What is traction alopecia? – ट्रैक्शन एलोपेसिया क्या होता है?

What is traction alopecia? - ट्रैक्शन एलोपेसिया क्या होता है?
What is traction alopecia? – ट्रैक्शन एलोपेसिया क्या होता है?

  कई बार हम झड़ते बालों पर ध्यान नहीं देते हैं. इसे सामान्य समझकर अनदेखा कर देते हैं. फिर यही आगे चलकर कब एलोपेसिया यानी गंजेपन का कारण बन जाता हैं, पता नहीं चलता. अब अगर एलोपेसिया की बात की जाए, तो यह कई प्रकार के होते हैं. इन्हीं में से एक है ‘ट्रैक्शन एलोपेसिया’, कई लोग शायद इसके बारे में नहीं जानते होंगे. इसलिए, आज के इस खास आर्टिकल में हम ‘ट्रैक्शन एलोपेसिया’ के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी लेकर आए हैं. इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें.

ट्रैक्शन एलोपेसिया क्या होता है?

यह एलोपेसिया का ही एक प्रकार है. यह तब होता है, जब लोग स्टाइलिंग के दौरान या लगातार बालों को खींचकर या कसकर बांधकर रखते हैं. बालों के खींचने के कारण जड़े कमजोर होने लगती है और बाल झड़ने लगते हैं. इसी स्थिति को ‘ट्रैक्शन एलोपेसिया’ कहा गया है. आगे इनके लक्षणों पर भी गौर करेंगे.

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ट्रैक्शन एलोपेसिया के लक्षण

शुरुआत में इस स्थिति में आपके स्कैल्प पर छोटे-छोटे बंप्स जैसे दिखाई दे सकते हैं, जो आपको पिंपल्स की तरह दिखते हैं. वहीं, जब यह स्थिति गंभीर होने लगेगी, तो आपको इसके मुख्य लक्षण जैसे – बालों का टूटना या कम होना दिखने लगेगा. इसके अलावा, कई अन्य लक्षण भी दिखने लगेंगे, जो इस प्रकार हैं –

  • स्कैल्प का लाल होना.
  • बंप्स होना.
  • स्कैल्प पर चुभन महसूस होना या सूजन आना.
  • खुजली होना.
  • स्कैल्प से पपड़ी निकलना.
  • फॉलिक्यूलाइटिस (बालों के फॉलिकल्स में सूजन होना).
  • स्कैल्प में मवाद से भरे ब्लिस्टर्स होना.

ट्रैक्शन एलोपेसिया के कारण

बालों को बहुत कसकर बांधने से ट्रैक्शन एलोपेसिया हो सकता है. बालों को बार-बार खींचने से उसके रोम में स्थित बाल ढीले हो जाते हैं. इसके अलावा भी कई कारण हैं –

  • अगर बालों को खींचकर पीछे की तरफ पोनी बनाई जाए.
  • टाइट चोटी बनाना.
  • एक्सटेंशन या अन्य विकल्प.
  • रातभर के लिए बालों पर रोलर्स लगा छोड़ देना. 
  • जिनके लंबे बाल होते हैं, उन्हें भी बालों के वजन के कारण यह समस्या हो सकती है.

ट्रैक्शन एलोपेसिया का इलाज

डॉक्टर सबसे पहले मरीज के स्कैल्प को चेक करेंगे. हेयर लॉस का कारण जानने के लिए डॉक्टर बायोप्सी की सलाह दे सकते हैं, जिसमें स्कैल्प के टिशू को चेक किया जाता है. इसकी रिपोर्ट के आधार पर ही डॉक्टर निम्न प्रकार के इलाज कर सकते हैं 

  • ट्रैक्शन एलोपेसिया का मुख्य इलाज है बालों को बांधने के स्टाइल में बदलाव करना.
  • खासकर रात में बालों को टाइट बांधने से बचें.
  • अगर किसी प्रकार का इंफेक्शन है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स दे सकते हैं.
  • स्कैल्प के सूजन को कम करने के लिए स्कैल्प पर स्टेरॉड्स लगाने के लिए दे सकते हैं.
  • बालों को मजबूत करने के लिए बायोटिन के सप्लिमेंट्स लेने की सलाह दे सकते हैं.
  • हेयर रिग्रोथ की दवाइयां दी जा सकती हैं.

ट्रैक्शन एलोपेसिया से बचाव

ट्रैक्शन एलोपेसिया से बचाव के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं. यहां हम ऐसे ही कुछ आसान उपाय आपको बता रहे हैं –

  • अपने बालों के बांधने के स्टाइल में बदलाव करें.
  • जब पोनी टेल बनाएं या बालों को जब भी बांधें तो हल्का करके बांधें.
  • बालों को केमिकल स्टाइलिंग से बचाएं. केमिकल बालों को डैमेज कर सकता है.
  • हीट ट्रीटमेंट से बचें और अगर लेते भी हैं, तो कम टेम्प्रेचर पर हीट ट्रीटमेंट लें.
  • सोते वक्त बालों में रोलर्स न लगाएं.

सारांश

ये थी ट्रैक्शन एलोपेसिया से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां. बाल किसी के भी व्यक्तित्व को निखारने का काम करते हैं. ऐसे में बालों के लगातार झड़ने को अनदेखा न करें और वक्त रहते ध्यान देकर इस समस्या का समधान निकालें. दरअसल, सही समय पर ट्रैक्शन एलोपेसिया का इलाज कराने से इस परेशानी को रोका जा सकता है.

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