कब और कैसे शुरू हुआ Chat GPT? क्यों इसे लेकर खौफ में है दुनिया?
कब और कैसे शुरू हुआ Chat GPT क्यों इसे लेकर खौफ में है दुनिया |
एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पहले से ही चर्चा में है। इस बात को लेकर दुनिया में बहस छिड़ी हुई है कि एआई का दुनिया पर और मानव जिंदगी पर क्या असर हो सकता है। कहा जा रहा है कि एआई तकनीक के बाद मशीनें एक तरह से मनुष्य को रिप्लेस कर सकता है। हालही में यूएस के बी-स्कूल में ChatGPT ने एमबीए की परीक्षा पास की है। ऐसे में मानव की उपयोगिता को लेकर सवाल उठ रहे हैं। दुनियाभर में अब Chat GPT की चर्चा है। यह शब्द दुनिया के हर अखबार और न्यूज चैनल में सुर्खियां बंटोरने के साथ बहस का विषय बना हुआ है
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Chat GPT को लेकर दुनिया दो खेमों में बंटी हुई है। इसके पक्ष में खड़े लोग इसे दुनिया के लिए एक बड़ी क्रांतिमान रहे हैं तो दूसरी तरफ कुछ लोग इसे आदमी के लिए खतरा मान रहे हैं। Chat GPT को खतरा मानने वाले लोगों का तर्क है कि कैसे कैलकुलेटर, कंप्यूटर और मोबाइल जैसी मशीनों ने इंसान की उपयोगिता या कहें कि ह्यूमन ब्रेन के इस्तेमाल का कम या लगभग खत्म कर दिया है। एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तो आदमी की नौकरियां ही खत्म कर सकता है। ऐसे में Chat GPT जैसी तकनीक दुनिया पर कितना असर करेगी।
क्या है ChatGPT?
ChatGPT एक सॉफ्टवेयर है। इसका पूरा नाम जेनेरेटिव प्रेट्रेन्ड ट्रांसफॉर्मर (Generative Pretrained Transformer) है। इसे आप एकआधुनिक एनएमस (Neural network based machine learning model) भी कह सकते हैं। गूगल से तो हम सब वाकिफ है कि किसतरह से गूगल सर्च हमें दुनिया की तमाम चीजों और विषयों के बारे में बता देता है। ठीक इसी तरह से ChatGPT सॉफ्टवेयर गूगल की तरह हीहमें सिर्फ रियल टाइम सर्च ही नहीं देता, बल्कि पूछे गए सवालों के बारे में बहुत साफ और सटीक शब्दों में जवाब भी देता है। इसे गूगल सर्च काही एक विकल्प माना जा रहा है। यह इतनी फास्ट तकनीक है कि इसके बारे में कहा जा रहा है कि इसके विकसित होने के बाद बहुत सारे काम कुछ सेकंड या चुटकियों में कर देगा। ठीक जैसे आज मोबाइल, कैलकुलेटर और तमाम तरह की दूसरी एप्लिकेशंस कर रहे हैं। ChatGPT वो सारे काम कुछ ही पल में कर सकेगा, जिसे करने में इंसान लंबा वक्त लेता है। यह तकनीक खासतौर से सवाल-जवाब से जुड़े व्यवसाय वाले लोगों से जुडी है। मसलन, मीडियाकर्मी, पत्रकार, वकील, कस्टमर केयर और स्कूल-कॉलेज और कोचिंग के टीचर आदि।
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कब और कैसे शुरू हुआ Chat GPT?
Chat GPT की शुरुआत सैम अल्टमैन ने की थी। उस वक्त उनके साथ एलन मस्क भी थे। यह बात 2015 की है। तब यह एक नॉन-प्रॉफिटकंपनी थी। एलन मस्क ने बाद में इस प्रोजेक्ट को छोड़ दिया। इस तकनीक के सीईओ सैम अल्टमैन के मुताबिक ChatGPT ने एक सप्ताह सेभी कम वक्त में एक मिलियन (10 लाख) यूजर्स तक अपनी पहुंच बना ली है। इसकी तुलनात्मक स्टडी बताती है कि नेटफ्लिक्स को यहआंकड़ा छूने में 3.5 साल लग गए थे। जबकि ट्विटर को 2 साल और फेसबुक को 10 महीने लगे थे। वहीं, इंस्टाग्राम को तीन महीने और म्यूजिक ऐप स्पॉटिफाई को 5 महीने लग गए थे। इस समय इस कंपनी की वैल्यू करीब 20 बिलियन डॉलर बताई जा रही है।
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क्या Chat GPT आपकी नौकरी खा सकता है?
यही सवाल वो वजह है कि दुनिया में इसे लेकर बहस चल रही है। यह सही है कि कंप्यूटर से लेकर कैलकुलेटर ने इंसानों की नौकरियां खाई है।दूसरी तरफ जिंदगी को आसान भी बनाया है। Chat GPT वक्त के साथ जब अपडेट होगा तो यह और भी कई तरह के काम कर सकेगा।हालांकि, वर्तमान में चैट जीपीटी के पास गूगल जितनी जानकारी नहीं है, यह अभी सीमित जानकारी देता है। लेकिन जिस तेजी से इस पर काम हो रहा है और जिस तरह से यह एआई का एडवॉन्स्ड रूम माना जा रहा है, आने वाले दिनों में यह कई तरह के रोजगारों के लिए मुश्किलें ला सकता है।
क्यों इसे लेकर खौफ में है दुनिया?
जैसा कि रिपोर्ट कहती है कि यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का एडवॉन्स्ड रूप है। यह गूगल की ही तरह और भी तेजी से अपने सर्च इंजन से सवालों के जवाब देगा। जाहिर है यह आम लोगों की जिंदगी को और ज्यादा आसान बना देगा, जैसा कि अब तक कम्प्यूटर, कैलकुलेटर औरमोबाइल फोन करते रहे हैं, लेकिन लेखक, पत्रकार, एडव्होकेट, कस्टमर केयर और एजुकेशन जैसे व्यवसायों से जुड़े लोगों के विकल्प को खतरेमें डाल सकता है। जैसे-जैसे यह और एडवॉन्स्ड तरीके से डेवलेप होगा, और भी क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में इसे लेकर दुनिया खौफमें भी है।
ChatGPT पर सत्य नडेला ने क्या कहा?
माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के सीईओ सत्य नडेला ने ChatGPT को लेकर बडी बात कही है। उन्होंने कहा कि ChatGPT गांव और ग्रामीण जीवन के लिए बहुत सकारात्मक साबित हो सकता है। बिजनेस टूडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक नडेला ने कहा अप टू डेट जानकारी और रिसोर्स के मामले में यह ग्रामीण जीवन के लिए उपयोगी होगा। उन्होंने इसकी मदद से ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता में सुधार के साथ ही ग्रामीणों की हेल्थ के मामलों में यह सकारात्मक परिणाम ला सकती है। नडेला ने यह भी कहा कि ChatGPT में ग्रामीण भारतीयों के लिए उपलब्ध संचारऔर शिक्षा विकल्पों में क्रांति लाने की क्षमता है।
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