Passport (पासपोर्ट) बनवाने के लिए किन – किन डॉक्यूमेंट की ज़रूरत पड़ती है।
सुषमा स्वराज जब से विदेश मंत्री बनी हैं पासपोर्ट सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रही हैं. जिससे कि पासपोर्ट बनवाने के लिए किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े और आसानी से पासपोर्ट आपके पास पहुंचे. हालांकि विदेश में काम कर रहे भारतीय लोगों के लिए भी सुषमा स्वराज बेहतरीन काम कर रही हैं. जिससे हजारों मुश्किल में फंसे मजदूरों को बाहर निकाला गया है.
कुछ ही महीनों पहले विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट को लेकर दो बड़े बदलावों की घोषणा की है. पासपोर्ट हासिल करने वालों को अब ज्यादा वक्त तक इंतजार नहीं करना होगा. लोकल पासपोर्ट सेवा केंद्र जो कि पोस्ट आफिस में खुले हैं उनके जरिए अब इसे आसानी से हासिल किया जा सकता है. देश के नागरिक अब सामान्य कैटिगरी में एक हफ्ते के भीतर नया पासपोर्ट हासिल कर सकते हैं.
तीन जरूर कागजात-
अब पासपोर्ट के आवेदन के साथ केवल तीन डॉक्युमेंट्स देने होंगे. इनमें आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और पैन कार्ड की कॉपी शामिल है. इसके अलावा फॉर्मैट एनेक्सचर-1 के साथ एक ऐफिडेविट (नागरिकता की घोषणा, फैमिली डिटेल्स और किसी क्रिमिनल बैकग्राउंड नहीं होना) है. इन दिए गए तीन कागजात के आधार पर आप अपना पासपोर्ट बनवा सकते हैं.
पर इन बातों का ध्यान रखें-
-दिए गए सभी कागजात सही होने चाहिए.
-सभी कागजात में नाम, पता, जन्मतिथि आदि समान होने चाहिए. यदि अलग-अलग कागजात में नाम-पता आदि जानकारी अलग होगी तो पासपोर्ट आवेदन रद्द हो जाएगा. सभी कागजात का मिलान कर लें फिर आवेदन करें ताकि बाद में दिक्कत ना हो.
-किसी प्रकार का क्रिमिनल केस नहीं होना चाहिए. यदि आप पर किसी प्रकार का पुलिस केस दर्ज होगा तो पासपोर्ट बनवाने के लिए योग्य नहीं माने जाएंगे. इसलिए पुलिस केस होने पर पास्पोर्ट के लिए आवेदन ना करें. यदि आप किसी प्रकार गुमराह कर के पासपोर्ट बनवा लिए को पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई हो सकती हैं.
-पुलिस वेरिफिकेशन के समय पकड़े जाने पर भी पासपोर्ट रद्द हो जाएगा.
नजदीक के जिला पासपोर्ट ऑफिस में जा सकते हैं-
सुषमा स्वराज ने नई पासपोर्ट नीति के द्वारा अब कई जिलों में क्षेत्रिय पासपोर्ट केंद्र भी खुलवा चुकी हैं तो पता कर लें. यदि आपके जिला में या पड़ोसी जिला में पासपोर्ट केंद्र हो तो वहां से जानकारी लेने के साथ बनवा भी सकते हैं.