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Difference between BSE and NSE: बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) में क्या अंतर है?

What is the difference between BSE and NSE?

बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) के बीच अंतर: What is the difference between BSE and NSE?

Difference between BSE and NSE: बीएसई (Bombay Stock Exchange) और एनएसई (National Stock Exchange) भारत के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं। दोनों का उद्देश्य शेयर बाजार के माध्यम से कंपनियों के शेयरों और अन्य वित्तीय उपकरणों का व्यापार कराना है, लेकिन इनके बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। यहां पर इन दोनों के बारे में विस्तार से बताया गया है:

बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) में क्या अंतर है? – What is the difference between BSE and NSE?

1. स्थापना: Difference between BSE and NSE

  • बीएसई (BSE):
    • बीएसई, 1875 में स्थापित हुआ था, और यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है।
    • इसका मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है।
  • एनएसई (NSE):

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2. व्यापार प्रक्रिया: Difference between BSE and NSE

  • बीएसई (BSE):
    • बीएसई पर व्यापार पारंपरिक तरीके से हुआ करता था, जिसमें दलाल और ब्रोकर मुँह से आदेश देते थे (open outcry system)। हालांकि, अब यह पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक हो गया है।
  • एनएसई (NSE):
    • एनएसई की शुरुआत ही पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग के लिए हुई थी। यहां सभी व्यापार प्रणाली पूरी तरह से डिजिटल है।

3. संचालन और पहुँच: Difference between BSE and NSE

  • बीएसई (BSE):
    • बीएसई पर केवल भारत में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय निवेशकों द्वारा भी व्यापार किया जाता है। इसका ज्यादा फोकस पारंपरिक निवेशकों और छोटे निवेशकों पर है।
  • एनएसई (NSE):
    • एनएसई की कार्यप्रणाली को पूरी दुनिया में माना गया है और यह विश्व स्तर पर अधिक लोकप्रिय है, विशेष रूप से बड़ी कंपनियों और संस्थागत निवेशकों के बीच।

4. सूचकांक (Index): Difference between BSE and NSE

5. कंपनियों की संख्या:

  • बीएसई (BSE):
    • बीएसई पर लगभग 5,000 से अधिक कंपनियां सूचीबद्ध हैं, जो इसे भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज बनाता है।
  • एनएसई (NSE):
    • एनएसई पर लगभग 1,800 कंपनियां सूचीबद्ध हैं, हालांकि, इसकी बाजार पूंजीकरण के हिसाब से बीएसई से प्रतिस्पर्धा होती है।

6. तरलता (Liquidity):

7. वर्तमान में महत्व: Difference between BSE and NSE

8. नियामक संस्था:

  • दोनों एक्सचेंजों को SEBI (Securities and Exchange Board of India) द्वारा नियंत्रित और निगरानी की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बाजार में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहे।

9. वैश्विक पहुँच:

  • एनएसई (NSE) का कारोबार वैश्विक निवेशकों के लिए अधिक सुलभ है, खासकर तकनीकी और संस्थागत निवेशकों के लिए। बीएसई का फोकस स्थानीय और छोटे निवेशकों पर है।

निष्कर्ष:

Difference between BSE and NSE: बीएसई और एनएसई दोनों ही भारतीय वित्तीय बाजारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन एनएसई की आधुनिक और तेज़ डिजिटल प्रणाली के कारण आज के समय में यह अधिक लोकप्रिय है। हालांकि बीएसई की लंबी ऐतिहासिक विरासत है और इसका क्षेत्रीय प्रभाव भी महत्वपूर्ण है।

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