Carry Forword: स्टॉक मार्केट में “कैरी फॉरवर्ड” क्या होता?
Carry Forword in Stock Market

Carry Forward एक ट्रेडिंग टर्म है, जिसका उपयोग विशेष रूप से उस स्थिति में किया जाता है जब एक ट्रेड या पोजीशन को एक दिन से दूसरे दिन के लिए शिफ्ट किया जाता है। इसे समझने के लिए हमें “मार्जिन ट्रेडिंग” और “डे ट्रेडिंग” के बारे में जानना होगा।
1. Carry Forword का सामान्य अर्थ:
जब आप किसी स्टॉक या सिक्योरिटी में पोजीशन खोलते हैं, और उस पोजीशन को पूरा करने के लिए समय की सीमा (जैसे दिन का अंत) खत्म हो जाती है, लेकिन आप उसे अगले दिन तक के लिए रखना चाहते हैं, तो आप उस पोजीशन को “कैरी फॉरवर्ड” करते हैं। इसका मतलब है कि आप अपनी पोजीशन को अगले व्यापारिक सत्र में ले जाते हैं, लेकिन इसके लिए आपको अतिरिक्त शुल्क या ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है, जिसे “मार्जिन” या “रोलओवर” फीस कहा जाता है।
2. Carry Forword का उपयोग:
- डे ट्रेडिंग में: यदि आपने एक दिन के भीतर ट्रेड किया है लेकिन आप किसी स्टॉक में और ज्यादा समय के लिए पोजीशन बनाए रखना चाहते हैं, तो आप उसे अगले दिन के लिए कैरी फॉरवर्ड कर सकते हैं।
- मार्जिन ट्रेडिंग में: जब आप मार्जिन पर खरीदारी करते हैं (उधारी पर खरीदते हैं), तो पोजीशन को अगले दिन के लिए कैरी फॉरवर्ड करना आवश्यक हो सकता है। इसके लिए आपको ब्याज शुल्क देना पड़ सकता है।
3. Carry Forword करने के लाभ और नुकसान:
लाभ:
- अगले दिन का फायदा उठाना: यदि आपको लगता है कि आपके पास किसी स्टॉक में अच्छे लाभ की संभावना है और आप उसे एक या दो दिनों तक रख सकते हैं, तो कैरी फॉरवर्ड करने से आप समय का फायदा उठा सकते हैं।
- बाजार की अनिश्चितता: कभी-कभी, बाज़ार में अस्थिरता के कारण एक दिन का निर्णय सही नहीं होता। ऐसे में पोजीशन को अगले दिन तक रखने से निर्णय में सुधार हो सकता है।
नुकसान:
- अतिरिक्त शुल्क और ब्याज: कैरी फॉरवर्ड करते समय आपको अतिरिक्त शुल्क या ब्याज का भुगतान करना पड़ सकता है, खासकर अगर आप मार्जिन पर पोजीशन रखते हैं।
- जोखिम बढ़ना: स्टॉक या मार्केट की अस्थिरता के कारण आपके लिए यह स्थिति और जोखिमपूर्ण हो सकती है, खासकर अगर स्टॉक के दाम उल्टे दिशा में जाते हैं।
4. Carry Forword की प्रक्रिया:
- पोजीशन का ट्रांसफर: जब आप अपनी पोजीशन को अगले दिन के लिए कैरी फॉरवर्ड करते हैं, तो आप उसे उस दिन के अंत में क्लोज नहीं करते। इसके बजाय, आप इसे अगले व्यापारिक सत्र में ट्रांसफर करते हैं।
- रोलओवर फीस: जब आप पोजीशन को कैरी फॉरवर्ड करते हैं, तो आपके द्वारा रखे गए स्टॉक्स के लिए एक रोलओवर फीस लागू होती है, जो कि हर दलाल (ब्रोकरेज) के हिसाब से अलग हो सकती है।
- मार्जिन द्वारा सहायता: यदि आप किसी स्टॉक में मार्जिन के द्वारा पोजीशन बनाए हुए हैं, तो आपको अपने ब्रोकरेज खाते में आवश्यक मार्जिन राशि रखना होती है, ताकि पोजीशन को कैरी फॉरवर्ड किया जा सके।
निष्कर्ष:
Carry Forword एक रणनीतिक विकल्प है, जो व्यापारियों को अपने पोजीशन को अगले दिन या अधिक समय तक बनाए रखने का अवसर प्रदान करता है, लेकिन इसके साथ अतिरिक्त लागत और जोखिम जुड़े होते हैं। यह विशेष रूप से उन निवेशकों के लिए लाभकारी हो सकता है जो शॉर्ट-टर्म लाभ की तलाश में हैं, लेकिन इसे सही तरीके से समझने और उचित प्रबंधन करने की आवश्यकता होती है।
यदि आप कैरी फॉरवर्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको उसके लाभ और जोखिम को समझना बहुत जरूरी है।