सुचेता कृपलानी का जीवन परिचय – Biography of Sucheta Kripalani
सुचेता कृपलानी का जीवन परिचय – Biography of Sucheta Kripalani |
जन्म – 25 जून, 1908
मृत्यु – 1 दिसंबर, 1974
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सुचेता कृपलानी का जीवन परिचय – Biography of Sucheta Kripalani
सुचेता कृपलानी, अन्य वैश्विक नेत्रियों के साथ ; बाएँ से दाएं- उल्ला लैंडस्ट्रोम, बार्बरा कैसिल, कैराइन विल्सन, एलीनोर रूसवेल्ट (सन १९४९ में) |
सुचेता कृपलानी (Sucheta Kripalani) परिचय
सुचेता कृपलानी एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनीतिज थीं। ये उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री बनीं और भारत की प्रथम महिला मुख्य मंत्री थीं। स्वतंत्रता आंदोलन में श्रीमती सुचेता कृपलानी के योगदान को भी हमेशा याद किया जाएगा। 1908 में जन्मी सुचेता जी की शिक्षा लाहौर और दिल्ली में हुई थी। आजादी के आंदोलन में भाग लेने के लिए उन्हें जेल की सजा हुई। 1946 में वह संविधान सभा की सदस्य चुनी गई। 1958 से 1960 तक वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव थी। 1963 से 1967 तक वह उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं। 1 दिसम्बर 1974 को उनका निधन हो गया। अपने शोक संदेश में श्रीमती इंदिरा गांधी ने कहा कि “सुचेता जी ऐसे दुर्लभ साहस और चरित्र की महिला थीं, जिनसे भारतीय महिलाओं को सम्मान मिलता है।”
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सुचेता कृपलानी देश की पहली महिला मुख्य मंत्री थीं। ये बंटवारे की त्रासदी में महात्मा गांधी के बेहद करीब रहीं। सुचेता कृपलानी उन चंद महिलाओं में शामिल हैं, जिन्होंने बापू के करीब रहकर देश की आजादी की नींव रखी। वह नोवाखली यात्रा में बापू के साथ थीं। वर्ष 1963 में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनने से पहले वह लगातार दो बार लोकसभा के लिए चुनी गई। सुचेता दिल की कोमल तो थीं, लेकिन प्रशासनिक फैसले लेते समय वह दिल की नहीं, दिमाग की सुनती थीं। उनके मुख्यमंत्रित्व काल में राज्य के कर्मचारियों ने लगातार 62 दिनों तक हड़ताल जारी रखी, लेकिन वह कर्मचारी नेताओं से सुलह को तभी तैयार हुई, जब उनके रुख में नरमी आई। जबकि सुचेता के पति आचार्य कृपलानी खुद समाजवादी थे।
सुचेता कृपलानी (Sucheta Kripalani) रोचक तथ्य
• सुचेता कृपलानी की पढ़ाई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज के साथ लाहौर में हुई थी।
• बाद में वो लाहौर में ही पढ़ाने लगीं। इसके बाद वो बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में लेक्चरर हो गईं।
• सुचेता कृपलानी ने अपने से 20 साल बड़े सोशलिस्ट लीडर आचार्य कृपलानी से शादी की थी।
• 1936 में वो कांग्रेस नेता आचार्य कृपलानी के संपर्क में आईं। बाद में दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ने लगा और दोनों ने शादी कर ली।
• इसके बाद उन्होंने 1946 में आजादी के मूवमेंट में भाग लेना शुरू कर दिया और पति के नक्शेकदम पर चल पडीं।
• बाद में वो न सिर्फ यूपी सरकार में श्रममंत्री बनीं, बल्कि वो यूपी की चौथी और देश की पहली महिला सीएम भी बनीं।
• जब दोनों ने 1936 में शादी की थी, तब आचार्य कृपलानी 48 साल के और सुचेता कृपलानी 28 साल की थीं।
• जब उन्होंने शादी का फैसला किया तो उनके घर वालों ने इस शादी का विरोध किया था।
• इस विरोध की वजह थी दोनों की जाति का अलग-अलग होना। सुचेता मजूमदार थीं, जबकि उनके पति कृपलानी थे।
• उनके घर वालों को इस बात पर भी आपत्ति थी कि वो इतने ज्यादा उम्र के व्यक्ति से शादी कर रही हैं।
• सुचेता महिलाओं के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशील थीं।
• एक बार एक महिला ने उनको बताया कि उसका पति अपनी एक महिला मित्र से मिलने जा रहा है। आप मेरी सहायता कीजिए।
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सुचेता कृपलानी (Sucheta Kripalani) राजनीतिक सफ़र
• 1939 में नौकरी छोड़कर राजनीति में आईं।
• 1940 में व्यक्तिगत सत्याग्रह किया और गिरफ्तार।
• 1941-1942 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महिला विभाग और विदेश विभाग की मंत्री।
• 1942 से 1944 तक निरन्तर निरन्तर सफल भूमिगत आंदोलन चलाया फिर 1944 में गिरफ्तार किया गया।
• 1946 में केन्द्रीय विधानसभा की सदस्य।
• 1946 में संविधान सभा की सदस्य और फिर इसकी प्रारूप समिति की सदस्य बनीं।
• 1948-1951 तक कांग्रेस कार्यकारिणी की सदस्य।
• 1948 में पहली बार विधानसभा के लिए चुनी गईं।
• 1950 से लेकर 1952 तक प्रॉविजनल लोकसभा की सदस्य रहीं।
• 1949 में संयुक्त राष्ट्रसंघ महासभा अधिवेशन में भारतीय प्रतिनिधि मंडल की सदस्य के रूप में गईं।
• 1952 और 1957 में नई दिल्ली से लोकसभा के लिए निर्वाचित। इस दौरान लघु उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री रहीं।
• 1962-1967 तक मेंहदावल से उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित।
• 2 अक्तूबर, 1963 से 13 मार्च, 1967 तक उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री।
• 1967 में गोण्डा से लोकसभा के लिए चुनी गईं।