F&O यानी Futures and Option क्या होते है?
F&O यानी Futures and Options—ये शेयर बाजार (stock market) में ट्रेडिंग के दो महत्वपूर्ण डेरिवेटिव (derivatives) टूल्स हैं। इनका इस्तेमाल आमतौर पर प्रॉफिट कमाने या जोखिम (risk) से बचने के लिए किया जाता है।
F&O यानी Futures and Option क्या होते है?
1. Futures (भविष्य अनुबंध) क्या है?
•यह एक ऐसा कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमें दो पक्ष किसी खास शेयर या इंडेक्स को एक तय कीमत और तारीख पर खरीदने या बेचने का वादा करते हैं।
•उदाहरण: मान लीजिए आपने Reliance का Futures खरीदा ₹2500 पर, जो एक महीने बाद एक्सपायर होगा। अगर एक महीने बाद कीमत ₹2600 हो जाती है, तो आपको ₹100 का प्रॉफिट मिलेगा प्रति शेयर।
Futures की खास बातें:
•इसमें पूरा पैसा नहीं देना होता, सिर्फ एक margin देना होता है।
•प्रॉफिट/लॉस असली में कैश में होता है, शेयर नहीं मिलते।
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2. Options (विकल्प अनुबंध) क्या है?
•Option एक ऐसा कॉन्ट्रैक्ट है जो आपको एक तय तारीख तक किसी शेयर को खरीदने या बेचने का अधिकार (right) देता है, लेकिन कोई ज़रूरी नहीं कि आप उसे इस्तेमाल करें।
•दो प्रकार:
•Call Option – खरीदने का अधिकार
•Put Option – बेचने का अधिकार
Example: आपने Reliance का ₹2500 पर Call Option खरीदा है और प्रीमियम ₹50 है। अगर Reliance ₹2600 पहुंचता है, तो आपको फायदा होता है।
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3. मुख्य अंतर – Futures vs Options
Point Futures Options
Risk ज्यादा (असीमित) सीमित (केवल प्रीमियम तक)
Obligation (दायित्व) हाँ, खरीदना/बेचना जरूरी नहीं, सिर्फ अधिकार होता है
Margin देना होता है Call/Put का Premium देना होता है
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4. F&O क्यों इस्तेमाल करते हैं?
•Speculation (अटकलबाज़ी): कम पैसों में ज़्यादा मुनाफ़ा कमाने की कोशिश।
•Hedging (जोखिम कम करना): निवेश को सुरक्षित रखने के लिए।
•Arbitrage: दो मार्केट्स में कीमत का फर्क इस्तेमाल करना।
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अगर आप चाहें, मैं NSE/BSE के डेटा के साथ रियल लाइफ उदाहरण भी समझा सकता हूँ।
क्या आप Options को पहले सीखना चाहेंगे या Futures?