फिशरीज में करियर क्यों बनाये। जाने पूरी जानकारी।

फिशरीज में तलाशें भविष्य

फिशरीज में कॅरिअर कहने को तो यह बड़ा ही साधारण लगता है लेकिन आज के दौर में यह एक तेजी से उभरता हुआ कॅरिअर बन चुका है। अब इस क्षेत्र में प्रशिक्षित युवा अच्छी कमाई कर रहे हैं।

पिछले एक दशक में फिशरीज क्षेत्र में बड़ी तेजी से बदलाव आया है। पहले लोग केवल अपने शौक के लिए या खान-पान के लिए ही मछली पालन करते थे। लेकिन अब भारतीय तथा मल्टीनेशनल कंपनियां भारी इंवेस्टमेंट के साथ इस क्षेत्र में उतर रही हैं। गल्फ तथा अफ्रिकन देशों में इससे संबंधित प्रोफेशनलों की भारी मांग है।

कोर्स और योग्यता यदि आप इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो बैचलर ऑफ साइंस इन फिशरीज (बीएफएससी) कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। इसके साथ ही फिशरीज से संबंधित कुछ जॉब ओरिएटेड शॉर्ट-टर्म कोर्सेज भी हैं, जिन्हें करने के बाद जल्द ही नौकरी मिल जाती है। फिशरीज कोर्सेज में प्रवेश के लिए बायोलॉजी विषय में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों के साथ 10+2 अनिवार्य है।

वर्क

फिशरीज विशेषज्ञ जलीय गुणवत्ता के अनुरूप मछली की प्रजाति का पालन, उन्नत किस्म की मछलियों का विकास, फिशरीज फार्म की बेहतर देखभाल तथा फिश रिसर्च से जुड़े काम करते हैं। यह मछलियों को सुरक्षित रखने, समुद्र-तल की गहराइयों तथा संबंधित पारिस्थितिकी पर बारीकी से ध्यान देते हैं। इसके अतिरिक्त घरेलू बाजार और अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांग को देखते हुए उत्पादन एवं संवर्द्धन और इससे जुड़े रिसर्च तथा सुरक्षित भंडारण पर भी खास ध्यान केंद्रित करते हैं।

पद

फिशरीज से संबंधित कोर्स करने के बाद असिस्टेंट फिशरीज डेवलपमेंट ऑफिसर, डिस्ट्रिक्ट फिशरीज डेवलपमेंट ऑफिसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, रिसर्च असिस्टेंट, टेक्निशियन तथा बायोकेमिस्ट आदि पदों पर काम किया जा सकता है।

सैलरी पैकेज

यदि आप फिशरीज से ग्रेजुएट कोर्स करते है, तो आपकी शुरुआती सैलरी 10-15 हजार रुपए प्रतिमाह हो सकती है। इस क्षेत्र में रिसर्चर पद पर नियुक्ति अखिल भारतीय स्तर पर प्रतियोगी परिक्षा के माध्यम से की जाती है। जिनका वेतन जूनियर लेक्चरर के बराबर होता है।

संभावनाएं

भारत के लगभग 8 मिलियन लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से इस क्षेत्र पर निर्भर हैं। भारत मछली निर्यात के क्षेत्र में सातवां स्थान रखता है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में फिशरीज उद्योग 16 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में प्रशिक्षित युवाओं की पहले से ज्यादा आवश्यकता है। फिशरीज एक्सपर्ट शिक्षण-प्रशिक्षण, प्रेसेसिंग एंड प्रोडक्शन, प्रिजर्वेशन, मेरिनकल्चर, फिश फॉर्म से संबंधित कारपोरेट सेक्टर, नाबार्ड, रिसर्च सेक्टर में कार्य कर सकते हैं। यदि आप स्वरोजगार करना चाहते हैं, तो सरकारी एवं गैर सरकारी बैंकों से लोन आसानी से प्राप्त हो जाएगा।

कहां से लें शिक्षा

1. नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
www.nbfgr.res.in

2. सेंट्रल इनलैंड फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट, पश्चिम बंगाल
www.cifri.ernet.in

3. कॉलेज ऑफ फिशरीज, धोली, बिहार
www.pusavarsity.org.in/cof.htm

4. जी.बी. पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रिकल्चर एंड टेक्नोलॉजी पंतनगर, उत्तराखंड
www.gbpuat.ac.in

5. राजस्थान एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी, बीकानेर, राजस्थान
www.raubikaner.org

6. पंजाब एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी, लुधियाना, पंजाब
www.pau.edu

7. सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज एजुकेशन मुंबई, महाराष्ट्र
www.cift.edu.in

8. सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज टेक्नोलॉजी, कोच्चि, केरल
www.cift.res.in

9. सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फ्रेशवॉटर एक्वाकल्चर, भुवनेश्वर, उड़ीसा
www.cifa.in

10. असम एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी, असम
www.aau.ac.in

11. जूनागढ़ एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी,गुजरात
www.jau.in/cof

12. शेर-ए कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रिकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑफ कश्मीर, कश्मीर
Skuastkashmir.ac.in

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