प्रेगनेंसी में योनी से खून निकलने के कारण, लच्छण और ईलाज – Causes of Vaginal Bleeding During Pregnancy in Hindi

प्रेगनेंसी में योनी से खून निकलने के कारण, लच्छण और ईलाज  – Pregnancy Me Yoni Se Khoon Nikalne Ke Karan, Lachchan Aur Ilaaj - Causes of Vaginal Bleeding During Pregnancy in Hindi
प्रेगनेंसी में योनी से खून निकलने के कारण, लच्छण और ईलाज – Causes of Vaginal Bleeding During Pregnancy in Hindi

जब आप लगभग छह या सात सप्ताह की प्रेगनेंट होती हैं तब आपकी प्रेगनेंसी में थोड़ा बदलाव आता है। इस दौरान प्लेसेंटा का विकास होता है और यह प्रेगनेंसी के हा्मोंन को बनाने का काम खुद करता है। जिसके कारण आपकी योनि से हल्का रक्तस्राव हो सकता है और यह तीन दिन से ज्यादा नहीं रहता है। 

आमतौर पर आपको प्रेगनेंसी के पांच से आठ सप्ताह के दौरान योनि से खून निकलने की संभावना ज्यादा होती है। जब आप टॉयलेट जाती हैं, अपनी योनि को पोछती हैं या फिर अंडवियर पर खुन के धब्बों को देखती हैं तब आपको इस ब्लीडिंग के बारे में पता चलता है।

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प्रेगनेंसी के दौरान योनि से रक्स्राव होने के ढेरों कारण है। कई बार इसके कारण सामान्य होते हैं और कई बार इसका कारण कोई गंभीर समस्या या बीमारी भी हो सकती है। कारण जो भी हो, आपको अपनी जांच करवा कर इसके बारे में जानना चाहिए।

प्रेगनेंसी में योनी से खून निकलने के कारण, लच्छण और ईलाज  –  Causes of Vaginal Bleeding During Pregnancy in Hindi

 ऐसा करने से किसी भी गंभीर समस्या जैसे की योनि में इंफेक्शन या एक्टोपिक प्रे्नेंसी को गंभीर सरूप लेने से पहले रोका जा सकता है। ऐसे गंभीर मामलों में योनि से हो रहे रक्साव को नजरअंदाज करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान योनि से रक्तस्राव होने के ढेरों कारण है जिनके बारे में आपको मालूम होना चाहिए।

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गर्भपात  –Miscarriage in Hindi

कई बार प्रेगनेंसी की शुरुआत में किसी विकार के कारण शिशु का विकास नहीं होता है और उसका गर्भपात हो जाता है। कुछ महिलाओं को इसके बारे में पता भी नहीं चलता है क्योंकि उन्हें लगता है की उनका पीरियड्स शुरू हुआ है। गरभपात होने की स्थिति में आपकी योनि से लगातार खून निकलता ही रहता है। अगर आप भी अपने साथ कुछ ऐसा महसूस करती हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें और अपने प्रेगनेंसी की जांच करवाएं।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी – Ectopic Pregnancy in Hindi

एक्टोपिक प्रेगनेंसी की स्थिति में गर्भ आपके गर्भाशय के बजाय फैलोपियन ट्यूब या पेट के किसी दूसरे हिस्से में प्रत्यारोपित हो जाता है। जिसके कारण शिशु का विकास संभव नहीं है। इस स्थिति में योनि से लगातार पानी जैसा पतला रक्तस्राव हो सकता है। यह बहुत ही सीरियस स्थिति होती है दर्द, बेचैनी और दूसरी भी काफी परेशानियां होती है जो आपको गंभीर रूप से बीमार कर सकती है। ऐसा होने पर आपको जल्दी से जल्दी स्त्री- रोग विशेषज्ञ से मिलकर इसकी जांच और सटीक इलाज कराना चाहिए।

पेट में चोट लगना -Hurt or Attack on Stomach

प्रेगनेंसी के तीसरे महीने के दौरान आपको पेट पर चोट लगने के कारण भी योनि से खून निकल सकता है। पेट में चोट लगने की स्थिति में आपको तुरंत मिलकर अपने पेट और प्रेगनेंसी की जांच करवानी चाहिए। प्रे्नेंसी के दौरान आपको हाई हिल सैंडल नहीं पहननी चाहिए, साथ ही चलते समय बहुत सावधानी भी बरतनी चाहिए । क्योंकि इसमें गिरने का खतरा होता है जिसके कारण आपके पेट पर चोट लग सकती है। इसके अलावा, अगर आप घरेलू हिंसा की शिकार हैं तो इस स्थिति में भी आपके पेट पर चोट लग सकती है। कोशिश करें की आपके पेट पर चोट न लगे और किसी तरह का कोई दबाव भी न पड़े।

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डिलीवरी का संकेत – Indication of Delivery

जब आप प्रेगनेंसी की आखिरी चरण में होती हैं तब आपके शिशु का विकास लगभग पूरी तरह से हो जाता है। विकास होने के कारण गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है जो आपके पेट और पेल्विक क्षेत्र में दबाव डालता है जिसके कारण योनि से हल्का रस्राव होना संभव है। यह इस बात की और भी इशारा करता है की आपके प्रसव यानि कि डिलीवरी का समय नजदीक आ गया है। इस दौरान रक्तस्राव के साथ साथ आपको शरीर के निचले हिस्से में दर्द, मरोड़ और संकुचन भी होता है। ज्यादा परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

पीरियड्स और निषेचित डिंब इंप्लांटेशन – Periods and Fertilized Egg Implantation

पीरियड्स आने के समय पीरियड्स के हार्मोंन एक्टिव हो जाते हैं जिसके कारण योनि से हल्का खून निकल सकता है। निषेचित डिंब (Fertilized Egg) के गर्भाशय की दीवार पर इंप्लांटेशन होने के कारण भी हल्का रक्तस्राव हो सकता है। खैर, पीरियड्स आने के समय हल्का रक्तस्राव होना आम बात है लेकिन इसका पीरियड्स के हा्मोंन या ट्रांसप्लांट से कोई लेना देना नहीं है क्योंकि ज्यादातर मामलों में ट्रांसप्लांट के पांच दिन के बाद योनि से खून निकलता है।

इस सब के अलावा भी प्रेग्नेंसी के दौरान योनि से खून निकलने के और भी दूसरे सामान्य और असामान्य कारण हो सकते हैं। कारण जो भी हो अगर रक्तस्राव हल्का हो रहा है तो फिर इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है लेकिन अगर आपके खून के रंग में बदलाव, इसकी मात्रा में बढ़ोतरी, लंबे समय तक लगातार खून निकलने या इससे गंध आने और इसकी वजह से आपके पेल्विक एरिया या पेट में दर्द, योनि के आसपास सूजन या खुजली हो तो आपको बिना जरा भी देरी किए डॉक्टर से मिलकर योनि से निकल रहे खून के कारण की जांच करवानी चाहिए।

प्रेगनेंसी में योनी से खून निकलने के लच्छण – Symptoms of Vaginal Bleeding During Pregnancy in Hindi

स्त्री-रोग विशेषज्ञ का कहना है की प्रेगनेंसी के दौरान योनि से हल्का खून निकलना आम बात है। इससे आपको डरने की जरूरत नहीं हैं लेकिन ब्लीडिंग पर ध्यान देने की आवश्यकता जरूर है। क्योंकि कई बार योनि से खून निकलने का कारण कुछ और भी हो सकता है और वो कारण शायद गंभीर हो। 

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इसलिए यह जरूरी है की आप इसके लक्षणों पर ध्यान दें जैसे की खून का रंग कैसा है, यह गाढ़ा है या पतला, कितनी मात्रा में खून निकल रहा है, इसकी अवधि क्या है आदि। हम नीचे योनि से खून निकलने के कुछ लक्षणों के बारे में बता रहे हैं।

  • यह हल्का गुलाबी, लाल या भूरे रंग का होता है।
  • योनि से खून निकलते समय पेट में दर्द होता है
  • लाल रंग का गाढ़ा खून काफी तेजी से निकलता है
  • इसके दौरान भी पीरियड्स की तरह ही दर्द होता है।
  • कभी कभी पहले के मुकाबले इस दौरान ज्यादा मात्रा में खून निकलना या दर्द होना

प्रेगनेंसी में योनी से खून निकलने के कारण, लच्छण और ईलाज- Treatment of Vaginal Bleeding During Pregnancy in Hindi

आमतौर पर प्रेगनेंसी के दौरान योनि से हल्का खून निकलना नॉर्मल है। यह भी प्रेगनेंसी के लक्षणों में से एक है जिसे गर्भावस्था के दौरान हर एक महिला अनुभव करती है। लेकिन जैसा की हम ऊपर बात कर चुके हैं, कई बार किसी समस्या या गंभीर बीमारी के कारण भी योनि से रक्तस्राव होता है। इसलिए जब भी योनि से असामान्य रूप से खून निकले या उसकी वजह से कोई और परेशानी हो तो आपको बिना देरी किए डॉक्टर से मिलकर अपनी परेशानी के बारे में उन्हें विस्तार से बताना चाहिए। अगर रक्तस्राव का कारण कोई समस्या या जानलेवा बीमारी होती है तो ऐसा करने से उन्हें पहले ही इलाज की मदद से रोक दिया जाता है।

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जैसे ही आप डॉक्टर के पास जाती हैं वे सबसे पहले आपकी योनि, उससे होने वाले रक्स्राव, उसके लक्षण और उससे होने वाली परेशानियों के बारे में जांच करते हैं। जांच करने के लिए वे अल्ट्रासाउंड और दूसरी तकनीकों का इस्तेमाल करके इनके बारे में विस्तार से समझते हैं। जैसे ही आपके रक्तस्राव की पुष्टि होती है वे इलाज और उसके माध्यम का चुनाव करते हैं। फिर इलाज की प्रक्रिया को पूरा करते हैं। इलाज का माध्यम पूरी तरह से आपके योनि से निकल रहे खून के कारण और स्थिति पर निर्भर करता है। आमतौर पर दवा, सर्जरी या लैप्रोस्कोपिक का इस्तेमाल किया जाता है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी, इंफेक्शन या गर्भपात की स्थिति में आपको तुरंत मेडिकल मदद की जरूरत पड़ती है। इसलिए इस दौरान डॉक्टर आपको हॉस्पिटल में रुकने की सलाह दे सकते हैं। प्रेगनेंसी एक नाजुक पल है जहां आपको किसी भी चीज को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जैसे ही आप अपने अंदर कोई भी समस्या महसूस करें तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।

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