – इतिहास का 14 सबसे विनाशकारी एवं जानलेवा भूकंप

Earthquake - इतिहास का 14 सबसे विनाशकारी एवं जानलेवा भूकंप
Earthquake – इतिहास का 14 सबसे विनाशकारी एवं जानलेवा भूकंप

Earthquake – इतिहास का 14 सबसे विनाशकारी भूकंप

शांशी, 1556

चीन के शांशी प्रांत में 1556 में आए भूकंप Earthquake को मानव इतिहास का सबसे जानलेवा भूकंप कहा जाता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक रिक्टर स्केल पर करीब 8 तीव्रता वाले उस भूकंप से कई जगहों पर जमीन फट गई. कई जगह भूस्खलन हुए. भूकंप ने 8,30,000 लोगों की जान ली. तीव्रता के मामले में धरती में इससे भी तेज भूकंप आ चुके हैं, पर उस वक्त आए इस जलजले से अब तक सबसे ज्यादा मौतें हुई थीं।

तांगशान, 1976

चीन की राजधानी बीजिंग से करीब 100 किलोमीटर दूर तांगशान में आए भूकंप ने 2,55,000 लोगों की जान ली. गैर आधिकारिक रिपोर्टों के मुताबिक मृतकों की संख्या 6 लाख से ज्यादा थी. 7.5 तीव्रता वाले उस भूकंप ने बीजिंग तक अपना असर दिखाया.

हिंद महासागर, 2004

दिसंबर 2004 को 9.1 तीव्रता वाले भूकंप Earthquake ने इंडोनेशिया में खासी तबाही मचाई. भूकंप ने 23,000 परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा निकाली. इससे उठी सुनामी लहरों ने भारत, श्रीलंका, थाइलैंड और इंडोनेशिया में जान माल को काफी नुकसान पहुंचाया. सबसे ज्यादा नुकसान इंडोनेशिया के सुमात्रा द्पीव में हुआ. कुल मिलाकर इस आपदा ने 2,27,898 लोगों की जान ली. 17 लाख लोग विस्थापित हुए.

अलेप्पो, 1138

ऐतिहासिक दस्तावेजों के मुताबिक सीरिया में आए उस भूकंप ने अलेप्पो को पूरी तरह झकझोर दिया. किले की दीवारें और चट्टानें जमींदोज हो गईं. अलेप्पो के आस पास के छोटे कस्बे भी पूरी तरह बर्बाद हो गए. अनुमान लगाया जाता है कि उस भूकंप ने 2,30,000 लोगों की जान ली.

हैती, 2010

12 जनवरी 2010 को हेती में 7.0 की तीव्रता वाला भूकंप Earthquake आया जिसने राजधानी पोर्ट ओ प्रिंस को दहलाकर रख दिया. हेती सरकार के आँकड़ों के अनुसार उस भूकंप में लगभग दो लाख 20 हज़ार लोगों की जान चली गई थी. इनमें संयुक्त राष्ट्र के 102 कर्मचारी भी थे. हेती में संयुक्त राष्ट्र मिशन के मुख्यालय वाली इमारत ढह जाने से इन कर्मचारियों की मौत हुई. इस देश का इतिहास और भूगोल हमेशा के लिए बदल गया था। सिर्फ़ 35 सेकंड तक चले उस भूकंप में क़रीब तीन लाख लोग ज़ख़्मी हुए और लगभग 15 लाख लोगों को बेघर होना पड़ा. एक लाख घर तबाह हुए. 13 लाख लोगों को विस्थापित होना पड़ा. हैती आज भी पुर्नर्निमाण में जुटा है.

(ads)

दमघान, 856

कभी दमघान ईरान की राजधानी हुआ करती थी. ऐतिहासिक दस्तावेजों के मुताबिक करीब 12 शताब्दी पहले दमघान शहर के नीचे से एक शक्तिशाली भूकंप उठा. भूकंप ने राजधानी और उसके आस पास के इलाकों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया. मृतकों की संख्या 2 लाख आंकी गई.

हैयुआन, 1920

चीन में आए करीब 7.8 तीव्रता वाले भूकंप के झटके हजारों किलोमीटर दूर नॉर्वे तक महसूस किये गए. भूकंप ने हैयुआन प्रांत में 2 लाख लोगों की जान ली. पड़ोसी प्रांत शीजी में भूस्खलन से एक बड़ा गांव दफन हो गया. लोगंदे और हुइनिंग जैसे बड़े शहरों के करीब सभी मकान ध्वस्त हो गए. भूकंप ने कुछ नदियों को रोक दिया और कुछ का रास्ता हमेशा के लिए बदल दिया.

अर्दाबिल, 893

ईरान में दमघान के भूकंप की सिहरन खत्म भी नहीं हुई थी कि 37 साल बाद एक और बड़ा भूकंप आया. इसने पश्चिमोत्तर ईरान के सबसे बड़े शहर अर्दाबिल को अपनी चपेट में लिया. करीब 1,50,000 लोग मारे गए. 1997 में एक बार इस इलाके में एक और शक्तिशाली भूकंप Earthquake आया.

कांतो, 1923

1 सितंबर 1923 को जापान के कांतो में 7.9 तीव्रता वाले भूकंप ने टोक्यो और योकोहामा इलाके में भारी तबाही मचाई. पौने चार लाख से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा. इसे ग्रेट टोक्यो अर्थक्वेक भी कहा जाता है. भूकंप के बाद चार मीटर ऊंची सुनामी लहरें आई. आपदा ने 1,43,000 लोगों की जान ली.

अस्गाबाद, 1948

पांच अक्टूबर 1948 को तुर्कमेनिस्तान का अस्गाबाद इलाका शक्तिशाली भूकंप की चपेट में आया. 7.3 तीव्रता वाले जलजले ने अस्गाबाद और उसके आस पास के गांवों को भारी नुकसान पहुंचाया. कई रेलगाड़ियां भी हादसे का शिकार हुईं. भूकंप ने 1,10,000 लोगों की जान ली.

कश्मीर, 2005

भारत और पाकिस्तान के विवादित इलाके कश्मीर में 7.6 तीव्रता वाले भूकंप ने कम से कम 88 हजार लोगों की जान ली. सुबह सुबह आए इस भूकंप के झटके भारत, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान और चीन तक महसूस किए गए. पाकिस्तान में करीब 87 हजार लोगों की मौत हुई. भारत में 1,350 लोग मारे गए.

सिंचुआन, 2008

87,000 से ज्यादा लोगों की जान गई. करीब एक करोड़ लोग विस्थापित हुए. 7.9 तीव्रता वाले भूकंप ने 10,000 स्कूली बच्चों की भी जान ली. चीन सरकार के मुताबिक भूकंप से करीब 86 अरब डॉलर का नुकसान हुआ.

चिली 1960

22 मई 1960 को चिली के वाल्डिविया में रिक्टर स्केल पर 9.5 तीव्रता वाले इस भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। कहते हैं कि इस भूकंप की ताकत 1 हजार एटम बम के बराबर थी। इसका असर वाल्डिविया से लेकर हवाई द्वीप तक था। इसमें 6 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, जबकि लाखों लोग बेघर हो गए थे। रिएक्टर स्केल पर ये सबसे ताकवर Earthquake माना जाता है।

नेपाल 2015

25 अप्रैल 2015 में नेपाल  में आए विनाशकारी भूकंप 7.9 की तीव्रता वाले इस Earthquake का केंद्र काठमांडू के पास था, जिसके कारण भारत के शहरों में भी झटके महसूस किए गए। इस भयंकर भूकंप से नेपाल में करीब दस हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी  81 साल पहले भी ठीक इसी तरह नेपाल थर्राया था, जिसमें 10,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे। 

Related Articles

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker