मेनोपॉज के लक्षण और इलाज - Symptoms And Treatment Of Menopause

Brijesh Yadav
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मेनोपॉज के लक्षण और इलाज - Symptoms And Treatment Of Menopause
मेनोपॉज के लक्षण और इलाज - Symptoms And Treatment Of Menopause


 जब किसी महिला को एक वर्ष तक पीरियड्स नहीं आते हैं तो मेनोपॉज की समस्या पैदा होती है। मेनोपॉज से पहले और मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में उतार चढ़ाव होते रहते हैं, क्योंकि महिला के अंडाशय (Ovaries) हार्मोन उत्पादन के स्तर को सामान्य बनाने कि लगातार कोशिश में लगे रहते हैं। मेनोपॉज के लक्षण किसी भी महिला के लिए दर्द और परेशानियों से भरे हो सकते हैं। नीचे हम आपको इसके लक्षणों और इलाज के बारे में बता रहे हैं।

हॉट फ्लैश 

हॉट फ्लैशेस और अचानक से शरीर में गर्माहट महसूस करना मेनोपॉज के सबसे शुरुआती लक्षणों में से एक हैं। फाइटोएस्ट्रोजेन पौधे-से-उत्पन्न हार्मोन हैं जो मेनोपॉज के कारण होने वाले हार्मोनल परिवर्तनों को आंशिक रूप से वापस सामान्य बना सकते हैं। सोया-आधारित खाद्य पदार्थों में भरपूर मात्रा में फाइटोएस्ट्रोजेन पाए जाते हैं। इसलिए टोफू जैसे दूसरे सोया-आधारित खाद्य पदार्थों का सेवन करने से हॉट फ्लैश से निपटने में मदद मिल सकती है। हॉट फ्लैश को दूसरे भी ढेरों सप्लीमेंट्स कि मदद से दूर किया जा सकता है। इसमें निम्नलिखित चीजें शामिल हैं।

  • लीकोरिस (Licorice)
  • डोंग क्वाइ (Dong Quai)
  • जंगली रतालू (Wild Yam)
  • ब्लैक कोहोश (Black Cohosh)
  • लाल तिपतिया घास (Red Clover)

सप्ताह में तीन बार कम से कम 20 मिनट तक व्यायाम करने से भी हॉट फ्लैश को कम किया जा सकता है। लगातार व्यायाम करने से शरीर में एफएसएच (कूप-उत्तेजक हार्मोन) और एलएच (ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन) की मात्रा में कमी आती है। साथ ही आप को तैलीय, मसालेदार, फास्ट फूड्स और शराब के सेवन आदि से भी बचना चाहिए।

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स्तनों का कोमल होना 

स्तनों में कोमलता और सूजन होना मेनोपॉज के दूसरे सबसे सामान्य लक्षण हैं। स्तनों के सूजन और दर्द को कम करने के लिए आपके डॉक्टर कुछ प्रभावशाली दवाओं का सेवन करने कि सलाह दे सकते हैं। कुछ जड़ी बूटियां जैसे कि ब्लैक करेंट तेल और इवनिंग प्रिमरोज तेल इन लक्षणों से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं। डॉक्टर से परामर्श करने के बाद आप इन जड़ी बूटियों का सेवन कर सकती हैं।

योनि में बदलाव 

एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से योनि के अस्तर पतले होने लगते हैं और योनि स्राव कम हो जाते हैं। योनि का सूखापन और जलन सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान दर्द का कारण बन सकते हैं और आपके लिए सेक्स को अप्रिय (Unpleasant) भी बना बना सकते हैं। नियमित यौन उत्तेजना योनि लोच (Vaginal Elasticity) में मदद कर सकता है। सेक्स के दौरान लुब्रिकेंट्स का इस्तेमाल करने से सेक्स के समय होने वाले दर्द में कमी आती है। यहां आपको इस बात का भी खास ध्यान रखना है कि मेनोपॉज के अलावा भी दूसरी ऐसी ढेरों जटिलताएं हैं जो सेक्स के दौरान होने वाले दर्द का कारण बन सकती हैं। इसलिए ऐसी स्थिति में स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynaecologist) से मिलकर परामर्श करना ही सबसे सटीक और सुरक्षित है।

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स्पॉटिंग या अनियमित रक्तस्राव

जैसे ही कोई महिला पेरिमेनोपॉज (Perimenopause) से गुजरती है, उसका गर्भाशय थोड़ा-थोड़ा सिकुड़ने लगता है। इस स्थिति में एंडोमेट्रियम पूर्वानुमानित मासिक धर्म (Predictable menstrual cycle) के लिए शेड बनाना बंद कर देता है। मेनोपॉज के बाद काफी महिलाएं स्पॉटिंग या अनियमित रक्तस्राव कि शिकायत करती हैं जो कुछ दिनों तक हल्का या भारी मात्रा में रहता है। परामर्श करने और उचित निदान पाने के लिए अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलें। मेनोपॉज के बाद रक्तस्राव या स्पॉटिंग कैंसर या किसी दूसरी गंभीर स्वास्थ्य समस्या के कारण भी हो सकता है। इसलिए इलाज में किसी भी प्रकार की देरी से बचें और जल्द से जल्द अपने गायनेकोलॉजिस्ट से मिलें ताकि आगे किसी भी प्रकार की जटिलताओं को जन्म लेने से रोका जा सके।

यूरिनरी लीकेज या स्ट्रेस यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस 

50-65 वर्ष कि लगभग 30% से अधिक महिलाओं को यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस होता है। एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से यूरिनरी लीकेज की समस्या पैदा हो सकती है। लेजर वेजाइनल टाइटनिंग (Laser Vaginal Tightening) प्रक्रिया यूरिनरी लीकेज को ठीक करने का सबसे बेहतरीन इलाज है। यह एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है जो योनि की मांसपेशियों को मजबूत कर सकती है और सेक्स के दौरान होने वाले दर्द या यूरिनरी लीकेज जैसे लक्षणों से छुटकारा दिला सकती है।

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वजन बढ़ना 

मेनोपॉज के बाद मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिसके कारण महिलाओं का वजन बढ़ने कि संभावना बढ़ जाती है। मेनोपॉज के दौरान वजन को कम करने के लिए आपको उन्ही उपायों को अपनाना चाहिए जिन्हे सामान्य जीवन में वजन को कम करने के लिए अपनाया जाता है। वर्कआउट शेड्यूल सेट करें और सप्ताह में 3 से 5 दिन इसका सटीक पालन करें। साथ ही साथ अपनी जरूरत मुताबिक डाइट में कैलोरी और पोषक तत्वों को शामिल करें। इसके लिए आप किसी डायटीशियन की सहायता ले सकती हैं।

नींद नहीं आना 

मेनोपॉज के बाद पसीना आने और हॉट फ्लैश होने के कारण नींद नहीं आती है। लेकिन कभी-कभी हार्मोन शिफ्ट होने के कारण भी आप हर रात एक ही समय पर जगा हुआ महसूस करती हैं या आपको नींद नहीं आती है।

नींद नहीं आने के कारण आपको थकावट और निराशा हो सकती है। इससे राहत पाने के लिए आप रोजाना रात में सोने से पहले कुछ देर के लिए मेडिटेशन कर सकती हैं। इससे आपका मन बिलकुल शांत हो जाएगा जिससे आपको बहुत आसानी से नींद आ जाएगी। ठंडे या गर्म पानी से स्नान करने से आपके शरीर के तापमान में बदलाव आता है, जिससे आपको सुकून भरी नींद आती है।

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