Stock Market - Share Market
Nifty 50 फ़्यूचर चेन उदाहरण
फ़्यूचर चेन (Futures Chain) के बारे में पहले दी गई जानकारी के आधार पर, चलिए Nifty 50 इंडेक्स के फ़्यूचर चेन का एक उदाहरण देखते हैं।
Nifty 50 फ़्यूचर चेन उदाहरण
नीचे दी गई तालिका में Nifty 50 के विभिन्न फ़्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स की जानकारी दी गई है:
Expiry Date | Last Traded Price (₹) | Change (₹) | %Change | Volume | Open Interest (OI) | Change in OI |
---|---|---|---|---|---|---|
29-May-2025 | 23,850 | +150 | +0.63% | 1,20,000 | 25,00,000 | +50,000 |
26-Jun-2025 | 23,900 | +140 | +0.59% | 80,000 | 15,00,000 | +30,000 |
31-Jul-2025 | 23,950 | +130 | +0.55% | 60,000 | 10,00,000 | +20,000 |
यह डेटा एक उदाहरण मात्र है और वास्तविक समय में बदल सकता है।
इस डेटा का विश्लेषण कैसे करें?
- Expiry Date (समाप्ति तिथि): यह वह तारीख है जब फ़्यूचर कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होगा। ऊपर दिए गए उदाहरण में, निकटतम समाप्ति तिथि 29 मई 2025 है।
- Last Traded Price (अंतिम व्यापार मूल्य): यह उस कॉन्ट्रैक्ट का नवीनतम व्यापार मूल्य है। उदाहरण के लिए, 29 मई 2025 के कॉन्ट्रैक्ट का अंतिम मूल्य ₹23,850 है।
- Change / %Change (बदलाव / %बदलाव): यह पिछले दिन की तुलना में मूल्य में हुए बदलाव को दर्शाता है। जैसे, ₹150 (+0.63%) की वृद्धि।
- Volume (वॉल्यूम): यह दर्शाता है कि उस दिन कितने कॉन्ट्रैक्ट्स का व्यापार हुआ। अधिक वॉल्यूम का मतलब है कि उस कॉन्ट्रैक्ट में अधिक रुचि है।
- Open Interest (OI): यह कुल खुले कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या है जो अभी तक समाप्त नहीं हुए हैं। उच्च OI दर्शाता है कि अधिक ट्रेडर्स ने उस कॉन्ट्रैक्ट में पोजीशन ली है।
- Change in OI (OI में बदलाव): यह पिछले दिन की तुलना में OI में हुए बदलाव को दिखाता है। सकारात्मक बदलाव का मतलब है कि नए कॉन्ट्रैक्ट्स जोड़े गए हैं, जबकि नकारात्मक बदलाव का मतलब है कि कॉन्ट्रैक्ट्स बंद किए गए हैं।
फ़्यूचर चेन का उपयोग कैसे करें?
- ट्रेडिंग निर्णय: यदि किसी विशेष समाप्ति तिथि के लिए उच्च OI और वॉल्यूम है, तो यह दर्शाता है कि उस कॉन्ट्रैक्ट में अधिक रुचि है, जो ट्रेडिंग के लिए अच्छा संकेत हो सकता है।
- समाप्ति तिथि का चयन: निकटतम समाप्ति तिथि के कॉन्ट्रैक्ट्स में अधिक वॉल्यूम और OI होते हैं, जिससे वे अधिक तरल (liquid) होते हैं और ट्रेडिंग के लिए उपयुक्त होते हैं।
- मूल्य प्रवृत्तियों का विश्लेषण: मूल्य में बदलाव और OI के संयोजन से बाजार की भावना (sentiment) का पता लगाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि मूल्य और OI दोनों बढ़ रहे हैं, तो यह तेजी (bullish) का संकेत हो सकता है।
अधिक जानकारी के लिए:
NSE India की आधिकारिक वेबसाइट पर आप वास्तविक समय में फ़्यूचर चेन डेटा देख सकते हैं। यहां आपको Nifty 50 और अन्य इंडेक्स के फ़्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स की विस्तृत जानकारी मिलेगी।