पीरियड्स के कितने दिन बाद प्रेग्नेंसी होती है? – Periods Ke Kitne Din Baad Pregnancy Hoti Hai?
पीरियड्स के कितने दिन बाद प्रेग्नेंसी होती है – Periods Ke Kitne Din Baad Pregnancy Hoti Hai |
पीरियड्स के बाद प्रेग्नेंसी अगले मासिक धर्म चक्र के पहले ओव्यूलेशन में हो सकती है। अगर मासिक चक्र 28 दिन का है तो पीरियड्स खत्म होने के 10 वें दिन से लेकर 17 वें दिन तक प्रे्नेसी के लिए सही समय माना जाता है। अगर किसी महिला का मासिक चक्र 28 दिन का है तो प्रेग्नेंसी की सबसे ज्यादा संभावना पीरियड्स खत्म होने के 12वें, 13वें और 14वें दिन ज्यादा होती है। लेकिन 17वां दिन गुजर जाने के बाद प्रे्नेंसी की संभावना कम हो जाती है।
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यही कारण है कि ओव्यूलेशन का दिन प्रे्मेंसी के लिए सबसे सही समय माना जाता है। ओव्यूलेशन से पहले के पांच दिन में अगर शारीरिक संबंध बनाएं जाएं तब गर्भधारण के सफल होने की संभावना सबसे अधिक होती है। साथ ही, जिस दिन ओव्यूलेशन होता है, उस दिन भी शारीरिक संबंध बनाने से गर्भधारण की संभावना अधिक होती है।
पीरियड्स के कितने दिन बाद प्रेग्नेंसी होती है? – Periods Ke Kitne Din Baad Pregnancy Hoti Hai?
जैसे ही आपके पीरियड्स शुरू होते हैं, ओव्यूलेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाती है और आपकी ओवरी से अंडे निकलने शुरू हो जाते हैं। जिसके बाद अंडा स्पर्म के साथ फर्टिलाइज होता है और गर्भावस्था की प्रक्रिया शुरू होती है। लेकिन कई बार कुछ कारणों से अंडे और स्पर्म का संयोजन नहीं हो पाता है जिसके कारण महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है।
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अगर आपके मन में यह सवाल है कि पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी नहीं होती है तो इसका सीधा सा यह जवाब है कि पीरियड्स के पहले दिन से लेकर अगले छह दिनों तक गभधारण की संभावना लगभग न के बराबर होती है। लेकिन जिस महिला का मासिक धर्म कम समय का होता है उन्हें गर्भधारण की संभावना अधिक होती है। क्योंकि इस दौरान ओव्यूलेशन की प्रक्रिया काफी जल्दी हो जाती है जिसकी वजह से सेक्स करने के बाद स्पर्म उनके शरीर में लगभग एक सप्ताह तक जीवित रहता है।
क्या पीरियड़स में शारीरिक संबंध बनाने पर प्रेग्नेंसी हो सकती है?
कुछ लोगों का हमेशा यह प्रश्न होता है कि पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए? कई लोगों का यह भी मानना है कि पीरियड्स में सेक्स करने पर महिला को 100% गर्भवती होने की संभावना होती है।
ऊपर दी गई जानकारी के अनुसार गर्भधारण की संभावना सबसे अधिक ओव्यूलेशन के दिनों के आसपास शारीरिक संबंध बनाने पर होती है। क्योंकि उस दौरान अंडे फैलोपिन ट्यूब में होते हैं, लेकिन जब अंडे फैलोपियन ट्ऐयूब से वापस चले जाते हैं तो गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है।
कितने दिन के बाद प्रे्ेंसी टेस्ट करनी चाहिए? – Kltne Din Baad Pregnancy Test Karna chahiye?
विशेषज्ञ का मानना है कि पीरियड्स आने पहले या फिर उसके दूसरे दिन प्रे्नेंसी टेस्ट करनी चाहिए। प्रे्नेंसी टेस्ट करने के कई तरीके हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप कैसे कंपफर्टेबल हैं।
आप चाहें तो डॉक्टर के पास जा सकती हैं या फिर घर बैठे खुद से प्रेग्नेंसी टेस्ट किट या घरेलू उपायों से प्रेग्नेंसी टेस्ट मात्र कुछ ही मिनटों में अपनी प्रेग्नेंसी की पुषटिकर सकती हैं।
प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए आपवके यूरिन की आवश्यकता होती है। क्योंकि इसमें ही प्रेग्नेंसी के हामोंन की मौजूदगी का पता लगाया जाता है।
औव्यूलेशन होने के क्या लक्षण है?
ओव्यूलेशन हर महिला में अलग-अलग दिन पर होता है। यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि मासिक धम्म चक्र कितने दिनों का है। आप ओव्यूलेशन का दिन अनेको ख़ास एप के जरिए पता कर सकती हैं। आप बना किसी एप का इस्तेमाल किए कुछ ख़ास लक्षणों की मदद से भी ओव्यूलेशन की पुष्टि कर सकती हैं।
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ओव्यूलेशन के निम्नलिखित लक्षण होते हैं:-
शारीरिक तापमान बदलना:- वैसे तो यह एक सामान्य लक्षण है, लेकिन बुखार या दुसरे कारणों से भी शारीरिक तापमान बदल सकता है। आमतौर पर मासिक धर्म चक्र शुरू होने पर शारीर का सामान्य तापमान 97.2 से 97.6 डिग्री फेरेनहाइट हो सकता है। ओव्यूलेशन जैसे – जैसे करीब आता है, शारीर का तापमान बढ़ने लगता है। अगर आप चाहें तो डिजिटल थर्मामीटर की मदद से अपने शारीर के तापमान की जांच कर सकते हैं।
सर्वाइकल म्यूकस में बदलाव:- सर्वाइकल म्यूकस महिला शरीर से डिस्चार्ज होने वाला जैल की तरह एक पदार्थ है। पीरियड्स शुरू होने के दो सप्ताह पहले यूटेरस के निचले हिस्से गर्भाशिय ग्रीवा (uterine cervix) में तरल पदार्थ यानी लिक्विड बनने लगता है, जिसके डिस्चार्ज होने पर औव्यूलेशन शुरू हो जाता है।
इसके अलावा भी कई लक्षण हैं, जैसे पेट में दर्द, ब्रेस्ट का आकार बढ़ना, बर्ताव में बदलाव आना आदि ।
ओव्यूलेशन प्रक्रिया से जुड़े डिसऑर्डर
अगर ओव्यूलेशन प्रक्रिया सही तरह से नहीं हो रही है तो महिला में इनफर्टिलिटी या गर्भथारण करने में परेशानी आ सकती है। ओव्यूलेशन प्रक्रिया से जुड़े कुछ
डिसऑर्डर निम्न हैं:-
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) में ओवेरी यानी अंडाशय बढ़ा हो जाता है और इसमें सिस्ट बन जाते हैं जिसके कारण हार्मोन का बैलेंस बिगड़ जाता है।
इस डिसऑर्डर में मोटापा, असामान्य तरीके से बाल बढ़ना और मुहांसे होना जैसे लक्षण शामिल हैं।
हाइपोथैलेमिक डिसफंक्शन – Hypothalamic Dysfunction
जब शरीर में एफएसएच और एलएच हामोंन बनना रुक जाता है जिसके कारण ओव्यूलेशन और मासिक धर्म चक्र पर बुरा असर पड़ता है। इसमें अनियमित पीरियड्स होना, ज्यादा ब्लीडिंग, मासिक धर्म का न आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यह डिसऑर्डर ज्यादा शारीरिक या भावनात्मक तनाव (Physical or emotional stress), अचानक कम या ज्यादा वजन होने के कारण होता हैं।
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प्रीमेच्योर ओवेरियन इन्सफिएंसी
एस्ट्रोजन कम होने पर अंडा बनना बंद हो जाता है। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी जो अनु्वांशिक असामान्यताओं (Genetic abnormalities) या पर्यावरण में मौजूद जहरीले पदार्थो (environmental toxins) के कारण हो सकता है। इस बीमारी के कारण भी ओव्यूलेशन की प्रक्रिया में रूकावट पैदा हो सकती है।
अगर आपको ऐसा लग रहा है कि ओव्यूलेशन ठीक ढंग से नहीं हो रहा है तो डॉक्टर से जांच करा कर इलाज करवाना चाहिए।
पीरियड्स और प्रेगनेंसी से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
माहवारी के कितने दिन बाद बच्चा ठहरता है?
माहवारी की अवधि ख़त्म होने के बाद एक महिला गर्भवती हो सकती है। गर्भाधथारण करने के लिए पीरियड्स के बाद के 5 दिन और ओव्यूलेशन वाला दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
पीरियड कितने दिन बाद आता है या एमसी कितने दिन बाद आती है?
पीरियड्स को मासिक चक्र या एमसी के नाम भी जाना जाता है। ज्यादातर महिलाओं का मासिक चक्र नियमित होता है जो अनुमानतः हर 28 दिनों में आता है। जब,पहला मासिक धर्म शुरू होता है तो अगला मासिक धर्म 3-6 सप्ताह के बीच कभी भी आ सकता है। यह 21 या 40 दिनों तक चल सकता है। साथ ही, इसका पैटर्न अनियमित भी हो सकता है।
पीरियड के कितने दिन पहले प्रेग्नेंट हो सकते हैं?
पीरियड्स शुरू होने के लगभग 12-14 दिनों के पहले ओव्यूलेशन की प्रक्रिया शुरू होती है। इस दौरान महिला की ओवरी से अंडा रिलीज होकर फैलोपियन ट्यूब में चला जाता है जहाँ पुरुष के स्पर्म के साथ उसका संयोजन यानी फर्टिलाइजेशन होता है। अगर आप गर्भधारण करना चाहती हैं तो आपको ओव्यूलेशन के दौरान सेक्स करना चाहिए। इस दौरान प्रेगनेंट होने की संभावना सबसे अधिक होती है।
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पीरियड कितने दिन का होता है?
अक्सर लोगों के मन में यह प्रश्न उठता है कि पीरियड कितने दिन का होता है या पीरियड्स कितने दिन रहता है। हम आपको बता दें कि आमतौर पर पीरियड 28 दिनों का होता है, लेकिन यह हर महिला में अलग-अलग हो सकता है। विशेषज्ञ डॉक्टर के अनुसार, पीरियड्स 21-40 दिनों तक का हो सकता है।
पीरियड खुल के आने के लिए क्या करे?
अनेको कारणों से पीरियड खुलकर नहीं आता है। अगर आपके मन में यह सवाल उठता है कि पीरियड्स नहीं आने पर क्या करना चाहिए तो इसका जवाब बहुत ही आसान है। पपीरियड्स खुलकर यानी नियमित रूप से नहीं आने पर आपको सबसे पहले एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। सबसे पहले डॉक्टर पीरियड्स खुलकर नहीं आने के सटीक कारणों का पता लगाते हैं और उसके बाद आपका उचित इलाज करते हैं जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं
– जांच नॉर्मल होने पर जीवनशेली और डाइट में सकाररात्मक बदलाव लाने का सुझाव देना
– हार्मोन से संबंधित किसी प्रकार की समस्या होने पर हार्मोंन थेरेपी का सुझाराव देना
– पीसीओएस होने पर इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट, एंटी- हेयर ग्रोथ मेडिकेशन और बर्थ कंट्रोल पिल्स निर्धारित करना
पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए?
आमतौर पर पीरियड्स मिस होने के एक हफ्ते बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करने की सलाह दी जाती है। अगर आपका पीरियड मिस हुए एक सप्ताह से आधिक हो गया है तो आपको प्रेगनेंसी टेस्ट करनी चाहिए।