Index (सूचकांक): बीएसई और एनएसई के बीच अंतर – Index: Difference between BSE and NSE
Index

Index: BSE (Bombay Stock Exchange) और NSE (National Stock Exchange) भारत के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं। दोनों के बीच सूचकांक (Index) की संरचना, कार्यप्रणाली, और उद्देश्य में कुछ अंतर हैं। आइए, इनके बारे में विस्तार से जानते हैं:
1. BSE (Bombay Stock Exchange)
BSE भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, जिसे 1875 में स्थापित किया गया था। यह मुंबई में स्थित है और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार को संरचित और व्यवस्थित करना है।
- सूचकांक (Index) – SENSEX (Sensitive Index): BSE का प्रमुख सूचकांक SENSEX है, जिसे “Sensitive Index” भी कहा जाता है। SENSEX 30 प्रमुख कंपनियों के शेयरों से बना है जो विभिन्न उद्योगों में काम करती हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करती हैं।
- संरचना: SENSEX में 30 कंपनियों का चयन किया गया है, और यह कंपनियां समय-समय पर बदलती रहती हैं। इन कंपनियों के चयन में उनकी बाजार पूंजीकरण, लिक्विडिटी, और अन्य महत्वपूर्ण आर्थिक मापदंडों का ध्यान रखा जाता है।
- गणना: SENSEX का गणना “Free-Float Market Capitalization” विधि के आधार पर होती है। इसका मतलब है कि केवल उन शेयरों का ध्यान रखा जाता है जो सार्वजनिक रूप से व्यापार करते हैं (यानि, जिनके पास कोई मालिकाना हक नहीं होता)।
2. NSE (National Stock Exchange)
NSE 1992 में स्थापित हुआ था और यह भारत का दूसरा प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है। यह आधुनिक तकनीकी संरचना के लिए प्रसिद्ध है और अब भारतीय शेयर बाजार की प्रमुख गतिविधियों का संचालन करता है।
- सूचकांक (Index) – NIFTY 50: NSE का प्रमुख सूचकांक NIFTY 50 है, जिसे “Nifty” के नाम से भी जाना जाता है। NIFTY में 50 प्रमुख कंपनियों के शेयर शामिल हैं, जो भारतीय बाजार की समग्र स्थिति का प्रतिनिधित्व करती हैं।
- संरचना: NIFTY में 50 कंपनियां शामिल हैं, जो विभिन्न उद्योगों में काम करती हैं। इन कंपनियों का चयन NSE द्वारा उनकी मार्केट कैपिटलाइजेशन और लिक्विडिटी के आधार पर किया जाता है।
- गणना: NIFTY 50 का गणना भी “Free-Float Market Capitalization” विधि के आधार पर किया जाता है।
3. मुख्य अंतर – BSE और NSE के सूचकांकों में
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संस्थागत अंतर:
- BSE (SENSEX): BSE का गठन 1875 में हुआ था और यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है।
- NSE (NIFTY): NSE का गठन 1992 में हुआ था और यह भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है, जो प्रौद्योगिकी और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के मामले में प्रमुख है।
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सूचकांक संरचना:
- BSE (SENSEX): SENSEX में 30 कंपनियां शामिल हैं।
- NSE (NIFTY): NIFTY में 50 कंपनियां शामिल हैं।
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मूल्य निर्धारण विधि:
- दोनों सूचकांकों (SENSEX और NIFTY) का मूल्य निर्धारण Free-Float Market Capitalization के आधार पर किया जाता है।
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बाजार की स्थिति:
- SENSEX भारतीय बाजार की 30 प्रमुख कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि NIFTY में 50 कंपनियों को शामिल किया जाता है।
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प्रौद्योगिकी और ट्रेडिंग:
- NSE ने डिजिटल ट्रेडिंग और इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग में अग्रणी भूमिका निभाई है, जिससे इसकी ट्रेडिंग गति और पारदर्शिता BSE से अधिक है। जबकि BSE पारंपरिक तरीके से काम करता है।
4. दोनों के सूचकांकों की तुलना:
पहलू | BSE (SENSEX) | NSE (NIFTY) |
---|---|---|
स्थापना वर्ष | 1875 | 1992 |
संख्या | 30 कंपनियां | 50 कंपनियां |
सूचकांक का नाम | SENSEX (Sensitive Index) | NIFTY 50 |
गणना विधि | Free-Float Market Capitalization | Free-Float Market Capitalization |
बाजार का प्रतिनिधित्व | भारतीय अर्थव्यवस्था के 30 प्रमुख कंपनियां | भारतीय अर्थव्यवस्था के 50 प्रमुख कंपनियां |
ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म | पारंपरिक, BSE ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म | डिजिटल, NSE ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म |
5. निष्कर्ष:
BSE और NSE दोनों के सूचकांकों का उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार की समग्र स्थिति का प्रतिनिधित्व करना है। SENSEX 30 प्रमुख कंपनियों का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि NIFTY 50 कंपनियों को शामिल करता है। दोनों का गणना का तरीका समान है, लेकिन NSE की तकनीकी संरचना और तेजी से ट्रेडिंग की विशेषता उसे अधिक लोकप्रिय बनाती है।
दोनों सूचकांकों का महत्व भारतीय शेयर बाजार की निगरानी और निवेशकों के निर्णय लेने में अहम भूमिका निभाता है।