Biography of Anil Kapoor अनिल कपूर की पूरी कहानी एवं फिल्मी सफर।

Anil Kapoor भारतीय फिल्‍म अभिनेता और निर्माता हैं जो कि बालीवुड और हॉलीवुड फिल्‍मों में अपने अभिनय और डॉयलाग बोलने के अंदाज से भी जाने जाते हैं। Anil Kapoor मुख्‍यत: हिन्‍दी फिल्‍मों में ही काम करते है। वे हर शैली की फिल्‍मों में काम कर चुके हैं और उन्‍हें काफी सराहना भी मिली है।

अनिल कपूर का जन्म।

Anil Kapoor का जन्म 24 December 1956 को चेंबूर, मुंबई में हुआ था। उनके पिता का नाम सुरिंदर कपूर और मां का नाम निर्मला कपूर है। उनके दो भाई भी हैं- बड़े भाई का नाम बोनी कपूर और छोटे भाई का नाम संजय कपूर है।

Anil Kapoor की पढ़ाई।

Anil Kapoor ऑवर लेडी ऑफ परपिच्‍युल सकर हाईस्‍कूल, चेंबूर से पढ़ाई की थीा इसके बाद उन्‍होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई से पढ़ाई की।

Anil Kapoor की शादी।

Anil Kapoor की शादी सुनीता कपूर से हुई है जिनसे उन्‍हें तीन बच्‍चे हैं- दो लड़कियां: सोनम कपूर और रिया कपूर और एक लड़का: हर्षवर्धन।

Anil Kapoor का व्यक्तिगत जीवन।

अनिल कपूर जाने माने फिल्म निर्माता सुरेन्द्र कपूर के बेटे हैं। उनका जन्म तिलक नगर मुंबई में हुआ। उनके बड़े भाई बोनी कपूर एक प्रसिद्द निर्माता हैं और उनके छोटे भाई संजय कपूर भी एक अभिनेता हैं। 1984 में उन्होंने सुनीता कपूर से शादी की और उनके तीन बच्चे हैं जिनमे सोनम कपूर भी एक अभिनेत्री है।

Anil Kapoor का करियर।

1971 में कपूर ने फिल्मों में अपनी पहली फिल्म बनाई, जिसमें 1971 में तू पायल में गीत में एक युवा शशि कपूर की भूमिका निभाई। हालांकि फिल्म, थियेटर में रिलीज़ नहीं हुई।
Anil Kapoor के फिल्‍मी करियर की शुरूआत फिल्‍म हमारे तुम्‍हारे से एक छोटे से किरदार से हुई थी लेकिन फिल्‍म वो सात दिन में उनकी पहली अग्रणी भूमिका थीा इसके बाद उन्‍होंने कई फिल्‍मों में छोटी-बड़ी भूमिकाएं निभाईं और आलोचकों के साथ साथ दर्शकों का काफी मनोरंजन किया।

‘हम पाँच’ (1980) और ‘शक्ति’ (1982) के रूप में कुछ मामूली भूमिकाओं के बाद उन्हें 1983 में ‘वो सात दिन’ में अपनी पहली प्रमुख भूमिका मिली जिसमे उन्होंने एक उत्कृष्ट एवं स्वाभाविक प्रदर्शन किया। कपूर ने बाद में टॉलीवुड में अभिनय करने की कोशिश की और तेलुगू फ़िल्म ‘वम्सावृक्षं’ और मणिरत्नम की पहली कन्नड़ फ़िल्म ‘पल्लवी अनुपल्लवी’ (१९८३) की। इसके बाद उन्होंने यश चोपड़ा की ‘मशाल’ में एक बेहतरीन प्रदर्शन किया जहां उन्होंने दिलीप कुमार के साथ अभिनय कौशल दिखाया। ‘मेरी जंग’ (1985) जैसी फ़िल्म में न्याय के लिए लड़ रहे एक नाराज युवा वकील की भूमिका की जिसने Anil Kapoor केो एक परिपक्व अभिनेता के रूप में स्थापित कर दिया। इसके अलावा अनिल कपूर ने ‘कर्मा’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘तेज़ाब’, ‘राम लखन’ जैसी फ़िल्में कीं जिन्होंने उन्हें स्टारडम की ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया।

कुछ बॉक्स ऑफिस विफलताओं के बाद, Anil Kapoor लोफ़र ​​(1996) जैसी फिल्मों के साथ सफलता हासिल की। ​​ जुदाई में, कपूर ने अपनी दो पत्नियों के बीच के एक प्रेमपूर्ण पति के चित्रण की सराहना की और इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया। दीवाना मस्ताना (1997), बिवी नंबर 1 (1999) और हम आप के दिल में रहते है (1999) बॉक्स ऑफिस पर हिट थे। ताल (1999) में एक उत्साही, कुटिल संगीत सुपरस्टार की असामान्य किरदार ने श्रोताओं और आलोचकों दोनों को जैसे चौका दिया।

Anil Kapoor की प्रसिद्ध फिल्‍में।

मेरी जंग, चमेली की शादी, जांबाज, कर्मा, मि.इंडिया, तेजाब, रामलखन, घर हो तो ऐसा, बेटा, 1942 ए लव स्‍टोरी, विरासत, हम आपके दिल में रहते हैं, ताल, बुलंदी, पुकार, नायक, नो एंट्री, वेलकम, रेस, स्‍लमडॉग मिलेनियर जैसी फिल्‍मों में उन्‍होंने अपने अभिनय का जलवा बिखेरा। फिल्म बेटा में निभाए गए उनके किरदार ने सभी को भावनात्‍मक कर दिया था और ऐसा कहा जाने लगा था कि बेटा हो तो ऐसा। व‍हीं फिल्‍म नायक में निभाए गए उनके 1 दिन के मुख्‍यमंत्री के किरदार को खूब प्रशंसा मिलीा

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