भारतीय किसान और कृषि के बारे में रोचक तथ्य

भारतीय किसान और कृषि के बारे में रोचक तथ्य

 ‘भारत एक कृषि प्रधान देश है‘, हम सभी ने अपने स्कूल के exams में ये लाइन लिखी होगी. एक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर भारत की सबसे बड़ी शक्ति है उसकी कृषि. लेकिन इसे हमारा दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि जिस देश में ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे लगे हों, वहां हज़ारों किसान रोज़ अपनी जान दे रहे हैं. हर 30 मिनट में एक किसान आत्महत्या कर रहा हैं और जितना अनाज पैदा होता हैं उसका आधा भी मनुष्य के काम नही आता। क्या ये सोचने वाली बात नही… देश में कृषि के प्रति इस वक़्त जो नज़रिया है, वो कई बार उससे जुड़ी अच्छी बातों को छिपा देता है.

 India की लगभग 60 प्रतिशत आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से कृषि पर निर्भर है।

 कृषि मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार भारत में वर्ष 2013 -14 में गेंहू की रिकार्ड 95.9 लाख टन की पैदावार हुई थी।

 किसान कितनी मेहनत से अनाज उगाता हैं, लेकिन फिर भी हर साल भारत में “2.1 करोड़ टन” गेहूँ खराब हो जाता हैं। आस्ट्रेलिया के कुल अनाज के बराबर।

 दुनिया में Cotton का प्रोडक्शन करने वाला भारत दूसरा देश है. हमारा ये कॉटन विदेशों में खूब भेजा जाता है. जर्मनी, इटली में भारत से भेजा हुआ Cotton ख़ासा लोकप्रिय है।

 जितनी विदेशी आय IT क्षेत्र से प्राप्त होती हैं उसके बराबर ही कृषि क्षेत्र से भी प्राप्त होती हैं।

 मसाला उत्पादन में भारत दुनिया में सबसे आगे है. हर साल यहां विश्व में सबसे ज़्यादा 1.5 मिलियन टन मसालों का उत्पादन होता हैं। अपना “MDH” याद हैं ना..

 दुनिया भर में भारत से भेजी हुई चाय पी जाती है. भारत की 50 प्रतिशत चाय की खेती असम में होती है।

 चावल की खेती करने वाले देशों में भारत ऐसा दूसरा देश है, जहां सबसे ज़्यादा चावल का प्रोडक्शन होता है. पहले नंबर पर China हैं।

 पूरी दुनिया में भारत ऐसा देश है, जहां से केले पूरी दुनिया में भेजे जाते हैं।

 भारत के राज्य उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक गन्ने की खेती होती है और इसी वजह से गन्ने की पैदावार के मामले में भारत दूसरे स्थान पर हैं।

 भारत के पास इतना अनाज हैं कि अगर पूरी दुनिया भूखा मर रही हो तो हम 6 महीने तक पूरी दुनिया को खाना खिला सकते हैं।

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