सफ़रनामा ज़िन्दगी का।:- सफ़र दुनिया के सबसे अमीर अरबपति बिल गेट्स की ज़िन्दगी का।
1994 में जब बिल गेट्स और मेलिंडा की शादी हुई, तब बिल की मां मैरी ने विवाह की पूर्व संध्या पर अपनी भावी बहू को चिट्ठी में लिखा-“जिन्हें ज्यादा दिया जाता है, उनसे ज्यादा की उम्मीद भी की जाती है।” इसके छह महीने बाद ही मैरी की स्तन कैंसर से जूझते हुए मौत हो गई। तब तक दुनिया के नंबर एक अमीर बन चुके बिल को मां की मौत से नश्वरता का एहसास हुआ और उन्होंने उसी साल बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की स्थापना की। इसके जरिए बिल 28 अरब डॉलर की भारी-भरकम रकम समाज सेवा के लिए दान कर चुके हैं।
बिल फिलहाल दुनिया के सबसे अमीर आदमी हैं- दौलत के मामले में नहीं, देने के मामले में। वे इस जमाने में सबसे बड़े दानी हैं और अगर वे यह रकम नहीं देते, तो फोब्र्स की लिस्ट में लगातार दुनिया के सबसे बड़े अमीर बने रहते। हालांकि बिल के पास अब भी 56 अरब डॉलर हैं और वे सिर्फ मैक्सिको के कार्लोस स्लिम हेलु से ही पीछे हैं।
बहरहाल, बिल 2008 से माइक्रोसॉफ्ट में पूर्णकालिक काम छोड़कर समाजसेवा के लिए समर्पित हो चुके हैं और उनके अनुसार, यही बाकी की जिंदगी उनका पूर्णकालिक काम होगा। शायद ये उनके संस्कार ही हैं, जो उन्हें दानशीलता के गुण मिले हैं। बिल के फाउंडेशन में उनके पिता गेट्स सीनियर उपाध्यक्ष हैं और 85 बरस की उम्र में भी हर दिन काम करते हैं। दूसरी तरफ, बिल और उनकी पत्नी मेलिंडा अफ्रीका और एशिया के उन तमाम पिछड़े देशों की खाक छानते रहते हैं, जहां उनके फाउंडेशन के जरिए टीकाकारण और समाजसेवा के अन्य काम चल रहे हैं। वे कहते हैं कि उनके लिए फील्ड पर जाना बहुत महत्वपूर्ण है। बकौल बिल, “जगहों को देखना अहम है। जब आप हैजा पीडित बच्चों के वार्ड में जाते हैं, तो दिल दहल जाता है। उनके शरीर से जरूरी द्रव कम हो रहा होता है और दिमाग मंद पड़ रहे होते हैं। एक पिता के लिए, एक इंसान के लिए यह वाकई दिल दहला देने वाला होता है।”
बिल की इंसानियत के बारे में तो दुनिया जानती ही है, पर कम ही लोगों को पता है कि वे एक अच्छे पिता भी हैं। वे कहते हैं कि बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े हर मामले में वे उनकी पूरी परवाह करेंगे। उन्हें बेहतरीन शिक्षा दिलाई जाएगी। लेकिन जहां तक धन-दौलत का सवाल है, उन्हें “बहुत ज्यादा” नहीं मिलने वाला है। उन्हें अपनी पसंद का कोई काम करना होगा और उसके लिए रोज घर से निकलना पड़ेगा।
बिल भले ही करीब-करीब दो दशकों तक दुनिया के सबसे अमीर शख्स रहे और अभी भी अमीरों की सूची में दूसरे नंबर पर बने हुए हैं, पर वे कहते हैं कि उनके बच्चे अब भी आम बच्चे ही हैं। उन्हें अपना जेबखर्च मिलता है। उन्होंने साफ कर दिया है कि बच्चों को विरासत में बहुत मामूली दौलत मिलेगी। हालांकि उन्होंने निश्चित आंकड़ों का खुलासा नहीं किया है, पर कई लोगों का अनुमान है कि यह रकम एक करोड़ डॉलर तो होगी ही। यह बिल की 56 अरब डॉलर की दौलत के आगे कुछ भी नहीं, पर भारतीय रूपयों में देखें, तो यह अल्पराशि भी एक करोड़ रूपए के बराबर होती है। एक अच्छे पिता की तरह बिल की कोशिश रहती है कि उनके साम्राज्य का असर परिवार पर न पड़े।
गेट्स दंपति के तीन बच्चे हैं- 15 साल की जेनिफर, 12 बरस का रोरी और नौ साल का फीबे। बच्चों की समझदारी का यह आलम कि 12 वर्षीय रोरी अपने पिता के सामने लेडी गागा का गीत नहीं चलाता, क्योंकि बकौल बिल, “उसे लगता है कि कहीं उसका नौ वर्षीय भाई गीत के गंदे शब्द न सुन ले। इसलिए वह तुरंत ऎसे गाने को बदलवा देता है।” लेकिन बच्चे शरारती इतने हैं कि “बिलियनेयर” सांग गाकर अपने पिता को खिझाते हैं। ट्रैवी मैक्कॉय और ब्रूनो मार्स का यह गीत पिछले साल लोकप्रियता के तीसरे पायदान पर था।
इसमें वे अरबपति बनने की इच्छा जताते हुए कहते हैं कि वे फोब्र्स के कवर पर आना चाहते हैं और ओपरा विनफे्र व क्वीन एलिजाबेथ की बगल में खड़ा होना चाहते हैं। बच्चे अपने अरबपति पिता के लिए यह सब गाते हैं और पिता भी इससे बहुत खुश होते हंै।
55 बरस के बिल को यह सब मजेदार लगता है, क्योंकि उनकी ऎसी तमन्नाएं नहीं हैं। वे 31 वर्ष की आयु में अरबपति बन गए थे। ओपरा विन्फ्रे उनकी दोस्त हैं और दान-पुण्य को लेकर उनसे सलाह लेती रहती हैं, जबकि क्वीन 2005 में बिल को नाइटहुड से सम्मानित कर चुकी हैं। सो, बिल बच्चों का गाना सुनकर हंस देते हैं।
वैसे, सौम्य और शर्मीले लगने वाले बिल काफी मजाकिया हैं और उनका हास्यबोध भी अच्छा है, सो वे खुद का मजाक भी बनाते रहते हैं। एक बार जब उनसे पूछा गया कि जो पैसा वे चैरिटी के नाम पर देते हैं, क्या उसके भ्रष्ट शासकों के हाथ में चले जाने को लेकर चिंता नहीं होती, तो वे बोले, “एक तो हम वैक्सीन खरीदकर देते हैं और खरीदते समय दाम में छूट भी मांग लेते हैं।”
चूंकि यह बात जिम्बाब्वे के भ्रष्ट शासक रॉबर्ट मुगाबे का हवाला देकर कही गई थी, इसलिए वे कहते हैं, “और लोग वैक्सीन तो इकट्ठा कर नहीं सकते। तो ऎसा तो नहीं होगा कि आप मुगाबे के महल में जाएं और आपको तहखाने में बोरों में भरी हुई वैक्सीन मिलें!” बहरहाल, वे स्मार्ट तरीके से दान करते हैं। विश्व खाद्य संगठन सरीखी संस्थाओं को वे सीधे पैसा देते हैं, जबकि जहां वैक्सीन देते हैं, वहां बराबर निगाह रखते हैं कि कितने बच्चों को टीके लगे हैं।
उन्होंने 1975 में पॉल एलेन के साथ मिलकर एक पीछे के कमरे में माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना की थी, जो अब 400 अरब डॉलर का साम्राज्य है। दुनियाभर में इसके 89,403 कर्मचारी हैं। बिल की पत्नी मेलिंडा भी माइक्रोसॉफ्ट में मैनेजर थीं और यहीं उन दोनों की मुलाकात हुई थी। बहरहाल, यह कंपनी लोकप्र्रियता और मुनाफे के मामले में मिसाल बन चुकी है।
दुनिया में किसी भी उत्पाद के एक अरब उपभोक्ता नहीं हैं, पर माइक्रोसॉफ्ट विंडोज और वर्ड के एक-एक अरब से ज्यादा उपयोगकर्ता हैं। 1986 में जिन लोगों ने माइक्रोसॉफ्ट का शेयर 21 डॉलर में खरीदा था, वह अब 6,912 डॉलर का हो चुका है। विश्वभर में साढ़े पांच करोड़ से अधिक एक्सबॉक्स 360 गेम कंसोल हैं। पर उनकी सबसे बड़ी “उपलब्घि” है वह दौलत, जो उन्होंने दान की है। वे 28 अरब डॉलर दान कर चुके हैं।
ऎसा भी नहीं है कि बिल सिर्फ भावुक होकर यह सब कर रहे हैं। आमतौर पर लोग अपने किसी प्रिय की मृत्यु के बाद उस कारण को मिटा देना चाहते हैं जिसके चलते उन्हें अपने प्रिय को खोना पड़ा था। इस लिहाज से बिल को कैंसर उन्मूलन के लिए जुटना था, पर उनका सारा जोर टीकाकारण के जरिए मासूमों की जिंदगियां बचाने पर है। इस बारे में वे कहते हैं, “फाउंडेशन का सूत्र है कि हर जीवन की बराबर कीमत है। किसी भी तरह के कैंसर की तुलना में कहीं ज्यादा लोग मलेरिया से मरते हैं। जब आप उम्र के आठवें दशक में हार्ट अटैक या कैंसर से मरते हैं, तो यह तीन साल की उम्र में मलेरिया से जान गंवा देने से अलग होता है। और फिर, दुनियाभर में कैंसर पर ढेरों पैसा खर्च हो रहा है, सो मेरी दौलत इस मामले में बेमतलब हो जाएगी।”
बिल गेट्स जानते हैं कि दौलत कैसे कमाई जाती है और कैसे खर्च की जाती है। उन्होंने मां की लिखी वह चिट्ठी अभी तक संभालकर रखी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जिसे ज्यादा दिया जाता है, उससे ज्यादा उम्मीद भी रखी जाती है। वे इस बात पर अमल भी करते हैं और यही अपनी प्यारी मां के प्रति उनकी सच्ची श्रद्धांजलि भी है।
बिल की सबसे बड़ी दौलत
अगर बिल गेट्स के घर में आग लग जाए, तो वे सबसे पहले किस चीज को बचाएंगे? बकौल बिल, यह लियोनार्डो दा विंची की नोटबुक होगी, जिसे उन्होंने 1994 में 3.8 करोड़ डॉलर में खरीदा था। वैसे बिल खूब पढ़ाकू हैं। वॉशिंगटन लेक के समीप करीब 850 करोड़ रूपए की लागत से बने उनके हाईटेक घर में एक बड़ी सी लाइब्रेरी भी है, किताबों से भरी हुई। वे आमतौर पर डिजिटल की बजाय “असली” किताबें पढ़ना पसंद करते हैं। उनके पास न्यूटन और अब्राहम लिंकन के हस्तलिखित दस्तावेज भी हैं।