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Fundamental and technical analysis: फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस क्या होते हैं?

What are fundamental and technical analysis?

Fundamental and technical analysis: फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस दोनों ही निवेशकों द्वारा शेयर बाजार या किसी अन्य वित्तीय बाज़ार में निर्णय लेने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इन दोनों एनालिसिस के अपने-अपने दृष्टिकोण और तकनीक होती है। आइए इन दोनों को विस्तार से समझते हैं: Fundamental and technical analysis

Table of Contents

1. फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis)

फंडामेंटल एनालिसिस का उद्देश्य किसी कंपनी की असली (intrinsic) मूल्य का निर्धारण करना होता है। इस प्रक्रिया में कंपनी के आर्थिक स्वास्थ्य, उसके प्रबंधन, उद्योग की स्थिति, और अन्य आर्थिक कारकों का विश्लेषण किया जाता है ताकि यह अनुमान लगाया जा सके कि एक विशेष कंपनी का शेयर भविष्य में किस दिशा में जा सकता है। इसमें कंपनी के वित्तीय विवरण, विकास दर, लाभ, और कर्ज जैसी चीज़ों को देखा जाता है।

फंडामेंटल एनालिसिस में ध्यान देने योग्य प्रमुख बातें: Fundamental and technical analysis

फंडामेंटल एनालिसिस का उद्देश्य: इस प्रकार के विश्लेषण का उद्देश्य किसी कंपनी के शेयर की असली कीमत का निर्धारण करना होता है ताकि निवेशक यह जान सकें कि क्या शेयर ओवरवैल्यूड (महंगा) है या अंडरवैल्यूड (सस्ता) है। इस प्रकार, निवेशक लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं।


2. टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis)

टेक्निकल एनालिसिस में एक विशेष ध्यान शेयर की कीमतों और ट्रेडिंग वॉल्यूम पर होता है। इसका मानना है कि शेयर की कीमत पहले ही सभी उपलब्ध जानकारी को समाहित कर चुकी होती है। इसलिए, इसमें केवल पूर्व के मूल्य आंदोलनों (price movements) और वॉल्यूम का अध्ययन किया जाता है, ताकि भविष्य में होने वाले मूल्य परिवर्तनों का अनुमान लगाया जा सके।

टेक्निकल एनालिसिस में ध्यान देने योग्य प्रमुख बातें: Fundamental and technical analysis

  • चार्ट्स: टेक्निकल एनालिसिस में चार्ट्स का उपयोग किया जाता है, जैसे कि बार चार्ट्स, कैंडलस्टिक चार्ट्स आदि। इन चार्ट्स में शेयर की कीमतें और वॉल्यूम का प्रदर्शन होता है।

  • ट्रेंड्स (Trends): इसमें मुख्य रूप से ट्रेंड्स (उच्चतम और निम्नतम स्तर) पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। जैसे- अपट्रेंड (बढ़ती हुई कीमत) और डाउनट्रेंड (घटती हुई कीमत)।

  • समर्थन और प्रतिरोध (Support and Resistance): टेक्निकल विश्लेषण में समर्थन स्तर (Support) और प्रतिरोध स्तर (Resistance) की पहचान की जाती है, जो कीमत के रिवर्सल पॉइंट्स को दर्शाते हैं।

  • इंडिकेटर्स और ऑस्सीलेटर (Indicators and Oscillators): इसमें विभिन्न संकेतक (जैसे- मूविंग एवरेजेस, RSI, MACD, Bollinger Bands आदि) का उपयोग किया जाता है ताकि मूल्य प्रवृत्तियों की पहचान की जा सके और संभावित प्रवेश और निकासी बिंदुओं का पता लगाया जा सके।

  • वॉल्यूम (Volume): ट्रेडिंग वॉल्यूम भी टेक्निकल एनालिसिस का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसका उद्देश्य यह समझना होता है कि शेयर की कीमत के साथ वॉल्यूम कितना मेल खाता है। यदि वॉल्यूम ज्यादा है तो यह इंगीत कर सकता है कि ट्रेंड मजबूत है।

टेक्निकल एनालिसिस का उद्देश्य: यह तकनीक मुख्य रूप से शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग (जैसे- डेली ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग) के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसमें किसी कंपनी के मूलभूत आर्थिक मूल्य का अध्ययन नहीं किया जाता है, बल्कि केवल शेयर की कीमतों और वॉल्यूम पर ध्यान दिया जाता है।


फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस के बीच अंतर: Fundamental and technical analysis

फंडामेंटल एनालिसिस टेक्निकल एनालिसिस
कंपनी के वित्तीय और आर्थिक कारकों का अध्ययन किया जाता है। पूर्व के मूल्य आंदोलनों और वॉल्यूम का अध्ययन किया जाता है।
यह लंबी अवधि के निवेश के लिए उपयुक्त है। यह शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग के लिए उपयुक्त है।
मुख्य रूप से कंपनी के लाभ, मूल्यांकन, और विकास दर पर ध्यान दिया जाता है। चार्ट्स, ट्रेंड्स, और इंडिकेटर्स का उपयोग करके मूल्य के भविष्य की दिशा का अनुमान लगाया जाता है।
इसमें मैक्रोइकोनॉमिक और माइक्रोइकोनॉमिक कारक देखे जाते हैं। यह केवल मूल्य डेटा पर आधारित होता है।

निष्कर्ष: Fundamental and technical analysis
Fundamental and technical analysis: दोनों एनालिसिस के अपने-अपने फायदे हैं। फंडामेंटल एनालिसिस उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो लंबी अवधि के निवेश की सोच रखते हैं, जबकि टेक्निकल एनालिसिस शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग और मार्केट के उतार-चढ़ाव से लाभ प्राप्त करने के लिए उपयुक्त है। एक अनुभवी निवेशक अक्सर इन दोनों एनालिसिस का संयोजन करके अधिक सही निर्णय लेता है। Fundamental and technical analysis

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