Limit order in stock market: लिमिट ऑर्डर (Limit Order) एक प्रकार का आदेश (Order) है जो किसी विशिष्ट कीमत पर स्टॉक या सिक्योरिटी को खरीदने या बेचने के लिए दिया जाता है। जब आप लिमिट ऑर्डर लगाते हैं, तो आप केवल उस कीमत पर या उससे बेहतर कीमत पर ही स्टॉक को खरीदने या बेचने के इच्छुक होते हैं। Limit order in stock market
What is limit order in stock market? || स्टॉक मार्केट में लिमिट ऑर्डर क्या होता है?
लिमिट ऑर्डर के प्रकार
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लिमिट बाय ऑर्डर (Limit Buy Order):
- इस प्रकार के ऑर्डर में आप उस स्टॉक को खरीदने के लिए आदेश देते हैं, लेकिन केवल एक विशिष्ट कीमत या उससे कम कीमत पर।
- उदाहरण: यदि आप किसी स्टॉक को ₹500 में खरीदने का इच्छुक हैं, तो आप ₹500 का लिमिट बाय ऑर्डर लगाएंगे। इसका मतलब है कि जब उस स्टॉक का मूल्य ₹500 या इससे कम होगा, तब ही आपका ऑर्डर पूरा होगा।
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लिमिट सेल ऑर्डर (Limit Sell Order):
- इसमें आप स्टॉक को एक विशिष्ट कीमत या उससे अधिक कीमत पर बेचने का आदेश देते हैं।
- उदाहरण: अगर आपने एक स्टॉक ₹400 में खरीदी है और आप उसे ₹450 में बेचना चाहते हैं, तो आप ₹450 का लिमिट सेल ऑर्डर लगाएंगे। जब उस स्टॉक का मूल्य ₹450 या उससे अधिक होगा, तब आपका ऑर्डर पूरा होगा।
लिमिट ऑर्डर के फायदे
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सटीकता (Price Control):
- लिमिट ऑर्डर आपको यह सुनिश्चित करने की अनुमति देता है कि आप केवल एक विशिष्ट मूल्य पर ही खरीदें या बेचें। आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आप बहुत अधिक कीमत पर नहीं खरीदेंगे या बहुत कम कीमत पर नहीं बेचेंगे।
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जोखिम में कमी (Risk Mitigation):
- इस ऑर्डर के माध्यम से आप अपनी निवेश रणनीति के अनुसार जोखिम को नियंत्रित कर सकते हैं। आप केवल उस कीमत पर ट्रांजैक्शन करना चाहेंगे जो आपके लिए लाभकारी हो।
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बाजार की परिस्थितियों का इंतजार (Waiting for the Right Price):
- आप तब तक इंतजार कर सकते हैं जब तक कीमत आपकी उम्मीद के मुताबिक न हो, जिससे आपको बेहतर मूल्य मिल सकता है।
लिमिट ऑर्डर के नुकसान
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ऑर्डर का पूरा न होना (Order Not Filled):
- लिमिट ऑर्डर हमेशा पूरा नहीं होता। अगर बाजार में उस मूल्य पर स्टॉक उपलब्ध नहीं है, तो आपका ऑर्डर पूरा नहीं होगा। उदाहरण के लिए, यदि आपने ₹500 पर बाय ऑर्डर दिया है और बाजार में स्टॉक ₹505 या ₹510 पर बिक रहा है, तो आपका ऑर्डर पूरा नहीं होगा।
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बाजार की गति से पीछे रहना (Missed Opportunities):
- कभी-कभी अगर बाजार तेजी से बढ़ता है या घटता है, तो लिमिट ऑर्डर आपके आदेश के अनुसार पूरा नहीं हो पाता, और आप एक संभावित लाभ से चूक सकते हैं।
लिमिट ऑर्डर और मार्केट ऑर्डर में अंतर
- लिमिट ऑर्डर:
- इसमें आप एक विशिष्ट कीमत सेट करते हैं, और ट्रांजैक्शन तब ही होता है जब बाजार उस कीमत तक पहुंचता है।
- मार्केट ऑर्डर:
- इसमें आप तुरंत वर्तमान बाजार मूल्य पर ऑर्डर करते हैं। यह ऑर्डर जल्दी पूरा हो जाता है, लेकिन आपको उस समय का बाजार मूल्य ही मिलेगा, जो हमेशा आपके अनुमान से अलग हो सकता है।
उदाहरण – Limit order in stock market
- मान लीजिए कि आप एक कंपनी के शेयर को ₹200 पर खरीदने का इच्छुक हैं। आप ₹200 का लिमिट बाय ऑर्डर सेट करते हैं। अगर बाजार में उस स्टॉक की कीमत ₹200 या उससे कम होती है, तो आपका ऑर्डर पूरा हो जाएगा।
- इसी तरह, अगर आप उस स्टॉक को ₹250 में बेचना चाहते हैं, तो आप ₹250 का लिमिट सेल ऑर्डर सेट करेंगे। जब कीमत ₹250 या इससे अधिक होगी, तभी आपका ऑर्डर पूरा होगा।
निष्कर्ष
Limit order in stock market: लिमिट ऑर्डर एक शक्तिशाली टूल है जो आपको अपने निवेश को नियंत्रित करने और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद अपनी इच्छित कीमत पर स्टॉक्स खरीदने और बेचने का अवसर देता है। हालांकि, इसके साथ कुछ जोखिम भी होते हैं, जैसे कि ऑर्डर का पूरा न होना या अवसर का खो जाना।
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