म्यूचुअल फंड में ग्रोथ ऑप्शन और डिविडेंड ऑप्शन क्या होता है?

म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय आपको दो प्रमुख विकल्प मिलते हैं: ग्रोथ ऑप्शन और डिविडेंड ऑप्शन। आइए इन दोनों के बारे में विस्तार से समझते हैं:


📈 ग्रोथ ऑप्शन (Growth Option)

इस विकल्प में, म्यूचुअल फंड की कमाई (जैसे पूंजी लाभ) सीधे आपके निवेश में जुड़ जाती है, जिससे नेट एसेट वैल्यू (NAV) बढ़ती है। इसका मतलब है कि आपके निवेश की वैल्यू समय के साथ बढ़ती है, लेकिन आपको कोई नियमित आय प्राप्त नहीं होती।

मुख्य विशेषताएँ:


💰 डिविडेंड ऑप्शन (Dividend Option)

इस विकल्प में, म्यूचुअल फंड की कमाई को निवेशकों के बीच नियमित अंतराल (जैसे त्रैमासिक, अर्धवार्षिक या वार्षिक) में वितरित किया जाता है। हालांकि, ध्यान दें कि डिविडेंड का भुगतान फंड की कमाई से होता है, और यह सुनिश्चित नहीं होता कि डिविडेंड हमेशा मिलेगा।

मुख्य विशेषताएँ:


⚖️ तुलना सारणी

पहलू ग्रोथ ऑप्शन डिविडेंड ऑप्शन
रिटर्न का प्रकार पूंजी में वृद्धि (NAV बढ़ती है) नियमित आय (डिविडेंड के रूप में)
निवेश की अवधि लंबी अवधि के लिए उपयुक्त नियमित आय की आवश्यकता वाले निवेशकों के लिए
कराधान रिडेम्पशन पर कैपिटल गेन टैक्स डिविडेंड पर TDS और आयकर लागू
NAV पर प्रभाव NAV बढ़ती है NAV में डिविडेंड के बाद कमी आती है
उपयुक्तता लंबी अवधि के लिए निवेश करने वाले नियमित आय की आवश्यकता रखने वाले

✅ किसे चुनें?

निवेश करने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति, निवेश लक्ष्य और जोखिम सहनशीलता का मूल्यांकन करना आवश्यक है। यदि आप चाहें, तो मैं आपको कुछ लोकप्रिय ग्रोथ और डिविडेंड ऑप्शन वाले म्यूचुअल फंड्स की सूची भी प्रदान कर सकता हूँ।


Exit mobile version