एचआइवी/एड्स के लक्षण और संकेत – HIV/AIDS symptoms and signs – HIV Aids Ke Lachchan

एचआइवीएड्स के लक्षण और संकेत – HIVAIDS symptoms and signs – HIV Aids Ke Lachchan 

एचआइवी संक्रमण की एक ऐसी अवस्था है जब रोग-प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत ही कमजोर हो जाती है| एड्स को रोगियों को बार-बार गंभीर बीमारियाँ होती हैं| संक्रमण को इस अवस्था तक पहुचने में 8 से 10 वर्ष तक लग सकते हैं| एचआइवी और एड्स के लक्षण अलग-अलग लोगों में अलग-अलग होते हैं ऐसा इसलिए होता है कि:

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वयस्क लोगों में एड्स के विकास को चार वर्गों में विभाजित किया गया है, जो इस प्रकार है:

1- आरंभिक संक्रमण

संक्रमण के कुछ समय बाद ही अधिकतर लोगों को  कोई छोटी-मोटी बीमारी  होती है| यह फ्लू से थोड़ी बड़ी बीमारी के समय भी संक्रमित व्यक्ति अपने को कुछ स्वस्थ सा महसूस करता है| संक्रमण के 3-6 महीने के बाद एचआईवी जाँच से यह पता चल जाता है कि व्यक्ति “एचआइवी पाजिटिव” इसके बाद अधिकतर लोगों में लबें समय तक एचआइवी  के लक्षण और संकेत दिखाई पड़ते हैं| पर जहाँ एक ओर ये लोग अपने को स्वास्थ्य महसूस कर रहे होते है, वहीँ दूसरी ओर उनकी शरीर में एचआईवी में वृद्धि होती रहती है और वे ऊपर बताई गई किसी पद्धति से दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं 


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2- एसिम्टामैटिक (उपगामी) वाहक की अवस्था

संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ महसूस कर सकता है, पर वह इस अवस्था के दौरान दूसरों को संक्रमित कर सकता है| आरंभिक प्रयोगशाला जांचे. एक विशेष प्रकार की श्वेत रक्त कोशिकाओं में कमी को दर्शा सकती है| एक बार संक्रमित हो जाने के बाद व्यक्ति जीवन भर संक्रमण का वाहक बना रहता है क्योकि इसका कोई ईलाज आज तक उपलब्ध नहीं हो पाया है

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3- एड्स सम्बन्धी जटिलताएँ

6 महीने से लेकर  कई वर्षों तक संक्रमित रहने के बाद व्यक्ति में एड्स के आरंभिक लक्षण प्रकट होने लगते हैं जो इस प्रकार है:

कृपया इस बात का ध्यान रखें कि ये संकेत और लक्षण अन्य चिकित्सीय स्थितियों में भी हो सकते हैं, इसलिए इनकी उपस्थिति से अपने आप ही या नहीं समझ लेना चाहिए कि व्यक्ति को एचआईवी  या एड्स है

4- एड्स

एचआइवी संक्रमण की या अंतिम अवस्था है| विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वयस्कों में एड्स की परिभाषा के अनुसार या शरीर की स्वाभाविक  प्रतिरक्षा में कमी के ज्ञात कारणों के आभाव में एक से कम एक गौण संकेत के साथ जुड़े दो न्यूनतम प्रमुख संकेतों की उपस्थति है

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प्रमुख लक्षण

इन संकेतों और लक्षणो के अलावा एड्स की विशेषता है, कई अवसरवादी संक्रमण जैसे कि टीबी, कैंसर, मैंनिनजाइटिस, निमोनिया और अन्य फंगल एवं वाइरल संक्रमण| अतः संक्रमित व्यक्ति  या तो प्रमुखतः एड्स के या अवसरवादी संक्रमणों के या दोनों के लक्षण प्रकट कर्ता है| एचआईवी-ग्रस्त बच्चों में ये लक्षण छः महीने की आयु में प्रकट होते हैं| पर जाँच द्वारा तब तक उनको एचआईवी होने का पता नहीं लगाया जा सकता जब तक कि वे 18 महीने के नहीं हो जाते

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गौण लक्षण

सामान्य कापोसीज सार्कोमा (भ्रूण-आबुर्द) या क्रिप्टोकोक्सल मैनिन्जइटिस अपने आप में एड्स के निदान के लिए पर्याप्त है|

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