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Stock Market Amazing Indicators in Hindi

Stock Market Amazing Indicators in Hindi

शेयर बाजार में निवेश करने से पहले यह समझना बहुत ज़रूरी है कि कौन से संकेतक (indicators) आपके लिए सही होंगे। ये संकेतक बाजार के रुझानों, कीमतों, और विभिन्न वित्तीय स्थितियों का विश्लेषण करने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख और महत्वपूर्ण संकेतकों के बारे में:

1. बोलिंजर बैंड (Bollinger Bands)

  • क्या है?
    बोलिंजर बैंड्स, शेयर की कीमत के चारों ओर दो बैंड्स के रूप में होते हैं – एक उच्च बैंड और एक निम्न बैंड। ये बैंड्स शेयर की कीमत की अस्थिरता को दिखाते हैं। जब शेयर की कीमत बैंड्स के बाहर जाती है तो यह संकेत हो सकता है कि शेयर की कीमत ओवरबॉट (overbought) या ओवरसोल्ड (oversold) हो सकती है।
  • कैसे काम करता है?
    जब शेयर की कीमत उच्च बैंड को छूती है, तो यह संकेत हो सकता है कि यह ओवरबॉट है और गिर सकता है। और जब कीमत निम्न बैंड को छूती है, तो यह संकेत हो सकता है कि यह ओवरसोल्ड है और बढ़ सकती है।

2. आरएसआई (RSI – Relative Strength Index)

  • क्या है?
    आरएसआई एक प्रकार का ओस्सीलेटिंग इंडिकेटर है जो यह बताता है कि किसी शेयर की कीमत अधिक खरीदी (overbought) या अधिक बेची (oversold) गई है या नहीं। यह 0 से 100 तक के मान में होता है।
  • कैसे काम करता है?
    यदि आरएसआई 70 के ऊपर है तो इसका मतलब है कि शेयर ओवरबॉट (Overbought) हो चुका है और इसमें गिरावट आ सकती है। यदि आरएसआई 30 के नीचे है तो इसका मतलब है कि शेयर ओवरसोल्ड (Oversold) हो सकता है और इसमें उछाल आ सकता है।

3. मूविंग एवरेज (Moving Average)

  • क्या है?
    मूविंग एवरेज (MA) शेयर की कीमत का औसत होता है जो एक निश्चित समयावधि में लिया जाता है। यह ट्रेंड को पहचानने में मदद करता है कि शेयर बाजार में किस दिशा में बढ़ रहा है।
  • कैसे काम करता है?
    यदि शेयर की कीमत मूविंग एवरेज से ऊपर जा रही है, तो यह एक बुलिश (bullish) संकेत है और यदि नीचे जा रही है तो यह बियरिश (bearish) संकेत हो सकता है।
  • प्रमुख प्रकार:
    • साधारण मूविंग एवरेज (SMA)
    • एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (EMA)

4. MACD (Moving Average Convergence Divergence)


5. स्टोकास्टिक ऑस्सीलेटर (Stochastic Oscillator)


6. वॉल्यूम (Volume)

  • क्या है?
    वॉल्यूम वह संख्या है जो दर्शाता है कि किसी विशेष समय अवधि में कितने शेयर खरीदे और बेचे गए। यह संकेतक शेयर के ट्रेंड को मजबूत या कमजोर बताने में मदद करता है।
  • कैसे काम करता है?
    यदि वॉल्यूम उच्च है, तो यह संकेत हो सकता है कि ट्रेंड मजबूत है। यदि वॉल्यूम कम है, तो ट्रेंड कमजोर हो सकता है।

7. फिबोनाच्ची रिट्रेसमेंट (Fibonacci Retracement)

  • क्या है?
    यह एक तकनीकी विश्लेषण का टूल है जो कीमत के संभावित पलटाव (retracement) स्तरों की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह स्तर 23.6%, 38.2%, 50%, 61.8% और 100% होते हैं।
  • कैसे काम करता है?
    जब शेयर की कीमत गिर रही होती है, तो फिबोनाच्ची रिट्रेसमेंट स्तरों पर इसका पलटाव हो सकता है। इन स्तरों को पहचानकर निवेशक यह निर्णय ले सकते हैं कि कब खरीदना या बेचना है।

8. एडीएक्स (ADX – Average Directional Index)

  • क्या है?
    ADX एक ट्रेंड स्ट्रेंथ इंडिकेटर है जो यह बताता है कि बाजार में ट्रेंड मजबूत है या नहीं। यह 0 से 100 के बीच होता है, और इसकी उच्चतम मान 100 होती है।
  • कैसे काम करता है?
    ADX का मान 20 से कम होने पर ट्रेंड कमजोर होता है। 20 से ऊपर जाने पर यह ट्रेंड की मजबूती का संकेत देता है।

9. चाइकिन मनी फ्लो (Chaikin Money Flow – CMF)

  • क्या है?
    CMF एक संकेतक है जो यह दर्शाता है कि किसी शेयर में निवेशकों द्वारा कितनी खरीदारी और बिक्री की गई है। यह शेयर की वॉल्यूम और कीमत को जोड़कर ट्रेंड की दिशा का पता लगाता है।
  • कैसे काम करता है?
    जब CMF सकारात्मक होता है, तो यह दर्शाता है कि बाजार में अधिक खरीदारी हो रही है। जब यह नकारात्मक होता है, तो यह बिक्री का संकेत हो सकता है।

निष्कर्ष:

शेयर बाजार में निवेश करने से पहले इन संकेतकों को समझना और सही तरीके से उपयोग करना जरूरी है। प्रत्येक संकेतक का अपना उद्देश्य और तरीका होता है, और यह आपको सही समय पर निवेश के निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, इन संकेतकों के साथ-साथ, जोखिम प्रबंधन और अच्छी शोध भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

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