Stock Market - Share Market
IPO में आवेदन के बाद शेयरों का आवंटन कैसे होता है?
How are shares allotted after applying for an IPO?

IPO (Initial Public Offering) में आवेदन के बाद शेयरों का आवंटन एक प्रक्रिया है जिसमें निवेशकों को शेयरों का वितरण किया जाता है। जब कोई कंपनी अपना IPO लाती है, तो वह निवेशकों से शेयरों के लिए आवेदन प्राप्त करती है। इसके बाद, उन आवेदनकर्ताओं में से कुछ को शेयर आवंटित किए जाते हैं और कुछ को नहीं। आवंटन प्रक्रिया की पूरी जानकारी निम्नलिखित है:
1. आईपीओ आवेदन प्रक्रिया (IPO Application Process):
- जब किसी कंपनी का IPO खुलता है, तो निवेशक विभिन्न माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं। यह आवेदन ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीके से किया जा सकता है।
- निवेशक अपना आवेदन पूरी तरह से भरते हैं और आवश्यक धनराशि (प्रत्येक शेयर की कीमत और आवेदन किए गए शेयरों की संख्या का योग) भुगतान करते हैं।
2. ओवरसब्सक्रिप्शन (Oversubscription):
- IPO में ओवरसब्सक्रिप्शन तब होता है जब अधिक लोग शेयरों के लिए आवेदन करते हैं, जो कि कंपनी द्वारा निर्धारित शेयरों की संख्या से अधिक होते हैं।
- उदाहरण के लिए, अगर किसी कंपनी ने 1 करोड़ शेयर जारी किए हैं, और निवेशकों ने 2 करोड़ शेयरों के लिए आवेदन किया है, तो इसे ओवरसब्सक्रिप्शन कहा जाएगा।
3. शेयरों का आवंटन (Share Allotment):
जब आवेदनकर्ताओं की संख्या अधिक होती है (ओवरसब्सक्रिप्शन), तो शेयरों का आवंटन रैंडम आधार (लॉटरी सिस्टम) पर होता है। आवंटन के तरीके निम्नलिखित हो सकते हैं:
क. रैंडम आधार (Lottery Method):
- अगर IPO ओवरसब्सक्राइब होता है, तो शेयरों का आवंटन लॉटरी सिस्टम के आधार पर किया जाता है। इसमें उन सभी निवेशकों को शेयर मिलते हैं, जिन्होंने सही तरीके से आवेदन किया था।
ख. प्रोराटा आवंटन (Pro-rata Allotment):
- अगर ओवरसब्सक्रिप्शन बहुत ज्यादा है और लॉटरी प्रणाली लागू नहीं होती है, तो शेयरों का आवंटन प्रोराटा आधार पर होता है। इसका मतलब है कि प्रत्येक आवेदक को उन शेयरों का एक हिस्सा मिलेगा, जो उन्होंने आवेदन किया था। उदाहरण के लिए, अगर किसी निवेशक ने 1000 शेयरों के लिए आवेदन किया और केवल 500 शेयरों का आवंटन हुआ, तो उसे 500 शेयर मिलेंगे।
4. शेयर आवंटन के बाद प्रक्रिया:
- शेयरों का क्रेडिट होना: जब आवंटन किया जाता है, तो आवंटित शेयर निवेशक के डीमैट अकाउंट में जमा कर दिए जाते हैं।
- रिफंड: जिन निवेशकों को शेयर आवंटित नहीं होते, उन्हें उनका पूरा पैसा रिफंड कर दिया जाता है। रिफंड का पैसा निवेशक के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है।
- लिस्टिंग: एक बार शेयरों का आवंटन हो जाने के बाद, कंपनी के शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो जाते हैं और निवेशक इन्हें खुले बाजार में खरीद-बेच सकते हैं। यह प्रक्रिया लिस्टिंग कहलाती है।
5. शेयर आवंटन का निर्णय कब होता है?
- शेयरों का आवंटन आम तौर पर आईपीओ क्लोज़ होने के बाद 3 से 7 कार्यदिवस के भीतर किया जाता है। इसके बाद रिफंड और शेयर क्रेडिट की प्रक्रिया भी शुरू होती है।
6. आवंटन के बाद निवेशक के लिए क्या कदम होते हैं?
- यदि आपको शेयर आवंटित हो गए हैं, तो आपका नाम डीमैट अकाउंट में उन शेयरों के साथ जुड़ जाएगा और आप शेयरों को खुले बाजार में बेच सकते हैं।
- यदि आपको शेयर आवंटित नहीं होते, तो आपका पैसा रिफंड के रूप में वापस मिल जाएगा। रिफंड प्रक्रिया आमतौर पर 7-10 कार्यदिवसों के भीतर पूरी होती है।
7. शेयर आवंटन की संभावनाएँ (Chances of Allotment):
- कम आवेदन: अगर आईपीओ कम ओवरसब्सक्राइब होता है, तो शेयर मिलने की संभावना अधिक होती है।
- ज्यादा आवेदन: अगर आईपीओ ओवरसब्सक्राइब होता है, तो शेयर मिलने की संभावना कम हो सकती है क्योंकि सभी निवेशकों को शेयर नहीं मिल सकते।
8. आईपीओ आवंटन के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:
- बडी निवेश राशि: ज्यादा आवेदन करने से आवंटन की संभावना बढ़ सकती है, लेकिन यह निश्चित नहीं है।
- शेयर की संख्या: यदि आप एक या दो लॉट के लिए आवेदन करते हैं, तो आपकी आवंटन की संभावना कम हो सकती है।
- प्रोफेशनल निवेशक: कुछ प्रोफेशनल निवेशक या संस्थान बड़े पैमाने पर शेयर खरीदते हैं, जिससे छोटे निवेशकों के लिए आवंटन की संभावना घट जाती है।
यह थी IPO आवेदन के बाद शेयरों के आवंटन की पूरी प्रक्रिया।
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