क्या है चुनाव आदर्श आचार संहिता। क्यों लागू होता है चुनाव के समय।
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मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट यानि आदर्श आचार संहिता प्रत्याशियों और राजनीतिक पार्टियों के दिशानिर्देश के लिए वे नियम हैं जिसका चुनाव के दौरान पालन करना जरूरी होता है. ये नियम राजनीतिक पार्टी के समन्वय और सहमति के साथ ही बनाए गए हैं.
चुनाव आयोग ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट को जनरल कंडक्ट, मीटिंग्स, प्रोसेशन और पोल डे के तौर पर बांटा है और हर मौके के लिए अलग अलग कायदे कानून हैं.
मौटे तौर पर कहें तो चुनाव आदर्श आचार संहिता का मतलब है कि देश की कोई भी सरकार (केंद्र या राज्य), मंत्री या अधिकारी नई योजना की शुरुआत नहीं कर सकती यानि नए एलान नहीं कर सकती है.
प्रत्याशी और राजनीतिक पार्टी को रैली, जुलूस निकालने, मीटिंग करने के लिए इजाजत लेनी होगी और इसकी जानकारी पुलिस को देनी होगी.
आइए सिलसिलेवार जानते हैं क्या है चुनाव आदर्श आचार संहिता?
सामान्य व्यवहार:
सामान्य व्यवहार:
-कोई राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशी ऐसा कोई काम नहीं करेगी जिससे दोनों समुदायों के मतभेत को बढ़ावा मिले.
– किसी राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशी पर निजी हमले नहीं किए जा सकते हैं.
– वोट पाने के लिए किसी भी स्थिति में जाति या धर्म आधारित अपील नहीं की जा सकती.
– मस्जिद, चर्च, मंदिर या दूसरे धार्मिक स्थल का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के मंच के तौर पर नहीं किया जा सकता है.
– वोटरों को रिश्वत देकर, या डरा, धमकाकर वोट नहीं मांग सकते हैं.
– मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में वोटर की कैंवेसिंग करने की मनाही होती है.
– मतदान के 48 घंटे पहले पब्लिक मीटिंग करने की मनाही होती है.
– मतदान केंद्र पर वोटरों को लाने के लिए गाड़ी मुहैया नहीं करा सकते हैं.
– चुनाव प्रचार के दौरान जनता के निजता का सम्मान करना लाज़मी है. अगर किसी शख्स की राय किसी पार्टी या प्रत्याशी के खिलाफ है उसके घर के बाहर किसी भी स्थिति में धरने की इजाज़त नहीं हो सकती.
-प्रत्याशी या राजनीतिक पार्टी किसी निजी व्यक्ति की ज़मीन, बिल्डिंग, कंपाउंड वॉल का इस्तेमाल बिना इजाजत के नहीं कर सकता.
– राजनीतिक पार्टियों को यह सुनिश्चित करना है कि उनके कार्यकर्ता दूसरी राजनीतिक पार्टियों की रैली में कहीं कोई बाधा या रुकावट नहीं डाले.
– पार्टी कार्यकर्ता और समर्थकों के लिए यह ज़रूरी है कि दूसरी राजनीतिक पार्टी की मीटिंग के दौरान गड़बड़ी पैदा नहीं करें.
मीटिंग
– किसी राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशी पर निजी हमले नहीं किए जा सकते हैं.
– वोट पाने के लिए किसी भी स्थिति में जाति या धर्म आधारित अपील नहीं की जा सकती.
– मस्जिद, चर्च, मंदिर या दूसरे धार्मिक स्थल का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के मंच के तौर पर नहीं किया जा सकता है.
– वोटरों को रिश्वत देकर, या डरा, धमकाकर वोट नहीं मांग सकते हैं.
– मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में वोटर की कैंवेसिंग करने की मनाही होती है.
– मतदान के 48 घंटे पहले पब्लिक मीटिंग करने की मनाही होती है.
– मतदान केंद्र पर वोटरों को लाने के लिए गाड़ी मुहैया नहीं करा सकते हैं.
– चुनाव प्रचार के दौरान जनता के निजता का सम्मान करना लाज़मी है. अगर किसी शख्स की राय किसी पार्टी या प्रत्याशी के खिलाफ है उसके घर के बाहर किसी भी स्थिति में धरने की इजाज़त नहीं हो सकती.
-प्रत्याशी या राजनीतिक पार्टी किसी निजी व्यक्ति की ज़मीन, बिल्डिंग, कंपाउंड वॉल का इस्तेमाल बिना इजाजत के नहीं कर सकता.
– राजनीतिक पार्टियों को यह सुनिश्चित करना है कि उनके कार्यकर्ता दूसरी राजनीतिक पार्टियों की रैली में कहीं कोई बाधा या रुकावट नहीं डाले.
– पार्टी कार्यकर्ता और समर्थकों के लिए यह ज़रूरी है कि दूसरी राजनीतिक पार्टी की मीटिंग के दौरान गड़बड़ी पैदा नहीं करें.
मीटिंग
– जब भी किसी राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशी को कोई मीटिंग करनी होगी तो उसे स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी देनी होगी और उन्हें प्रस्तावित मीटिंग का टाइम और जगह बताना होगा.
– अगर इलाके में किसी तरह की निषेधाज्ञा लागू है तो इससे छूट पाने के लिए पुलिस को पहले जानकारी दें और अनुमति लें.
– लाउडस्पीकर या दूसरे यंत्र या सामान के इस्तेमाल के लिए इजाज़त लें.
जुलूस
– अगर इलाके में किसी तरह की निषेधाज्ञा लागू है तो इससे छूट पाने के लिए पुलिस को पहले जानकारी दें और अनुमति लें.
– लाउडस्पीकर या दूसरे यंत्र या सामान के इस्तेमाल के लिए इजाज़त लें.
जुलूस
– राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशी जुलूस निकाल सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें इजाज़त लेनी होगी. जुलूस के लिए समय और रुट की जानकारी पुलिस को देनी होगी.
– अगर एक ही समय पर एक ही रास्ते पर दो पार्टियों का जुलूस निकलना है तो इसके लिए पुलिस को पहले से इजाज़त मांगनी होगी ताकि किसी तरह से दोनों जुलूस आपस में न टकराएं और ना ही कोई गड़बड़ी हो.
– किसी भी स्थिति में किसी के पुतला जलाने की इजाज़त नहीं होगी
पोलिंग डे
– अगर एक ही समय पर एक ही रास्ते पर दो पार्टियों का जुलूस निकलना है तो इसके लिए पुलिस को पहले से इजाज़त मांगनी होगी ताकि किसी तरह से दोनों जुलूस आपस में न टकराएं और ना ही कोई गड़बड़ी हो.
– किसी भी स्थिति में किसी के पुतला जलाने की इजाज़त नहीं होगी
पोलिंग डे
– राजनीतिक पार्टियां अपने कार्यकर्ताओं को आइडेंटी कार्ड दें और अपने कैंपस में गैर जरूरी भीड़ जमा नहीं होने दें.
– मतदान केंद्र पर गैर जरूरी भीड़ जमा न हों.
– मतदाता को छोड़ कोई दूसरा जिन्हें चुनाव आयोग ने अनुमति नहीं दी है मतदान केंद्र नहीं जा सकता है.
– मतदान केंद्र पर गैर जरूरी भीड़ जमा न हों.
– मतदाता को छोड़ कोई दूसरा जिन्हें चुनाव आयोग ने अनुमति नहीं दी है मतदान केंद्र नहीं जा सकता है.
सत्ताधारी पार्टी के लिए दिशानिर्देश
– चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें… सभी सरकारें चुनाव आचार संहिता के दायरे में आएंगी.
– किसी भी स्थिती में सरकारी दौरे को चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.
– सरकारी मशीनीरी का इस्तेमाल चुनावों के लिए नहीं होना चाहिए.
– सरकारी गाड़ी या आधिकारिक एयर क्राफ्ट का इस्तेमाल नहीं कर सकते.
– सरकार बंगले का इस्तेमाल चुनाव मुहिम के दौरान नहीं किया जा सकता.
– प्रचार के लिए सरकारी पैसे का इस्तेमाल नहीं हो सकता.
– सरकार, मंत्री या अधिकारी चुनाव के एलान के बाद अपने मंज़ूर किए गए धन या अनुदान के अलावा अपने विवेक से कोई नया आदेश नहीं दे सकते यानी सीधे शब्दों में कहें कोई नई योजना शुरू नहीं कर सकते.
– चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें… सभी सरकारें चुनाव आचार संहिता के दायरे में आएंगी.
– किसी भी स्थिती में सरकारी दौरे को चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.
– सरकारी मशीनीरी का इस्तेमाल चुनावों के लिए नहीं होना चाहिए.
– सरकारी गाड़ी या आधिकारिक एयर क्राफ्ट का इस्तेमाल नहीं कर सकते.
– सरकार बंगले का इस्तेमाल चुनाव मुहिम के दौरान नहीं किया जा सकता.
– प्रचार के लिए सरकारी पैसे का इस्तेमाल नहीं हो सकता.
– सरकार, मंत्री या अधिकारी चुनाव के एलान के बाद अपने मंज़ूर किए गए धन या अनुदान के अलावा अपने विवेक से कोई नया आदेश नहीं दे सकते यानी सीधे शब्दों में कहें कोई नई योजना शुरू नहीं कर सकते.