Game Changer Movie Review in Hindi
3.0/5
Hindi Tech News Ranting
डायरेक्टर : एस. शंकर
भाषा: Telugu, Hindi, Tamil, Malayalam, Kannada,
श्रेणी: Action, Drama
अवधि:2 Hrs 45 Min
Game Changer Movie Review in Hindi: अप्रत्याशित घटनाक्रम में सीएम की मृत्यु हो जाती है और वह राम को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर जाते हैं। साथ ही राम को अपनी जिंदगी से जुड़ी कुछ कड़वी सच्चाइयों के बारे में भी पता लगता है। क्या राम सीएम बनकर भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जंग को जारी रख पाता है?
Game Changer Movie: Story
फिल्म ‘Game Changer’ एक आईएएस अधिकारी राम (रामचरण) की कहानी है। गुस्सैल स्वभाव के राम को उसकी गर्लफ्रेंड दीपिका (कियारा आडवाणी) आईएएस अधिकारी बनकर जनता की भलाई करने के लिए प्रेरित करती है। जिला कलेक्टर बनकर राम जनता की भलाई के लिए ढेरों काम करता है। वह अपने जिले को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना चाहता है। उधर राज्य के मुख्यमंत्री ने भी अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में भ्रष्टचार के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है। भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान में राम की टक्कर सीएम के बेटे मोपिदेवी (एस जे सूर्या) से हो जाती है। वह खुद सीएम बनने की फिराक में लगा हुआ है।
इसी बीच हुए अप्रत्याशित घटनाक्रम में सीएम की मृत्यु हो जाती है और वह राम को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर जाते हैं। साथ ही राम को अपनी जिंदगी से जुड़ी कुछ कड़वी सच्चाइयों के बारे में भी पता लगता है। क्या राम सीएम बनकर भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जंग को जारी रख पाता है? आगे की कहानी जानने के लिए आपको सिनेमाघर जाना होगा।
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Game Changer Movie Review
फिल्म शुरुआत से ही एक्शन में आ जाती है। खासकर राम चरण का एंट्री सीन दर्शकों को सीटियां बजाने पर मजबूर देता है। लेकिन फिल्म की कमजोर कहानी और स्क्रीनप्ले आपको निराश करते हैं। इंटरवल के बाद फिल्म में जरूर थोड़ा टि्वस्ट आता है। लेकिन वह ज्यादा वक्त तक कायम नहीं रहता। जबकि फिल्म का क्लाइमैक्स भी उतना दमदार नहीं बन पड़ा है।
फिल्म का नायक खुद को अनप्रिडक्टेबल कहता है। लेकिन डायरेक्टर कुछ एक सीन्स में ही उसे अनप्रिडक्टेबल दिखाने में सफल हुए हैं। करीब 450 करोड़ के बजट में बनी Game Changer फिल्म का स्केल काफी बड़ा है, लेकिन शंकर कुछ बेसिक चीजों पर ध्यान देना भूल गए। मसलन कि आइएएस ऑफिसर की पहली पोस्टिंग सीधे जिला कलेक्टर की नहीं होती, वहीं किसी आइएएस ऑफिसर को उसके गृह जिले में जिला कलेक्टर नहीं बनाया जाता।
फिल्म में ज्यादा मसाला डालने के चक्कर में इसे बेवजह लंबा कर दिया गया है। करीब पौने तीन घंटे लंबी इस फिल्म को अगर एडिटिंग के समय आधे घंटे कम कर दिया जाता, तो यह ज्यादा बेहतर बन पड़ती।
एक्टिंग के मामले में राम चरण ने अच्छा प्रदर्शन किया है। काफी अरसे बाद बतौर सोलो लीड हीरो पर्दे पर वापसी करने वाले राम ने अपने चाहने वालों को कई सीन्स में सीटियां व तालियां मारने पर मजबूर कर दिया। वह अपने दोनों रोल्स में जोरदार लगे हैं। वहीं कियारा आडवाणी भी फिल्म में जमी हैं। हालांकि उनके पास करने को बहुत कुछ नहीं था।
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सीएम मोपिदेवी के रोल में एस जे सूर्या ने कमाल का काम किया है। मुख्य विलेन के रोल में उनका काम जोरदार है, वहीं फिल्म के बाकी कलाकार भी अपने रोल में जमे हैं। बजट अधिक होने के चलते शंकर ने फिल्म की शूटिंग भव्य सेट्स पर की है। फिल्म की सिनेमटोग्रफी भी बढ़िया है। हालांकि संगीत इस फिल्म का कमजोर पक्ष है।
क्यों देखें- अगर आप राम चरण के फैन हैं, तो ही इस फिल्म को देखने जाएं। वरना OTT पर आने का इंतज़ार करे।
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