Raj Kapoor’s All Movie List राज कपूर की सभी फ़िल्मो की लिस्ट।
Brijesh Yadav2 days agoLast Updated: 23 February 2025
Raj Kapoor सन् 1935 में, जब राज कपूर की उम्र केवल 11 वर्ष थी, फ़िल्म इंकलाब में अभिनय किया। वे बांबे टाकीज़ स्टुडिओ में सहायक (helper) का काम करते थे। बाद में वे केदार शर्मा के साथ क्लैपर ब्वाय का कार्य करने लगे। उनके पिता पृथ्वीराज कपूर को विश्वास नहीं था कि Raj Kapoor कुछ विशेष कार्य कर पायेगा, इसीलिये उन्होंने उसे सहायक या क्लैपर ब्वाय जैसे छोटे काम में लगवा दिया था। केदार शर्मा ने राज कपूर के भीतर के अभिनय क्षमता और लगन को पहचाना और उन्होंने Raj Kapoor को सन् 1947 में अपनी फ़िल्म नीलकमल, जिसकी नायिका (heroine) मधुबाला थी, उन्हें नायक (hero) का काम दे दिया। 24 साल की उम्र में ही अर्थात सन् 1948 में उन्होंने अपनी स्टुडिओ, आर.के. फिल्म्स, की स्थापना कर लिया था और उस समय के सबसे कम उम्र के निर्देशक बन गये थे। सन् 1948 में उन्होंने पहली बार फ़िल्म ‘आग’ का निर्देशन किया और वह अपने समय की सफलतम फ़िल्म रही।
Raj Kapoor ने सन् 1948 से 1988 तक की अवधि में अनेकों सफल फ़िल्मों का निर्देशन किया जिनमें अधिकतम फ़िल्में बॉक्स आफिस पर सुपर हिट रहीं। अपने द्वारा निर्देशित अधिकतर फ़िल्मों में राज कपूर ने स्वयं हीरो का रोल निभाया। Raj Kapoor और नर्गिस की जोड़ी सफलतम फ़िल्मी जोड़ियों से एक थी, उन्होंने फ़िल्म आह, बरसात, आवारा, श्री 420, चोरी चोरी आदि में एक साथ काम किया था।
मेरा नाम जोकर उनकी सर्वाधिक महत्वाकांक्षी फ़िल्म थी जो कि सन् 1970 में प्रदर्शित हुई और जिसके निर्माण में 6 वर्षों से भी अधिक समय लगा। उनकी इस फ़िल्म के प्रति महत्वाकांक्षा का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि सन् 1955 में प्रदर्शित उनकी फ़िल्म श्री 420 में नर्गिस के सामने वे अपने रोल में कहते हैं कि “खा गई न तुम भी कपड़ों से धोखा” और ब्लेक बोर्ड पर जोकर का चित्र बना देते हैं। शायद ‘जोकर’ (Joker, विदूषक) विषय वस्तु पर फ़िल्म बनाने का उनका विचार सन् 1955 से ही था पर बना पाये वे सन् 1970 में। पर बॉक्स आफिस पर उनकी यह फ़िल्म टिक नहीं सकी और उन्हें अत्यंत मायूसी हुई किसी प्रकार से अपनी निराशा से मुक्ति पाकर राज कपूर ने फ़िल्म बॉबी के निर्माण व निर्देशन में जुट गये। बॉबी सन् 1973 में प्रदर्शित हुई जो बॉक्स आफिस पर सुपर हिट हुई। अपनी इस फ़िल्म में उन्होंने अपने बेटे ऋषि कपूर और नई कलाकार डिंपल कापड़िया को मुख्य रोल दिया और दोनों ही बाद में सुपर हिट स्टार साबित हुये।
बॉबी फ़िल्म की सफलता के बाद Raj Kapoor ने अपनी अगली फ़िल्म सत्यं शिवं सुन्दरं बनाई जो कि फिर एक बार हिट हुई। इस फ़िल्म के क्लाइमेक्स में बाढ़ का दृश्य था जिसे फ़िल्माने के लिये अपने खर्च से नदी पर बांध बनवाया और नदी में भरपूर पानी भर जाने के बाद बांध को तुड़वा दिया जिससे कि बाढ़ का स्वाभाविक दृश्य फ़िल्माया जा सके। इस दृश्य के फ़िल्मांकन हो जाने के बाद जब उसे राज कपूर को दिखाया गया तो दृश्य उन्हें पसंद नहीं आया और एक बार फिर से लाखों रुपये खर्च करके राज कपूर ने बांध बनवाया तथा उस दृश्य को फिर से शूट किया गया।
सत्यं शिवं सुन्दरं के बाद Raj Kapoor की अगली सफल फ़िल्म राम तेरी गंगा मैली रही। राम तेरी गंगा मैली बनाने के बाद वे हिना के निर्माण में लगे थे जिसकी कहानी भारतीय युवक और पाकिस्तानी युवती के प्रेम सम्बंध पर आधारित थी। हिना के निर्माण के दौरान राज कपूर की मृत्यु हो गई और उस फ़िल्म को उनके बेटे रणधीर कपूर ने पूरा किया।
Raj Kapoor को सिने प्रेमी दर्शकों के साथ ही साथ फ़िल्म आलोचकों से भी भरपूर प्रशंसा मिली। वे चार्ली चैपलिन के प्रशंसक थे और उनके अभिनय में चार्ली चैपलिन का पूरा पूरा प्रभाव पाया जाता था। राज कपूर को भारतीय सिनेमा का चार्ली चैपलिन भी कहा जाता है। राज कपूर की फ़िल्मों ने सोवियत रूस, चीन, आफ्रीका आदि देशों में भी प्रसिद्धि पाई। रूस में तो उनकी फ़िल्मों के हिंदी गाने भी अत्यंत लोकप्रिय रहे हैं विशेषकर फ़िल्म आवारा और श्री 420 के।
Raj Kapoor को संगीत की बहुत अच्छी समझ थी। साथ ही साथ वे यह भी अच्छी तरह से जानते थे कि किस तरह के संगीत को लोग पसंद करते हैं यही कारण है कि आज तक उनके फ़िल्मों के गाने लोकप्रिय हैं। संगीतकार शंकर जयकिशन, जो कि लगातार 18 वर्षों तक नंबर 1 संगीतकार रह चुके हैं, को उन्होंने ही अपनी फ़िल्म बरसात में पहली बार संगीत निर्देशन का अवसर दिया था। फ़िल्म बरसात से राज कपूर ने अपनी फ़िल्मो के गीत संगीत के लिये एक प्रकार से एक टीम बना लिया था जिसमें उनके साथ गीतकार शैलेन्द्र तथा हसरत जयपुरी, गायक मुकेश और संगीतकार शंकर जयकिशन शामिल थे ये सभी के एक दूसरे के अच्छे मित्र थे और लगभग 18 वर्षों के एक बहुत लंबे अरसे तक एक साथ मिल कर काम करते रहे।